…तो रहूंगा जीवनभर नंगे पांव- कांग्रेस विधायक प्रजापत की प्रतिज्ञा पर धर्मसंकट में गहलोत सरकार!

विधानसभा में कांग्रेस विधायक का अनूठा प्रण! MLA मदन प्रजापत ने कहा- मेरी मांग नहीं मानी तो जीवन भर नहीं पहनूंगा जूते, प्रदेश में 50 से ज्यादा जगहों से उठ रही कस्बों को जिला बनाने की मांग, लेकिन राजस्थान में रहा है एक मिथ- जिस भी सरकार ने बनाए जिले वो नहीं होती है रिपीट, ऐसे में इस धर्मसंकट में अब क्या करेगी गहलोत सरकार?

प्रजापत की प्रतिज्ञा
प्रजापत की प्रतिज्ञा

Politalks.News/RajasthanPolitics. प्रदेश में अलग-अलग कस्बों से जिला बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. प्रदेश में 50 से ज्यादा जगहों से जिला बनाने की मांग उठ रही है. इस बीच बाड़मेर जिले के एक कांग्रेस विधायक ने अनूठी प्रतिज्ञा ले ली है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पचपदरा विधायक मदन प्रजापत (Pachpadra MLA Madan Prajapat) ने बालोतरा को जिला बनाने की मांग (Demand to make Balotra a district) पर एलान किया कि, ‘बालोतरा को अगर बजट सत्र में जिला नहीं बनाया गया तो वे जीवनभर नंगे पांव रहेंगें, कभी जूते नही पहनेगें’ (I will be barefoot for the rest of my life). प्रजापत की प्रतिज्ञा प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है. आपको बता दें कि प्रदेश के करीब 50 जगहों से जिला बनाए जाने की मांग समय समय पर उठती रही है. इसी बीच हालही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) का बयान कि बजट में जो चाहिए मांग लो और प्रजापत की प्रतिज्ञा में कनेक्शन भी सियासी जानकार ढूंढ रहे हैं. लेकिन राजस्थान में सियासी मिथ यह भी है कि जिस भी सरकार ने जिले बनाए हैं वो रिपीट नहीं हुई है, और यह बात भी प्रदेश की सत्ता के सियासी जादूगर को अच्छे से पता है.

नोट- करौली जब 19 जुलाई, 1997 में यह सवाई माधोपुर से अलग होकर बनाया गया था जिला तो भैंरो सिंह शेखावत की सरकार चली गई थी. ठीक ऐसे ही 33 वां जिला-प्रतापगढ़-26 जनवरी, 2008 में बना तो वसुंधरा राजे की सरकार चली गई थी.

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अब टूट रहा है सब्र का बांध, बजट सत्र में बालोतरा नहीं बना जिला तो छोड़ दूंगा जूता पहनना- प्रजापत
आपको बता दें, राजस्थान की 15वीं विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. गहलोत सरकार को एक तरफ REET पेपर लीक में बीजेपी सड़क से लेकर विधानसभा तक मुद्दा बना रही है. वहीं, विधानसभा में बाड़मेर जिले के कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने अनूठा प्रण लेकर सभी का ध्यान आकर्षित करवाया. विधायक मदन प्रजापत ने कहा कि, ’40 साल तक बालोतरा की जनता ने सब्र किया है कि बालोतरा जिला बने. अब सब्र का बांध टूट रहा है. जिला बनाने का आधार भी है. रिफाइनरी करोड़ों का प्रोजेक्ट है. देश की सबसे बड़ी रिफानइरी का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है. बालोतरा से 100 किलोमीटर बाड़मेर जिला मुख्यालय दूर है’. विधायक ने कहा, ‘मैंने प्रण लिया है कि आज के बाद मैं प्रश्न नहीं लगाऊंगा. बालोतरा बजट सत्र में जिला नहीं बना तो जूता पहनना भी छोड़ दूंगा. बाड़मेर जिला 28 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला बाड़मेर जिले का बालोतरा सबसे बड़ा ब्लॉक है. आबादी व क्षेत्रफल के तमाम मापदंड पूरा करता है’. प्रजापत ने यह भी कहा कि, ‘गहलोत इस बार भी हमें निराश नहीं करेंगे. बालोतरा को जिला बनाने के लिए एक नोटिफिकेशन ही जारी करना है’.

