Politalks.News/Delhi/NCP/Pawar. देशभर में विपक्षी दलों के कई नेताओं पर जारी केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने बीते रोज रविवार को कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में मौजूद शासकों के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी. इसके साथ ही पवार ने भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिए गैर-भाजपा दलों से एक बार फिर मिलकर काम करने का आह्वान किया है. वहीं एनसीपी की ओर से नई दिल्ली में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को खासा हंगामा देखा गया. यहां अधिवेशन के बीच में ही मंच छोड़कर अजीत पवार बाहर निकल गए. माना जा रहा है बोलने वालों की सूची में जयंत पाटिल का नाम होने और खुद का नाम न होने से अजित पवार नाराज हो गए.
आपको बता दें, रविवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. पवार ने मोदी सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने सहित अन्य कई मुद्दों पर आड़े हाथों लिया. इसी बीच एनसीपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करने वालों में अपना नाम न होने और जयंत पाटिल का नाम देखकर एनसीपी विधायक और शरद पवार के भतीजे अजित पवार मंच से उठकर चले गए. अजित पवार के इस तरह उठकर चले जाने से वहां मौजूद उनके समर्थकों ने खूब नारेबाजी की. इस बीच प्रफुल्ल पटेल ने समर्थकों को शांत कराने की कोशिश की और उन्हें बताया कि अजित पवार वॉशरूम गए हैं. खास बात यह है कि यह पूरा ड्रामा पार्टी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में हुआ.
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लोकतांत्रिक तरीके से देंगे सरकार को चुनौती: अधिवेशन में पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए 81 वर्षीय शरद पवार ने कहा कि, ‘‘हमें लोकतांत्रिक तरीके से मौजूदा सरकार को चुनौती देनी है, जो ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों और धनबल का दुरुपयोग कर रही है. हमें इस लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा.” इसके साथ ही पवार ने दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में NCP के राष्ट्रीय सम्मेलन को आयोजित करने का महत्व भी बताया. पवार ने कहा, ‘‘यह वही स्थान है, जहां साल 1737 में दिल्ली के शासकों को चुनौती देने आए बाजीराव पेशवा ने अपनी सेना के साथ शिविर लगाया था.’’
दिग्गज नेता शरद पवार ने कहा कि, ”अगर शिवाजी का इतिहास देखें तो उन्होंने दिल्ली की सत्ता को चुनौती दी, मराठा सरदारों ने दिल्ली की सत्ता को चुनौती दी, आज उसी दिल्ली में हमारी पार्टी का सम्मेलन हो रहा है.” पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “पीएम ने कहा था कि चीन की सेना अंदर नहीं घुसी थी लेकिन अब साफ हो गया है कि उन्होंने गलतबयानी की थी. चीन के मामले पर मोदी सरकार की विफलता साफ है.”
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इससे पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘नफरत फैलाने’ के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया. शरद पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘दिल्ली में मौजूद शासकों’ के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी. इसके साथ ही बपवार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सत्ता से बेदखल करने के लिए गैर-भाजपा दलों से एक बार फिर मिलकर काम करने का आह्वान किया. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब विपक्ष के कई नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश का सामना कर रहे हैं.
भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए करें काम: NCP सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वो समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ रणनीति बनाएं, आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों को लेकर संयुक्त अभियान चलाएं और भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए काम करें. पवार ने विभिन्न राज्यों में होने वाले नगर निगम, जिला परिषद और पंचायत समितियों के आगामी चुनावों में युवा नेतृत्व को अहम भूमिका देकर मजबूत बनाने पर जोर दिया.
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वहीं, दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने उन सभी बकयासों को खारिज किया कि शरद पवार अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं. पटेल ने कहा कि पवार को विपक्षी ताकतों को एकजुट करने लिए विशेष भूमिका निभाने के लिए रखा गया था. प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार ने हमेशा सकारात्मक राजनीति की है. पटेल ने यह भी कहा कि, ”नीतीश जी, ममता जी, केसीआर, स्टालिन, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव या कांग्रेस, सब लोग पवार साहब के पास आते हैं और उनका मार्गदर्शन लेते हैं, केवल इसलिए क्योंकि सभी दलों को लगता है कि पवार साहब ही ऐसे नेता हैं जो सबको मिलाकर रख सकते हैं.”