Politalks.News/UttarPradesh. जब से बिहार की नितीश कुमार सरकार ने BJP से गठबंधन तोड़ राजद के साथ मिलकर नई सरकार बनाई है तभी से देश में अगले लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी गहमागहमी तेज हो गई है. करीब 20 महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी अभी से तैयारियों में जुट गई है तो वहीं विपक्ष भी अब एकसाथ आने की तैयारियों में जुटने लगा है. हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दिल्ली जाकर विपक्ष के तमाम दिग्गजों से मुलाकात की. यही नहीं इसी महीने की 25 तारीख को ये सभी दिग्गज एक मंच पर नजर आने वाले हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि अब बीजेपी की उलटी गिनती शुरू हो गई है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में बिहार की सियासत को लेकर एक नए तरह के पोस्टर की एंट्री हो गई है.
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर लगा ये पोस्टर खूब सियासी सुर्खियां बटोर रहा है. इस पोस्टर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की है. इसके साथ ही इस पोस्टर में एक सियासी मैसेज भी लिखा गया है. यूपी+बिहार=गई मोदी सरकार. यह पोस्टर सपा नेता आईपी सिंह ने लगवाया है. इस पोस्टर के लगने के बाद से सियासी गहमागहमी तेज हो गई है. सपा दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर के मकसद के बारे में पत्रकारों ने जब पार्टी नेता आईपी सिंह से बात करते हुए कहा कि, ‘यूपी और बिहार देश की सियासत की दशा-दिशा तय करने वाले राज्य हैं. ये दोनों बड़ी आबादी वाले राज्य हैं. साथ ही राजनीतिक रूप से जागरूकता भी यहां है. विपक्षी दलों ने अब मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. निश्चित ही यह अपने मकसद में सफल रहेगा.’
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आईपी सिंह ने आगे कहा कि, ‘इस बार का लोकसभा चुनाव केंद्र से मोदी सरकार को हटाने के लिए हो रहा है. सभी विपक्षी दल मिलकर मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करके रहेंगे. यूपी और बिहार की इसमें बड़ी भूमिका होगी.’ बता दें कि समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव बिहार में लगातार महागठबंधन और भाजपा विरोधी मोर्चे के साथ एकजुटता का प्रदर्शन करते रहे हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि अगर सपा और राजद एकसाथ आते हैं तो फिर उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सीटों का ग्राफ और भी ज्यादा गिर सकता है. उत्तरप्रदेश में जहां 80 लोकसभा सीटें हैं तो वहीं बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं. अगर विपक्ष इन दो राज्यों के साथ साथ अन्य राज्यों में भी मजबूती के साथ खड़ा होता है तो वो बीजेपी के सामने बड़ी दिक्कत कड़ी कर सकता है. हालांकि ये सब तब होगा जब पूरा विपक्ष एक साथ हो. तो वहीं विपक्ष के एकसाथ आने का फार्मूला बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिया है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने देश में विपक्षी एकता को साथ लाने को लेकर बड़ी बात कही है. तेजस्वी ने कहा कि विपक्षी दलों को जिस तरह बिहार में एक साथ लाया गया, उसी तरह देश की सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए बिहार के फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाएगा और यह मुहिम कारगर साबित होगी. नीतीश कुमार और लालू प्रसाद जी विपक्षी दलों को लामबंद करने के प्रयास में लगे हैं. बिहार में एक पार्टी को छोड़कर सभी पार्टियां गोलबंद हो गई.’ वहीं तेजस्वी यादव ने ममता बनर्जी, लेफ्ट, अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस को एक साथ एक मंच पर लाने को लेकर कहा कि, ‘अगर हम एक होते हैं तो हमारा देश, देश का संविधान, लोकतंत्र बचेगा. सबको यही सोचना है देश के लोकतंत्र भाईचारे और संविधान को बचाना है तो हम सब लोगों को अपने- अपने ईगो को छोड़कर एक होना पड़ेगा.’
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तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी जिम्मेदारी सब को एकजुट करना है. नीतीश कुमार की कोई लालसा नहीं है कि वह प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनें. उनका काम है जो संप्रदायिक ताकते हैं उनको कैसे हराए जाए. उनकी भूमिका शुरू से रही है. उन्होंने 2014 में ही कह दिया था देश एक रहेगा या नहीं ये जनता को तय करना होगा. आज देखिए देश का क्या हाल है उनकी बात सही साबित हो रही है. देश के हालात बिगड़ रहे हैं. आरएसएस का एजेंडा लागू किया जा रहा है. इसलिए लामबंद करने की कोशिश है. लालू जी हमेशा मजबूती के साथ लड़ते रहेंगे.