जिंदगी की जंग हारी डीडवाना की गैंगरेप पीड़िता, सांसद बेनीवाल बोले- समय पर जाग जाती पुलिस तो….

नागौर के डीडवाना में दरिंदगी की हदें पार, जिंदगी की जंग हार गई गैंगरेप पीड़िता, 6 दिन पड़ी रही नाले में, शरीर में पड़ गए थे कीड़े, SMS हॉस्पिटल में तोड़ा दम नागौर सांसद ने पुलिस की कार्यशैली पर जताई नाराजगी, बेनीवाल ने कहा- 'पुलिस ने मामला संज्ञान होने के बावजूद नहीं दिखाई संवेदनशीलता' मामले में डीडवाना SHO नरेन्द्र जाखड़ समेत एक अन्य पुलिसकर्मी सस्पेंड

डीडवाना गैंगरेप पीड़िता की मौत
डीडवाना गैंगरेप पीड़िता की मौत

Politalks.News/Rajasthan. नागौर की बेटी ने गुरुवार को जयपुर के SMS अस्पताल में जिंदगी का दामन छोड़ (lost the battle of life) दिया. 4 फरवरी को एक नाबालिग समेत दो दरिंदों ने गैंगरेप (Didwana’s gangrape victim) के बाद खाई में फेंक दिया था. 6 दिनों तक खाई में तड़पती रहने के बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 8 दिन से ये महिला SMS हॉस्पिटल में वैंटिलेटर पर थी. गुरुवार को पीड़िता ने दम तोड़ दिया है. इस पूरे मामले में पुलिस जांच में लापरवाही सामने आ रही है. पुलिस में मामला दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

नागौर सांसद और RLP के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने सख्त नाराजगी जताई है. बेनीवाल ने लापरवाही बरतने वाले पुलिस के अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण (Political protection to the accused) प्राप्त होने का भी आरोप लगाया है. सांसद बेनीवाल ने नागौर में बढ़ते अपराधों पर भी चिंता जताई है. मामला बढ़ता देख डीडवाना SHO और एक कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है.

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पुलिस ने मामला संज्ञान होने के बावजूद नहीं दिखाई संवेदनशीलता- बेनीवाल
बेहद शर्मनाक वारदात पर नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नाराजगी जताई है. बेनीवाल ने कहा कि, ‘विगत दिनों नागौर जिले के डीडवाना थाना क्षेत्र में अचेत व गंभीर अवस्था में मिली एक दलित महिला ने अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए आखिरकार दम तोड़ दिया, महिला की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद से लेकर अब तक पूरे मामले में पुलिस का जो रवैया सामने आया उससे यह जाहिर हो रहा है कि पुलिस ने मामला संज्ञान में आते ही संवेदनशीलता नहीं दिखाई’.

‘मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाकर तय की जाए जिम्मेदारी’
सांसद बेनीवाल ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘महिला के लापता होते ही पूरा प्रकरण एडिश्नल एसपी डीडवाना के संज्ञान में आ गया उसके बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही बरती गई और वर्तमान डीडवाना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जो लंबे समय तक नागौर जिले में वृताधिकारी पद पर कार्यरत रहे और उनकी लचर कार्यशैली के कारण उन्हें उस समय भी शिकायतन हटाया गया इसलिए उन्हें यहां से तत्काल हटाया जाए साथ ही पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होकर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए’ बेनीवाल ने कहा कि, ‘दोषी पुलिस के अफसरों और कार्मिको की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि अपराधियों और पुलिस महकमे के जिम्मेदारों के मध्य महिला की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद से लेकर अब तक कई बार बातें हुई जो कॉल डिटेल के माध्यम से सामने आएगी तथा पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले व मृतका के आश्रितों को आर्थिक पैकेज भी दिया जाए.

‘अपराधियों को सत्ता पक्ष के नेताओं का सरंक्षण प्राप्त’
सांसद बेनीवाल ने मामले में राजनीतिक लोगों के मिले होने के आरोप भी लगया और कहा कि, ‘प्रकरण में पुलिस लीपापोती करके घटना के कुछ जिम्मेदारों को बचाने का प्रयास का रही है साथ ही अपराधियों को सत्ता पक्ष के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है इसलिए भी पुलिस मामले में ढिलाई बरत रही है’. सांसद बेनीवाल ने पूरे मामले को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक से दूरभाष पर वार्ता करके घटना में संलिप्त सभी आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी करने व उच्च स्तरीय निष्पक्ष अनुसंधान करने के निर्देश दिए हैं.

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दरिंदगी के बाद आरोपी मरा हुआ समझ जंगल में छोड़ आए थे पीड़िता को
मामले में पुलिस ने खुलासा किया था कि पीड़ित महिला को एक नाबलिग सहित दो आरोपी 4 फरवरी को बाइक पर बैठाकर सुनसान जगह पर ले गए थे. जहां उससे गैंगरेप किया था. इसके बाद उसके गहने लूटे और गला दबाकर मरी समझकर खाई में फेंक दिया था. लेकिन उस समय पीड़िता जिंदा थी, लेकिन उसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे. 6 दिन तक वह अचेत पड़ी रही थी. अब पीड़िता ने गुरुवार को जयपुर के SMS अस्पताल में दम तोड़ दिया.

डीडवाना SHO नरेन्द्र जाखड़ और हैड कॉन्स्टेंबल सस्पेंड
दूसरी तरफ परिजन और दलित संगठनों ने कहा है कि उन्हें पुलिस खुलासे पर यकीन नहीं है. उनके आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपियों को बचाने का काम किया है. इनकी मांग है कि इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए व मामले में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए और पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता व न्याय दिलाया जाए. इस पूरे मामले को लेकर रोष है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद डीडवाना SHO नरेंद्र जाखड़ और हैड कॉन्स्टेबल प्रहलाद सिंह को सस्पेंड कर दिया था.

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