Politalks.News/Punjab. पंजाब कांग्रेस के नए बने अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने फ्रंटफुट पर आते हुए विपक्षी अकाली दल पर कृषि कानूनो को लेकर तीखा हमला बोला है. मीडिया से बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि, ‘केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए तीन काले कानूनों को बनाए जाने के पीछे अकाली दल का हाथ रहा है’. सिद्धू ने कहा कि, ‘ये कानून जब बनाए गए थे, तब अकाली दल भी केंद्र सरकार का हिस्सा था और उसने इस पर सहमति जताई थी’. मीडिया से बात करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू अकेले ही थे और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत प्रदेश का कोई और सीनियर नेता नहीं था.
कृषि कानूनों के लिए अकाली जिम्मेदार- सिद्धू
पंजाब कांग्रेस के ‘प्रधान’ नवजोत सिद्धू ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कृषि कानूनों के लिए सीधे तौर पर अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया. सिद्धू ने कहा कि, ‘जिस समय कृषि कानून बनाए गए थे, उस समय अकाली दल एनडीए का हिस्सा था’. सिद्धू ने कहा कि, ‘कांग्रेस ही एमएसपी, मंडी, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट और सार्वजनिक वितरण प्रणाली लाई थी’. सिद्धू ने आरोप लगाया कि, ‘जिस सर्वदलीय बैठक में कृषि कानूनों पर प्रस्ताव पास हुआ था, उससे सुखबीर बादल ने नाम वापस ले लिया था. लेकिन मीटिंग के मिनट्स के अनुसार, बादल ने अध्यादेशों का समर्थन किया था और इसे किसान समर्थक बताया था.
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‘बादल लाए थे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग बिल’
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि, ‘पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने 2013 में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लेकर बिल पेश किया था. इन तीनों ही कृषि कानूनों के लिए अकाली दल जिम्मेदार है’. सिद्धू ने कहा कि, ‘इन कानूनों में किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी दिए जाने की कोई बात नहीं कही गई है. इससे कॉरपोरेट सेक्टर को अधिकार मिलेगा कि वह एमएसपी से कम पर भी किसानों से फसलें खरीद सकेगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि इसमें 108 फसलों को लाया गया है, जो एमएसपी के तहत थीं. इससे किसानों को सही दाम नहीं मिल सकेगा’.
‘बादल सरकार की पॉलिसियों की फोटो स्टेट केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून’
सिद्धू ने कहा कि, ‘पंजाब में बादल सरकार ने ही कानून बनाया था कि यदि कोई किसान लोन देने से चूकता है तो उसे 5,000 रुपये से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना होगा’. सिद्धू ने दावा किया कि, ‘बादल परिवार ने अपनी सरकार के दौरान जो बिल पेश किए थे, उनकी तर्ज पर ही केंद्र की ओर से तीन कानून बनाए गए हैं’. सिद्धू ने कहा कि, ‘बादल सरकार की पॉलिसियों का पूरी तरह फोटो स्टेट करते हुए केंद्र सरकार ने तीन कानूनों को पारित किया है’.
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‘एक देश दो बाजार सिस्टम लागू करना चाहती है केन्द्र सरकार’
नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार द्वारा फसल खरीद के लिए FARD को अनिवार्य किए जाने पर सवाल उठाए हैं. सिद्धू ने आरोप लगाया है कि, ‘केंद्र सरकार ऐसे नियम थोपकर एक देश-दो बाजार का सिस्टम लागू कर रही है. सिद्धू ने कहा कि, ‘पंजाब की एक तिहाई भूमि पर पट्टे पर खेती की जाती है, जिनमें से कई मौखिक अनुबंध हैं, सांझा मुश्तरखा खाता के कारण- हमारे राज्य के कई हिस्सों में कोई स्पष्ट भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, कई भूमि मालिक विदेशों में रह रहे हैं और बहुत सारे भूमि रिकॉर्ड कानूनी विवादों के अधीन हैं’. सिद्धू ने आरोप लगाया कि, ‘केंद्र सरकार का मंसूबा पंजाब के एपीएमसी सिस्टम को बर्बाद करना है. सिद्धू ने केंद्र के नेशनल सैंपल सर्वे 2012-13 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि, ‘देश में 24 फीसदी खेती ठेके पर होती है. यह ठेके अलिखित और मुंह-जुबानी हैं, इनका कोई लिखित रिकार्ड नहीं होता’.