‘मुझे कोई पद नहीं चाहिए, बस बालोतरा को बना दो जिला’

इससे पहले विधायक मदन प्रजापत ने पहले भी एक पब्लिक मीटिंग में कहा था कि, ‘मुझे न ही मंत्री बनना है या कोई अन्य पद नहीं चाहिए. न ही मेरी कोई अन्य बड़ी मांग है. उनकी सबसे प्रमुख मांग बालोतरा को जिला बनाने की है. मांग पूरी नहीं होने जूते नहीं पहनने का प्रण लिया है, मैंने जब भी जुबान दी वह मैंने किया है. पहले भी मैंने रिफाइनरी के लिए 100 किलोमीटर पैदल चलने की बात कही थी, तब भी जोधपुर तक पैदल गया था.

एक साल पहले तक सरकार के पास नहीं था कोई प्रस्ताव

अब आपको एक हकीकत बताते हैं कि आज से करीब एक साल पहले सरकार की ओर से तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा था कि, ‘वर्तमान में नया जिला बनाने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचार में नहीं है. नए जिले बनाने के लिए राज्य सरकार ने किसी प्रकार की समिति का गठन नहीं किया है’. राजस्व मंत्री के जवाब से साफ था कि सरकार ने नए जिलों के पुराने प्रस्तावों को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

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13 साल से प्रदेश में कोई नया जिला नहीं बना

प्रदेश में 26 जनवरी 2008 के बाद कोई नया जिला नहीं बना है. 26 जनवरी 2008 को भाजपा सरकार ने प्रतापगढ़ को जिला बनाया था. प्रतापगढ़ के बाद पिछले 13 साल से प्रदेश में कोई नया जिला नहीं बना है. प्रदेश भर के 50 से ज्यादा जगहों को जिला बनाने की मांग की जा रही है.

50 जगहों से उठ रही जिला बनाने की मांग

प्रदेश की 50 जगहों से नए जिलों की मांग लंबे समय से की जा रही है. बाड़मेर में बालोतरा, नागौर के डीडवाना, कुचामन सिटी, मकराना, मेड़ता सिटी, सीकर से नीमकाथाना, फतेहपुर शेखावाटी, श्रीमाधोपुर, भरतपुर से डीग, बयाना, कामां, सवाईमाधोपुर से गंगापुरसिटी, जैसलमेर से पोकरण, बारां से छबड़ा, करौली से हिंडौनसिटी, हनुमानगढ़ से नोहर,भादरा, बीकानेर से नोखा, भीलवाड़ा से शाहपुरा, झालावाड़ से भवानीमंडी, जालोर से भीनमाल, चित्तौड़गढ़ से रावतभाटा और कोटा के रामगंजमंडी को नए जिलों की मांग है. इसके अलावा, जयपुर में सांभरलेक, शाहपुरा, फुलेरा, कोटपूतली, शाहपुरा है. जोधपुर में फलौदी, अजमेर से ब्यावर, केकड़ी, मदनगंज-किशनगढ़ जिले की दावेदारी कर रहे हैं. उदयपुर से सलूंबर, खैरवाड़ा, सराड़ा, अलवर से बहरोड़, खैरथल, भिवाड़ी, नीमराना, पाली से बाली, सुमेरपुर, फालना, श्रीगंगानर के अनूपगढ़, सूरतगढ़, घड़साना, श्रीविजयनगर, चूरू से सुजानगढ़, रतनगढ़ नए जिले की मांग कर रहे हैं.

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