दो दशक की राजनीतिक पारी को विराम लगाएंगे सिद्धू! कॉमेडी शो या कॉमेंट्री करते दे सकते हैं दिखाई

पंजाब में कांग्रेस की जबरदस्त हार के बाद मचा हाहाकार, सिद्धू के सियासी करियर को लेकर शुरू हुआ चर्चाओं का दौर, हार के बाद नवजोत सिंह सिद्धू की 18 साल की सियासी साख पर बट्टा! फिर कॉमेंट्री या कॉमेडी शो शुरू करने के लगाए जा रहे कयास, कमजोर होत जा रहा है सिद्धू का दावा, सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस अब शायद ही दे कोई मौका

दो दशक की राजनीतिक पारी को विराम लगाएंगे सिद्धू!
दो दशक की राजनीतिक पारी को विराम लगाएंगे सिद्धू!

Politalks.News/PunjabPolitics/Siddhu. पंजाब (Punjab Assembly) में कांग्रेस की जबरदस्त हार के बाद बीते रोज मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh sidhhu) ने प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है. अब सियासी चर्चाएं हो रही हैं कि सिद्धू दोबारा कॉमेडी शो (Comedy show) या क्रिकेट कॉमेंट्री (Cricket commentary) का रुख कर सकते हैं. 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए और पंजाब में सत्ता संभाल रही कांग्रेस 18 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर खिसक गई, इतना ही नहीं अमृतसर पूर्व से चुनावी मैदान में उतरे सिद्धू भी करीब 2 दशक पुरानी अपनी सीट नहीं बचा सके. हालांकि, पार्टी की हार के कई कारण गिनाए जा रहे हैं. बीते साल पार्टी में उथल पुथल के अहम किरदार माने जाने वाले सिद्धू का सियासी तारा फीका पड़ता नजर आ रहा है. आपको बता दें कि सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी के साथ साल 2004 में अपनी सियासी पारी (Political innings) की शुरुआत की थी.


क्या कमजोर हो रहा है सिद्धू का दावा?

अमृतसर पूर्व सीट पर सामान्य महिला जीवन ज्योत कौर के हाथों हार का सामना करने के बाद पार्टी आलाकमान की नजरों में नवजोत सिंह सिद्धू की सेलेब्रिटी वाली छवि को भी नुकसान हुआ है. खादुर साहिब से कांग्रेस सांसद जसबीर गिल हार की जिम्मेदार पार्टी नेताओं के अहंकार को दोषी मान रहे हैं. वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा सिद्धू को अनुशासनहीनता को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं.

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सिद्धू अध्यक्ष बनने के बाद बिजी रहे निपटाने में?

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, ‘प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ टकराव और अपने पसंद के सहयोगियों और नौकरशाहों के साथ व्यवस्था चलाने की इच्छा के चलते सिद्धू को लेकर इकाई में असंतोष पैदा हुआ. अध्यक्ष के रूप में सिद्धू का कार्यकाल 9 महीनों का रहा. इस दौरान उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बाहर करने में समय गंवाया. इसके बाद सीएम बनाए गए चरणजीत सिंह चन्नी के साथ तनाव में समय गुजर गया. साथ ही वे मीडिया के सामने भले ही इनकार करते रहे, लेकिन खुद को मिस्टर फिक्सिट के रूप में दिखाना जारी रखा.

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सूत्र- सियासत में कोई भविष्य नहीं बचने से शो या कॉमेंट्री में दोबारा उतर सकते हैं सिद्धू

पंजाब की सियासत को जानने वाले सूत्रों का कहना है कि, ‘सियासत में कोई भविष्य नहीं बचने से सिद्धू शो बिजनेस में वापसी कर सकते हैं या क्रिकेट कॉमेंट्री दोबारा शुरू कर सकते हैं. हो सकता है कि कांग्रेस उन्हें किसी अहम पद पर रखने के लिए तैयार न हो. वहीं, अन्य पार्टियां भी ऐसी स्थिति में उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने को तैयार नहीं हैं. यह कहना सही नहीं है कि कांग्रेस सिद्धू के कारण हारी. वह हारी, क्योंकि उसके कार्यकर्ताओं ने पार्टी को फंसा दिया और वे नाखुश भी हो गए थे, क्योंकि कुछ नेता उत्तराधिकारी के रूप में अपने रिश्तेदारों या बच्चों को लेकर आ गए थे.’

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