बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में चांदना और रावत को दिखाए जूते, पायलट जिंदाबाद के जमकर लगे नारे

यह सामाजिक सभा है जो कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के लिए है रखी गई, इसको नहीं देना चाहिए सियासत का रंग, जो कर रहे हैं हंगामा और नारेबाजी, उन्हें चैलेंज करती हूं कि वह पार्टी की मीटिंग में आएं- शकुंतला रावत, कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को कलंकित करने वाले कितना दूर तक जाएंगे यह वक्त बताएगा- अशोक चांदना

अपमानित चांदना का सियासी पलटवार
अपमानित चांदना का सियासी पलटवार

Politalks.News/Rajasthan. लंबे समय तक गुर्जर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले एवं गुर्जर आरक्षण समिति के सुप्रीमो रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की जयंती के मौके पर आज पुष्कर में स्वर्गीय बैंसला की अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम हुआ. अस्थि विसर्जन से पहले एक सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें, कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय सिंह बैंसला को मंच पर समाज के सामने साफा पहनाकर उनकी विरासत सौंपी गई. वहीं गुर्जर आंदोलन में मारे गए 70 लोगों के परिजनों का मंच पर सम्मान भी किया गया. लेकिन इस कार्यक्रम ने उस सियासी रंग ले लिया जब मंच पर प्रदेश सरकार में मंत्री एवं गुर्जर नेता अशोक चांदना और शकुंतला रावत पहुंची. दोनों नेताओं का मंच पर पहुंचना सभा में मौजूद सचिन पायलट समर्थकों को रास नहीं आया और उन्होंने दोनों नेताओं को काले कपडे दिखाए और उनकी तरफ जूते भी फेंके गए. वहीं इस घटनाक्रम पर अब अशोक चांदना की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. चांदना ने ट्वीट करते हुए लिखा- कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे यह तो वक्त बताएगा…’

आपको बता दें, स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला की अगुवाई में 17 अगस्त को झुंझुनूं के खेतड़ी से शुरू हुई कर्नल बैंसला की अस्थि विसर्जन यात्रा सोमवार को 26वें दिन पुष्कर में खत्म हुई. इस दौरान हुई सभा में गुर्जर समाज के साथ रेबारी, राइका, देवासी, गड़रिया, बंजारा, गाडरी, गायरी, गाड़िया-लुहार समाज के लोग भी भारी संख्या में जुटे. विधानसभा चुनाव से ठीक सवा साल पहले हुई इस सभा में सियासी फायदा देखते हुए भाजपा-कांग्रेस के कई नेता भी पहुंचे. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, कांग्रेस सरकार में मंत्री अशोक चांदना, शकुंतला रावत एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे एवं RCA अध्यक्ष वैभव गहलोत, RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने भी सभा में शिरकत की. लेकिन इस दौरान वहां हुए सियासी ड्रामे के बाद कर्नल किरोड़ी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में आयोजित यह सभा अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुकी है.

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दरअसल, सभा को संबोधित करने के लिए जब प्रदेश सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना और शकुंतला रावत को बुलाया गया तो सभा में मौजूद लोगों ने जूते और अन्य सामान फेंककर विरोध जताना शुरू कर दिया. यही नहीं लोगों ने सचिन पायलट जिंदाबाद के जमकर नारे भी लगाए. ऐसा नहीं है कि सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे बाद में लगने शुरू हुए वो तो कार्यक्रम की शुरुआत से ही लग रहे थे लेकिन बाद में पायलट समर्थक और भी ज्यादा उग्र हो गए. मंच पर जब उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत भाषण देने आईं तो उनका विरोध शुरू हो गया. लेकिन फिर भी विरोध के बीच रावत ने अपना संबोधन जारी रखा और करौली में कर्नल बैंसला के नाम पर कॉलेज खोलने की घोषणा की. शकुंतला रावत ने कहा कि, ‘यह सामाजिक सभा है जो कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के लिए रखी गई है. इसको सियासत का रंग नहीं देना चाहिए. जो लोग हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं, उन्हें चैलेंज करती हूं कि वह पार्टी की मीटिंग में आएं.’

इसके बाद खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना भाषण देने के लिए आए लेकिन वहां मौजूद पायलट समर्थकों को यह रास नहीं आया और वो जोर जोर से चिल्लाने लगे. यही नहीं उन्होंने जूते व अन्य सामान फेंक कर हंगामा खड़ा कर दिया और पायलट जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. हंगामे के कारण चांदना को अपना भाषण बीच में ही अधूरा छोड़ना पड़ा. वहीं इस पुरे घटनाक्रम पर जब पत्रकारों ने विजय बैंसला से सवाल पुछा तो उन्होंने कहा कि, ‘यह महज एक हादसा है. यह कम्युनिटी सेंटिमेंट नहीं है. जो हुआ, वो एक कोने में बैठे कुछ लोगों ने किया. जिन्होंने जूते फेंके, उनके दो चार जूते हमारे पास हैं वो अगर चाहे तो आकर ले जाएं. मेरे मन में सचिन पायलट को लेकर नाराजगी थी कि वे नहीं आ पाए. वे बिजी रहे होंगे और लोग नहीं समझ पाए. जिनको समझ में आई, वो चुप थे. कार्यक्रम में दोनों पार्टियों के लोग थे ऐसे में किसी तरह का कोई विवाद नहीं था.’

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इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब केबिनेट मंत्री अशोक चांदना की भी इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया सामने आई है. अशोक चांदना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला 72 शहीदों के मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेन्द्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालिया बजी और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए. जिस मंच पर जूते फेंके गए उस पर शहीदों के परिवारजन बैठे थे कम से कम उनका तो ख्याल कर लेते. कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे यह तो वक्त बताएगा.

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