ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक के उत्तराधिकारी माने जा रहे वीके पांडियन ने अचानक से सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए अपने राजनीति संन्यास की घोषणा की. पांडियन नवीन पटनायक के करीबी माने जाते हैं. पिछले महीने हुए ओडिशा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की एक तरफा जीत से पांडियन आहत बताए जाते हैं. बीजेपी ने ओडिशा में नवीन पटनायक के 24 साल के तिलस्मी शासन का अंत किया है. ओडिशा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 78 सीटें जीतकर पांच बार के सीएम पटनायक को सत्ता से बाहर किया है. बीजेडी को केवल 51 सीटें मिली हैं. वहीं राज्य में लोकसभा की 21 में से 20 सीटों पर भी बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया है. एक सीट कांग्रेस के खाते में आयी है. सत्तारूढ़ बीजद का खाता भी नहीं खुल सका है.
वीडियो में पांडियन ने कहा, ‘मैंने खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला किया है. अगर मैंने इस यात्रा में किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है. यदि मेरे खिलाफ चले अभियान के कारण BJD की हार हुई है तो मुझे खेद है.’
वीडियो में क्या कहा पांडियन
पांडियन ने सोशल मीडिया पर शेयर किए 4.27 मिनट के वीडियो में कहा, ‘मैं एक बहुत ही साधारण परिवार और एक छोटे से गांव से आता हूं. बचपन से ही मेरा सपना IAS में शामिल होकर लोगों की सेवा करना था. भगवान जगन्नाथ ने इसे पूरा किया. केंद्रपाड़ा से अपने परिवार की वजह से मैं ओडिशा आया. जिस दिन से मैंने ओडिशा की धरती पर कदम रखा, मुझे ओडिशा के लोगों से अपार प्यार और स्नेह मिला है. धर्मगढ़ से लेकर राउरकेला, मयूरभंज से लेकर गंजम तक मैंने लोगों के लिए बहुत मेहनत की है.’
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वीडियो में पांडियन ने आगे कहा कि 12 साल पहले मैं सीएम कार्यालय में शामिल हुआ था. नवीन पटनायक के साथ काम करना सम्मान की बात थी. उनसे मुझे जो अनुभव और सीख मिली, वह जीवन भर के लिए है. उनकी कृपा, नेतृत्व, नैतिकता और सबसे बढ़कर ओडिशा के लोगों के प्रति उनके प्यार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया. युवाओं, स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए काम करने से मुझे बहुत संतुष्टि मिली. कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ने की मेरी अपनी बचपन की यादों ने मुझे 5T के तहत स्कूल परिवर्तन के लिए माननीय सीएम के विजन को लागू करने में मदद की.
ओडिशा चुनाव में हार के लिए माफी मांगी
पांडियन ने कहा कि हमने (पटनायक और पांडियन) ने दो सुपर साइक्लोन का सामना किया. लोगों को जान बचाने के लिए कड़ी मेहनत की. मैंने वीआरएस लेते हुए आईएएस छोड़ा. मेंटर नवीन पटनायक की सहायता के लिए बीजद में शामिल हो गया. मैं केवल पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था. मुझे किसी पोस्ट या पावर की इच्छा नहीं थी. मेरा एकमात्र उद्देश्य पटनायक की मदद करना था, जैसा कि कोई भी अपने मेंटर या परिवार के लिए करता है.
पांडियन ने यह भी कहा कि मैं कुछ नैरेटिव और परसेप्शन को स्पष्ट करना चाहता हूं. शायद ये मेरी कमियां रहीं कि मैं सही समय पर कुछ पॉलिटिकल नैरेटिव का सही ढंग से मुकाबला नहीं कर पाया. मैं फिर कहता हूं कि मैं नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था. मैं न तो उम्मीदवार था और न ही बीजद में किसी पद पर था. मैंने पिछले 12 साल से सुबह से लेकर रात तक नवीन पटनायक और ओडिशा को ध्यान में रखकर ही काम किया. मैं ओडिशा के लोगों और बीजद नेताओं से माफी मांगता हूं. मेरे कारण पार्टी लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव हार गई.
कौन हैं वीके पांडियन
पंजाब कैडर के IAS अधिकारी रह चुके पांडियन को पार्टी की हार की वजह बताया जा रहा था. पार्टी में उनके दबदबे की चलते स्थानीय नेता नाराज चल रहे थे. सीनियर लीडर्स भी पांडियन को लेकर खुश नहीं थे. तमिलनाडु में जन्मे वीके पांडियन को भाजपा ओडिशा की राजनीति में ‘बाहरी’ कहती रही है. पांडियन ने दिल्ली में अपनी पढ़ाई की थी. बाद में उड़िया महिला से शादी करने के बाद ओडिशा कैडर में ट्रांसफर ले लिया.
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पूर्व सीएम पटनायक के निजी सचिव रहे IAS वीके पांडियन को रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था. उन्होंने VRS (वॉलेंट्री रिटायरमेंट) लिया था. कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ 5टी इनीशिएटिव का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. ओडिशा में 5T इनीशिएटिव शुरू करने का आइडिया पांडियन का ही था. इसके तहत राज्य में सभी सरकारी विभागों में एडमिनिस्ट्रेशन को दुरुस्त रखना था. 5T इनिशिएटिव यानी ट्रांसपेरेंसी, टीमवर्क, टेक्नोलॉजी, टाइम और ट्रांसफॉर्मेशन हैं. पांडियन ने श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर, श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना जैसे ओडिशा सरकार के मेगा प्रोजेक्ट्स में भी बड़ी भूमिका निभाई.