पायलट की जगह गहलोत को सीएम बनाया, नतीजा हनीमून पीरियड में लोकसभा की 25 सीटें हारे- चौधरी

कांग्रेस विधायक मदेरणा धरने पर बैठी तो इसका मतलब है कि प्रशासन नहीं सुन रहा है उनकी, इसीलिए उनको उठाना पड़ा यह कदम, अगर पार्टी को सत्ता में लाने में सचिन पायलट की मेहनत नहीं है तो अब सवाल ये है कि उसके तुरन्त बाद ही 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीट हाथ क्यों नहीं लगी?- राजेन्द्र चौधरी

‘पायलट के साथ नाइंसाफी क्यों?’
‘पायलट के साथ नाइंसाफी क्यों?’

Politalks.News/Rajasthan/Pilot. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनावों की घोषणा के साथ ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार में भारी फेरबदल की आशंकाओं ने जोर पकड़ लिया है. पिछले कुछ महीनों की लंबी चुप्पी के बाद प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों ने अब खुलकर पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग तेज कर दी है. पायलट समर्थकों का कहना है कि 2013 में हाशिए पर जा चुकी प्रदेश कांग्रेस को सचिन पायलट ने खड़ा किया और 21 सीटों पर सिमटी कांग्रेस को 99 पर पहुंचाया. इसी कड़ी में पायलट समर्थक और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आलाकमान ने 2013 में सचिन को प्रदेश की कमान सौंपी थी और पायलट की मेहनत से पार्टी ने 2018 में विजय हासिल की, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बनाया गया. अगर पार्टी को सत्ता में लाने में सचिन पायलट की मेहनत नहीं है तो अब सवाल ये है कि उसके तुरन्त बाद ही 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक भी सीट हाथ क्यों नहीं लगी?

सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने जाने को नाइंसाफी बताते हुए राजेंद्र चौधरी ने कहा कि 2013 में 21 सीटों पर सिमटने के बाद सचिन पायलट को आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर भेजा. इसके पायलट की मेहनत से 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया और पायलट को उपमुख्यमंत्री. अब सोचने का विषय यह है कि इसके बाद 2019 में हुए चुनाव में पार्टी प्रदेश की पूरी 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव हार गई, जबकि वह तो सरकार का हनीमून पीरियड ही था. चौधरी ने कहा कि आज भी जनमानस सचिन पायलट को ही पसंद करता है और आज भी लोग यह पूछते हैं कि सचिन पायलट के साथ नाइंसाफी क्यों हो रही है? राजेन्द्र चौधरी ने आगे कहा कि 6 सितंबर को पायलट के जन्मदिन पर प्रदेशभर से आई जबरदस्त भीड़ अपने आप आई हुई भीड़ थी, लोग खुद चलकर आए थे. अब इसी से पता चलता है कि सचिन पायलट की जो छवि है वह जनता के बीच कैसी है.

यह भी पढ़े: संघ की ड्रेस पर कांग्रेस का विवादित ट्वीट, आगबबूला हुई BJP- भारत जोड़ो नहीं, आग लगाओ यात्रा है यह

इसके साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि पार्टी के अध्यक्ष का नाम जल्द सामने आएगा. कांग्रेस वो पार्टी है, जहां पर चुनाव होते रहे हैं. राजेश पायलट, जितेंद्र प्रसाद, सीताराम केसरी चुनाव लड़े हैं. इस दौरान चौधरी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि राहुल गांधी स्पष्ट रूप से मना कर चुके हैं कि वह अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हैं. चौधरी ने आगे मीडिया में छपी खबर का हवाला देते हुए आगे कहा कि मुख्यमंत्री का बयान आया है कि सोनिया गांधी कहेंगी तो वो अध्यक्ष बन जाएंगे.

यह भी पढ़े: नहीं झुकेंगे दिल्ली के आगे- मोदी सरकार पर पवार का सीधा हमला, विपक्षी दलों से एकजुट होने का आव्हान

वहीं बीते शनिवार महामंदिर स्थित निजी अस्पताल में चिंरजीवी योजना के तहत एक मरीज के उपचार को लेकर धरने पर बैठी ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के धरना देने सवाल पर प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने कहा कि अगर कांग्रेस विधायक धरने पर बैठे हैं, तो इसका मतलब है कि उनकी प्रशासन नहीं सुन रहा है. उनकी सुनवाई नहीं होने के चलते उनको यह कदम उठाना पड़ा. चौधरी ने कहा कि जोधपुर में मुख्यमंत्री को कहना पड़ा कि सड़कों की हालत खराब है. यह बहुत ही गंभीर विषय है. जोधपुर ही क्यों पूरे राजस्थान में सड़क की मरम्मत होनी चाहिए. बरसात में सड़कें खराब हुई हैं. बरसात के बाद बीमारियां फैलती हैं. उसके लिए भी चिकित्सा विभाग को अलर्ट रहना चाहिए. राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत जब खुद ही कह रहे हैं कि यहां रहना है तो स्थितियां ठीक करनी होंगी, उसके बाद कुछ कहने को नहीं रह जाता. वैसे मुख्यमंत्री गहलोत को यह बात पब्लिक में नहीं कहकर अधिकारियों के बीच ही कहनी चाहिए थी.

Leave a Reply