Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में एसीबी एक्शन में है. ACB ने बड़ा एक्शन लेते हु अलवर में कांग्रेस पार्षद नरेंद्र मीणा (Congress councilor Narendra Meena)समेत ठेकेदार व एक पार्षद को 5 लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर (Congress councilor close to Minister Julie arrested for taking bribe of 5 lakhs) लिया. एसीबी के अधिकारियों के अनुसार टेंडर प्रक्रिया में वर्क आर्डर जारी करने की एवज में रिश्नत मांगी गई थी. ACB ने कांग्रेस पार्षद नरेन्द्र मीणा को तो धरा ही है साथ ही आयुक्त से भी पूछताछ हुई है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि, पार्षद नरेन्द्र मीणा पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और जेल मंत्री टीकाराम जूली (Tika Ram jully) के बेहद करीबी माना जाता है. नरेन्द्र मीणा राजगढ़ लक्ष्णगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से टिकट मांग रहा था. इससे पहले भी एसीबी ने अलवर सभापति बीनू गुप्ता को रिश्वत लेते दबोचा था. भाजपा नेताओं का आरोप है कि अलवर जिला परिषद भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है. मजे की बात यह है कि करीब एक साल पहले खुद नरेन्द्र मीणा जिला परिषद की बैठक में पूर्व सभापति के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए भरी सभा में एक ऑडियो सुनाया था. अब खुद नरेन्द्र मीणा रिश्वत लेते धरा गया है.
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से कांग्रेस का टिकट मांग रहा था नरेन्द्र
अलवर नगर परिषद में विपक्ष के नेता रहे कांग्रेस पार्षद नरेंद्र मीणा राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट के प्रमुख दावेदार थे. लेकिन जौहरीलाल मीणा अपनी आम आदमी वाले नेता वाली छवि के चलते राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट लेने में कामयाब हो गए. कांग्रेस में जौहरीलाल सीएम गहलोत कैंप के माने जाते हैं. हालही में उनके निमंत्रण पर सचिन पायलट उनके कार्यक्रम में पहुंचे थे. नरेंद्र मीणा आने वाले 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए भी राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर टिकट की दावेदारी कर रहे थे.
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टेंडर प्रक्रिया में वर्क ऑर्डर जारी करने में भ्रष्टाचार की मिली थी शिकायत- एडिश्नल एसपी ACB
अलवर में हुई एसीबी की रेड चर्चा में है. इसकी जानकारी देते हुए एडिश्नल एसपी बजरंग सिंह ने बताया कि, ‘अलवर नगर परिषद में टेंडर प्रक्रिया में वर्क आर्डर जारी करने में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी. जिस पर विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पहले सत्यापन किया गया. जांच में निकल कर आया की वर्क आर्डर जारी करने में ठेकेदार के द्वारा काम करवाने में रिश्वत मांगी जा रही है. जिस पर टीम गठित कर कांग्रेस पार्षद नरेद्र मीणा सहित ठेकेदारों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
आयुक्त से पूछताछ, पार्षद के घर तलाशी
एसीबी की टीम नगर परिषद आयुक्त कमलेश मीणा से भी पूछताछ कर रही है, वहीं पार्षद नरेन्द्र मीणा के घर की तलाशी ली जा रही है. बैंक खातों की भी जांच की जा रही है. जानकारी के अनुसार टेंडर पर कुल पांच प्रतिशत रिश्वत लेना तय हुआ था. एसीबी ने ढाई प्रतिशत यानी 5 लाख 15 हजार रुपए लेते हुए ट्रेप किया है. ढाई प्रतिशत राशि पूर्व में ले ली गई थी.
4 महीने पहले अलवर सभापति को भी किया था रंगे हाथ गिरफ्तार
आपको बता दें कि, आज से करीब चार महीने पहले भी अलवर सभापति बीनू गुप्ता और उनके बेटे को 80 हजार की राशि के साथ एसीबी ने गिरफ्तार किया था. एसीबी के 6 महीने में दो बड़ी कार्रवाई होने के बाद अलवर नगर परिषद फिर सुर्खियों में आ गई है. भाजपा के दिग्गज कांग्रेस सरकार में अलवर नगर परिषद भ्रष्टाचार का अड्डा बनने का आरोप लगा रहे हैं. जयपुर एसीबी की टीम की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि, अलवर में जनता के कोई भी काम नही हो रहे. नेताओं के काम खूब हो रहे हैं. भला अब गरीब के पास पैसे नहीं है तो उनके काम भी अटके पड़े है और राजनेताओं के करीबी जमकर लूट मचा रहे है.
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…फिर भरे सदन में नरेन्द्र मीणा ने चला दिया था भ्रष्टाचार का ऑडियो
आपको यह भी याद दिला दें कि ठीक एक साल पहले अलवर नगर परिषद में पार्षद नरेन्द्र मीणा ने रिश्वत का एक खुलासा किया था. नरेन्द्र मीणा ने सदन में अचानक एक ऑडियो चलाई थी. इस दौरान नरेन्द्र मीणा ने सभापति पर स्थाई करने के लिए कर्मचारियों से 50 हजार रु. लेने का आरोप लगाया था. इस ऑडियो में एएओ मांगीलाल मौर्य नगर परिषद सभापति बीना गुप्ता का बिना नाम लिए उनके बारे में बता रहे थे.