‘राहुल गांधी की कप्तानी जाते ही टीम के प्लेयर्स किए जा रहे रिटायर्ड हर्ट’

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कहते हैं टीम का पूरा भार कप्तान के कंधों पर टिका रहा है. अगर कप्तान आउट हो जाए तो टीम का संभल पाना मुश्किल होता है. वर्तमान में कांग्रेस के भीतरी हालात और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर ये कहावत एकदम सटीक बैठती है. राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा क्या दिया, उनके करीबी माने जाने वाले तकरीबन सभी नेताओं पर गाज गिरने लगी है. उनकी जी हजुरी करने वाले सभी नेताओं को प्रमुख पदों से हटाया जा रहा है. चूंकि अब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बन गयी हैं, ऐसे में अब राहुल की टीम के खिलाड़ियों को रिटायर कर नयी ​टीम बनायी जा रही है. कुमारी शैलजा (Kumari Selja) को हरियाणा का प्रदेशाध्यक्ष बना इसकी शुरुआत भी हो चुकी है.

लोकसभा चुनाव-2019 में पार्टी की हुई बुरी गत की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए जब राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, तभी राहुल गांधी के करीबियों में कुर्सी खिसकने का भय घर कर गया था. यही वजह है कि पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ यूथ कांग्रेस और अन्य नेताओं ने राहुल गांधी से इस्तीफा वापिस लेने की गुहार लगायी. यहां तक की कई राज्यों की प्रदेश कमेटियों ने तो उनके इस्तीफे की पेशकश को ही ठुकरा दिया लेकिन राहुल गांधी अपने फैसले पर अड़े रहे. नतीजा, आखिरकार सोनिया गांधी को ही कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभालनी पड़ी.

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अब टीम का कप्तान नया और अनुभवी है तो टीम तो नए सिरे से चुननी ही थी. ऐसे में राहुल गांधी के सिपेहसालार खिलाड़ी एक-एक कर बाहर होने लगे या फिर यूं कहें, बाहर किए जाने लगे. पार्टी के युवराज के त्यागपत्र देते ही कुछ ने अपने आप ही इस्तीफे दे दिए और कुछ के इस्तीफे रखवा लिए गए. सोनिया के कमान संभालते ही राहुल के बेहद करीबी माने जाने वाले हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर (Ashok Tanwar) को हटा सोनिया की खास कुमारी शैलजा को उनका स्थान दिया गया. इससे पहले हरियाणा में लोकसभा चुनाव में करारी शिखस्त के बाद भी तंवर ने इस्तीफा देने से सीधे सीधे मना कर दिया था. राहुल गांधी की शह पर ही तंवर पिछले 6 साल से अपने पद पर बने हुए थे. अपने संबंधों के चलते राहुल गांधी खुद चाहते हुए भी इस बारे में कोई फैसला नहीं कर पा रहे थे.

वहीं मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंग देवड़ा (Milling Deora) और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन (Ajay Maken) ने राहुल गांधी के समर्थन में इस्तीफा पार्टी कमान को भेजा था, जिसे अब सोनिया गांधी ने मंजूर कर लिया है. अब देवड़ा की जगह एकनाथ गायकवाड़ को मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. वहीं राहुल गांधी के कार्यकाल में डॉ. अजय कुमार (Dr.Ajoy Kumar) को झारखंड का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, उन्हें भी अपने पद से हटा दिया गया है. गुजरात की टीम में भी बदलाव के कयास हैं जहां राहुल के करीबी राजीव सातव (Rajeev Satava) प्रभारी हैं.

जिस तरह से एक-एक करके राहुल गांधी के करीबी नेताओं की छुट्टी हो रही है, उससे तो यही कयास लगाए जा रहे हैं कि इन सभी पदों पर सोनिया गांधी के खास लोगों की नियुक्ति की जाएगी. अब चूंकि कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी की एंट्री हो गयी है, ऐसे में उम्मीद तो ये भी जताई जा रही है कि राहुल अपनी टीम का साथ यूं तो नहीं छोड़ेंगे. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इन सभी नेताओं को बाद में एडजस्ट कर दिया जाएगा. मिलिंद देवड़ा, अजय माकन और डॉ.अजय कुमार को राहुल गांधी के कहने पर राष्ट्रीय टीम में जगह मिल सकती है. वहीं ज्योतिरादियत्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को राष्ट्रीय टीम से निकाल मध्यप्रदेश भेजे जाने की संभावना है.

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