18th loksabha
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18वीं लोकसभा में नई सरकार का पहला सत्र 24 जून से शुरू हो रहा है जो 3 जुलाई तक चलेगा. 9 दिवसीय सत्र में 26 जून से लोकसभा स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी. फिलहाला स्पीकर पद का निर्धारण अभी तक नहीं हुआ है लेकिन इस वक्त शोरगुल स्पीकर पद को लेकर नहीं बल्कि किसी दूसरी बात को लेकर हो रहा है. इसके लिए विपक्षी खेमा हंगामा करने की तैयारी में है. विपक्ष ने ये भी कहा है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गयी तो गठबंधन की ओर से स्पीकर के लिए भी उम्मीदवारी जताई जाएगी. हालांकि एनडीए बहुमत में है लेकिन इस समय क्रॉस वोटिंग की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. वजह है कि चंद्रबाबू नायडू की TDP और नीतीश कुमार की जदयू भी स्पीकर पद मांग रही हैं.

इस समय इंडिया गठबंधन काफी मजबूत स्थिति में है. विपक्ष की 204 सीटों के अलावा ममता बनर्जी के 29 सांसदों का भी विपक्ष को सहयोग प्राप्त है. राजस्थान से भी दो सांसद विपक्ष के साथ हो सकते हैं. एनडीए और इंडिया गठबंधन के अलावा भी करीब 20 से अधिक सांसद सदन में विराजमान होंगे. ऐसे में पलड़ा किसी ओर भी झुक सकता है.

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दरअसल विपक्ष अपने लिए डिप्टी स्पीकर के पद की मांग कर रहा है. 17वीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा था. हालांकि उस वक्त विपक्ष 100 सीटों के भीतर सिमटा हुआ था. इस बार लोकसभा के इतिहास का सबसे मजबूत विपक्ष सदन में बैठा है जो सत्ताधारी दल से बराबर की टक्कर लेने में सक्षम है. डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परम्परा रही है. 16वीं लोकसभा में NDA में शामिल रहे अन्नाद्रमुक के थंबीदुरई को यह पद दिया गया था.

ओम बिड़ला दूसरी बार हो सकते हैं स्पीकर

स्पीकर लोकसभा का प्रमुख और पीठासीन अधिकारी है. स्पीकर का पद सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन की ताकत का प्रतीक होता है. वहीं लोकसभा के कामकाज पर स्पीकर का ही कंट्रोल होता है. कुल मिलाकर लोकसभा कैसे चलेगी, इसकी पूरी जिम्मेदारी स्पीकर की होती है. वो संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है. लोकसभा में विपक्ष के नेता को मान्यता देने का भी फैसला करता है. वह सदन के नेता के अनुरोध पर सदन की ‘गुप्त’ बैठक भी आयोजित कर सकता है.

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इस बार बीजेपी की ओर से राजस्थान में कोटा-बूंदी सीट से बीजेपी सांसद ओम बिड़ला को एक बार फिर से लोकसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है. वहीं बीजेपी की आंध्र प्रदेश अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी को लोकसभा का डिप्टी स्पीकर बनाया जा सकता है. पुरंदेश्वरी चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं. उन्होंने नायडू का उस वक्त समर्थन किया था, जब उनकी अपने ससुर एनटी रामाराव का तख्तापलट करने पर आलोचना हो रही थी. ऐसा करके चंद्रबाबू पर सॉफ्ट प्रेशर बनाया जा सकता है.

विपक्ष खड़ा करेगा अपना स्पीकर पद उम्मीदवार

विपक्ष ने सत्ताधारी पक्ष से सीधे सीधे डिप्टी स्पीकर यानी लोकसभा उपाध्यक्ष के पद की मांग की है. सदन में स्पीकर की गैर-मौजूदगी में डिप्टी स्पीकर ही उसकी ड्यूटी पूरी करता है. संविधान में स्पीकर के साथ डिप्टी स्पीकर के चुनाव का प्रावधान भी है. अगर विपक्ष के सांसद को डिप्टी स्पीकर पद नहीं मिलता है तो विपक्षी खेमा स्पीकर पद के लिए भी अपना उम्मीदवार उतारेगा. ऐसे में कहीं न कहीं बीजेपी को नुकसान होते दिख रहा है. पिछली बार के मुकाबले इस बार विपक्षी दलों के मजबूत स्थिति में होने के चलते किसी सी परिणाम तक अभी पहुंच पाना जल्दबाजी होगी

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