राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से जीते ओम बिड़ला का नाम लोकसभा अध्यक्ष की दोवदारी में सबसे आगे चल रहा है. उम्मीद है कि उन्हें एक बार फिर स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. मोदी 2.0 कार्यकाल में भी बिड़ला यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा चुके हैं. हालांकि एनडीए सरकार दो बड़े घटक दल टीडीपी और और जदयू भी स्पीकर की दौड़ में शामिल हैं लेकिन बिड़ला के कैबिनेट मंत्री न बनने से उनके फिर से स्पीकर बनने की अकटकलें जोर पकड़ चुकी हैं. प्रोटेम स्पीकर का पद प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के पाले में आता दिख रहा है. वहीं स्पीकर का पद न मिलने पर लोकसभा उपाध्यक्ष का पद किसी घटक दल को देने की संभावना है. पिछली सरकार में डिप्टी स्पीकर का पद खाली ही रहा था.
ओम बिड़ला दावेदारी में सबसे आगे
कोटा से सांसद ओम बिड़ला ने मोदी 2.0 सरकार में स्पीकर की जिम्मेदारी काफी अच्छे तरीके से निभाई थी. कई अहम मौकों पर उन्होंने परिस्थितियों को बखूबी तरीके से संभाला था. अपने हंसमुख स्वभाव एवं व्यवहार के चलते दोनों दलों के नेता उनका सम्मान करते हैं. चूंकि भारतीय जनता पार्टी सदन की सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे में यह पद बीजेपी के खेमे में जाना पक्का है. वहीं बिड़ला को कैबिनेट सदस्यों में शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में उनकी स्पीकर पद के लिए दावेदारी मजबूत हो चली है.
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दूसरी ओर, लोकसभा के सीट गणित और सत्ता-विपक्ष के बीच जारी खींचतान को देखते हुए स्पीकर का पद इस बार अहम हो गया है. पूर्व में वित्त एवं गृह मंत्रालय की मांग कर रहे मुख्य घटक टीडीपी और जदयू को निराशा हाथ लगी है. ऐसे में दोनों पार्टियों की ओर से लोकसभा अध्यक्ष के पद की मांग की जा रही है. TDP नेता एन चंद्रबाबू नायडू और जदयू नेता नीतीश कुमार को लगता है कि स्पीकर पद उस समय जीवन बीमा होगा, जब उनकी पार्टी में किसी प्रकार की तोड़फोड़ की कोशिश होगी. वहीं प्रमुख विपक्षी घटक ‘इंडिया गठबंधन’ ने स्पीकर पद के टीडीपी के खेमे में जाने के ऐवज में समर्थन देने की बात कही है.
अटल सरकार में टीडीपी के पास था स्पीकर पद
एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में स्पीकर पद टीडीपी के पास था. तब जीएमसी बालयोगी स्पीकर बने थे. 2024 के आम चुनाव में बालयोगी के बेटे जीएम हरीश मधुर टीडीपी से चुनाव जीते हैं. टीडीपी उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाकर दलित नेता को बड़े संवैधानिक पद पर ले जाने का श्रेय ले सकती है.
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दूसरी ओर, स्पीकर पद के लिए आंध्र प्रदेश की बीजेपी अध्यक्ष डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी चर्चा में है. वे टीडीपी संस्थापक रामाराव की बेटी और चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं. ऐसे में बीजेपी उनके नाम पर नायडू को मना सकती है. हालांकि इसकी संभावना काफी कम है. पुरंदेश्वरी मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुकी हैं.
कांग्रेस के सुरेश बन सकते हैं प्रोटेम स्पीकर
इस बार प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी कांग्रेस के पास जाते दिख रही है. नई सरकार बनने पर सबसे पहले सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है. इस बार भाजपा के वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश ऐसे दो सदस्य हैं, जो सबसे ज्यादा सातवीं बार चुने गए हैं. वीरेंद्र कुमार कैबिनेट में शामिल हैं. लिहाजा कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश प्रोटेम स्पीकर हो सकते हैं. प्रोटेम स्पीकर सांसदों की शपथ कराने के साथ ही स्पीकर का चुनाव कराते हैं. स्पीकर का चुनाव साधारण बहुमत से होता है. ऐसे में यह जिम्मेदारी कांग्रेस सांसद के पैठे आएगी. स्पीकर पद न मिलने पर लोकसभा उपाध्यक्ष का पद टीडीपी या जदयू में से किसी एक को दिया जा सकता है.