Parsadi said this on the statement of Khachariawas: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार व निजी चिकित्सकों के बीच RTH बिल को लेकर पिछले 12 दिनों से चल रहा गतिरोध आज भी बरकरार है. इस बिल को लेकर विपक्षी नेता जहां सरकार को डॉक्टर्स के साथ बैठकर जनहित में उचित समाधान निकालने का बयान दे रहे है, तो वहीं सत्ता पक्ष के मंत्रियों में इस बिल को लेकर एक राय नहीं है. बीते दिन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था की सरकार व डॉक्टर्स के बीच चल रहे गतिरोध को तोड़ने के लिए चार कदम पीछे भी हटाने पड़े तो सरकार हटाएगी इस बयान पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने आज प्रतिक्रिया देते हुए कहा की यह बिल पास होकर रहेगा, पीछे जाने का कोई सवाल ही नहीं है.
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के चार कदम पीछे भी हटाने पड़ेंगे तो सरकार हटाएगी के बयान पर कहा कि कैबिनेट के सभी मंत्रियों की अप्रूवल के बाद ही कोई बिल विधानसभा में जाता है. इस बिल को पूरी कैबिनेट और सभी विधायकों ने पास किया है, पीछे जाने का कोई सवाल ही नहीं है. परसादी मीणा ने आगे कहा कि इस बिल में कोई कमी है तो डॉक्टर्स मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास या किसी और मंत्री को बता दे. इस बिल में अगर कोई कमी रह गई है तो मंत्री खाचरियावास भी आकर बताएंगे तो उस कमी को हम दूर करेंगे.
यह भी पढ़ें: मुझे पेशी के लिए जाना पड़े जाऊंगा, लेकिन संजीवनी पीड़ितों को मिले न्याय- शेखावत पर गहलोत का वार
मंत्री परसादी लाल मीणा ने एक बार फिर RTH बिल को लेकर अपनी बात को दो टूक शब्दों में दोहराते हुए कहा की यह बिल 8 करोड़ प्रदेशवासियों की जनता के हित का बिल है, इस बिल को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लेंगे. मंत्री मीणा ने आगे कहा कि प्रदेश की 8 करोड़ जनता के जनप्रतिनिधियों ने इस बिल को सर्वसम्मति से सदन में पारित किया है. डॉक्टर्स को इस बिल में जो भी समस्याएं है, वो सरकार को बताए, सरकार सुनने को तैयार है, सरकार ने डॉक्टर्स को कभी बात करने से मना नहीं किया है.
बता दें, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीते दिन सरकार व डॉक्टर्स के बीच चल रहे गतिरोध पर कहा था की डॉक्टर्स को अगर लगता है कि राइट टू हेल्थ बिल में उनके हित की बात नहीं है, तो सरकार उसे बदलने के लिए तैयार बैठी है. डॉक्टर्स व सरकार के बीच इतना बड़ा टकराव हम नहीं चाहते है. हम सरकार व डॉक्टर्स के बीच बात करके इस गतिरोध को तोड़ेंगे, चार कदम पीछे भी हटाने पड़े तो सरकार हटाएगी, इस हड़ताल को तोड़ना हमारी जिम्मेदारी है. डॉक्टर्स को अगर लगता है कि उनके हित की बात इस बिल में नहीं है, वह समस्या बदली जानी चाहिए तो हम उसे बदलने के लिए तैयार बैठे है.