आम बजट को गहलोत ने बताया हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग, तो मैडम राजे ने कहा सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय

आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई जिससे आम आदमी का जीवनयापन दूभर हुआ, ERCP को राष्ट्रीय दर्जा न देना राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है, जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर देगी माकूल जवाब- अशोक गहलोत, यह बजट हिन्दुस्तान को ग्रीन ग्रोथ की दिशा में तेज़ी से आगे ले जायेगा. जो पूरी तरह से किसान, महिला, नौकरी-पेशा, व्यापारी और युवाओं सहित सभी वर्गों की ख़ुशहाली को है समर्पित- वसुंधरा राजे, गांव खेत किसान के सपने तोड़ने वाला बजट- प्रताप सिंह खाचरियावास

bjp vs cong
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Ashok Gehlot & Vasundhra Raje on Union Budget 2023: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम पूर्ण बजट 2023-24 बुधवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किया. लाल साड़ी में लाल बही-खाते में बजट लेकर संसद पहुंची निर्मला सीतारमण ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ये सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया. हालांकि कहने को तो मोदी सरकार के इस बजट में महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को बहुत सौगातें मिली हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले के आखिरी पूर्ण बजट में राजस्थान को निराशा हाथ लगी है. बजट में पूर्वी राजस्थान के लिए बहुप्रतीक्षित ERCP योजना के बारे में कुछ नहीं बोला गया है, जबकि उत्तरी कर्नाटक को ‘भद्र सिंचाई परियोजना’ के लिए 5300 करोड़ रुपये मिल गए हैं. ऐसे में जहां केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बजट को सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के साथ समावेशी विकास की दिशा में देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया है.

पहले बात करें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया की तो मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक बताया है. सीएम गहलोत ने कहा कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है. ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है. गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना में वर्ष 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 30,000 करोड़) कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान, एवं आमजन विरोधी है.सीएम गहलोत ने कहा कि इस बजट में कृषि एवं कृषक कल्याण से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है लेकिन कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले वर्ष से लगभग 6 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 7,500 करोड़) कम राशि का प्रावधान किया गया है. इसी प्रकार यूरिया सब्सिडी मद में गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत (लगभग राशि रुपये 23,000 करोड़) की उल्लेखनीय कमी कर दी है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा करते हुए गत वर्षों की तुलना में इस बजट में नगण्य वृद्धि की गई है. समस्त देश विगत वर्षों से मंहगाई से त्रस्त है, आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में काफी वृद्धि हुई जिससे आम आदमी का जीवनयापन दूभर हुआ. मंहगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा.

ERCP को नहीं दिया गया राष्ट्रीय दर्जा
इसके साथ ही सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि केन्द्रीय बजट की यदि राजस्थान प्रदेश के संदर्भ में बात की जाये तो यह बजट प्रदेश के लिए घोर निराशाजनक रहा. राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है. जबकि चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में राशि रुपये 5,300 करोड़ उपलब्ध कराया जाना केन्द्र का राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है. राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर माकूल जवाब देगी.

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बजट सर्वजन हिताय,सर्वजन सुखाय है- वसुन्धरा राजे
वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय है, जो समावेशी विकास की दिशा में देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम है. मैडम राजे ने कहा कि बजट में जहां एक ओर देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तब्दील करने के लिए पूँजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे जीडीपी के 3.3 प्रतिशत के स्तर तक ले जाया गया है, तो वहीं दूसरी ओर कल्याणकारी ख़र्चों में भी वृद्धि की गई है. यह बजट हिन्दुस्तान को ग्रीन ग्रोथ की दिशा में तेज़ी से आगे ले जायेगा. जो पूरी तरह से किसान, महिला, नौकरी-पेशा, व्यापारी और युवाओं सहित सभी वर्गों की ख़ुशहाली को समर्पित है.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि बजट में 7 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ़्री करके मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी गई है. अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त अनाज की आपूर्ति एक वर्ष के लिए बढ़ाने, कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाने व यूरिया की सब्सिडी को दोगुनी से अधिक करने, युवाओं के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय व नए नर्सिंग कॉलेज खोलने तथा जनजातीय समूहों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए जो प्रयास इस बजट में किए गये हैं वह प्रशंसनीय है. मैडम राजे ने आगे कहा कि साथ ही 50 एयरपोर्ट्स,हेलिपोर्ट्स, वॉटर एयरोड्रॉम्स और एडवांस्ड लैंडिंग जोन्स का कायाकल्प करने,महिला सम्मान बचत पत्र के माध्यम से महिलाओं को 7.5 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर से बचत पत्र खरीदने की सुविधा देने,वरिष्ठ नागरिकों के बचत खाते की सीमा दोगुनी करने और पीएम कौशल विकास योजना 4.0 के माध्यम से 47 लाख युवाओं को 3 साल तक भत्ता देने जैसी घोषणाएँ देशवासियों के लिए सौग़ात है.

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वहीं गहलोत सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खारचरियावास ने मोदी सरकार के आम बजट को दिशाहीन और निराशजनक बताया है. खाचरियावास ने कहा कि केंद्र का बजट पूरी तरह फेल है. उन्होंने कहा कि लोग उम्मीद कर रहे थे कि पेट्रोल डीजल से राहत मिलेगी क्योंकि क्रूड ऑयल के दाम गिरे हैं, लेकिन जनता के आंखों में अब भी आंसू है. उन्होंने कहा कि पहले ही टैक्स लगा चुके हैं. यूपीए सरकार ने ही 2 लाख करोड़ का बजट शुरू किया था, इसलिए यह तो रखना ही पड़ेगा. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि 5 लाख से 7 लाख कर देना ऊंट के मोह में जीरा के सामान है. साथ ही उन्होंने कहा कि गांव खेत किसान के सपने तोड़ने वाला बजट है. मोदी सरकार ने अच्छे दिन का वादा किया था, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी के नाम पर लोगों को परेशान किया गया. भूख से हर घण्टे 4 लोग मर रहे थे.

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