rahul gandhi vs pm modi
rahul gandhi vs pm modi

लोकसभा चुनाव के बाद या इससे पहले भी राजनीति की दृष्टि से एक बड़ा टकराव देखने को मिल सकता है. कांग्रेस के मुखिया राहुल गांधी और बीजेपी के सर्वेसर्वा नरेंद्र मोदी के बीच राजनीति को लेकर सवालात का दौर, या यूं कहें कि विचारधारा पर बहस हो सकती है. जस्टिस (रिटायर) मदन बी.लोकुर, जस्टिस (रिटायर) अजीत पी.शाह और एन.राम ने पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर एक मंत्र पर बहस करने का आमंत्रण दिया था. बहस का प्रस्ताव गैर पक्षपातपूर्ण और प्रत्येक नागरिक के व्यापक हितों पर बताया गया है. इन तीनों शख्सियतों के आमंत्रण को राहुल गांधी ने स्वीकार कर लिया है. अब पीएम मोदी के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें या पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को ऐसी चर्चा में भाग लेने में खुशी होगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि पीएम भी इस बहस में भाग लेंगे. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने विचार साझा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘स्वस्थ लोकतंत्र के लिए प्रमुख दलों का एक मंच से अपना दृष्टिकोण देश के समक्ष रखना एक सकारात्मक पहल होगी.’

यह भी पढ़ें: अमित शाह को PM बनाने के लिए मोदी मांग रहे है वोट- अरविंद केजरीवाल

राहुल गांधी ने आगे लिखा, ‘हमारी संबंधित पार्टियों पर लगाए गए किसी भी निराधार आरोप लगाना भी महत्वपूर्ण है. चुनाव लड़ने वाली प्रमुख पार्टियों के रूप में जनता सीधे अपने नेताओं से सुनने की हकदार है इसलिए या तो मुझे या कांग्रेस अध्यक्ष को ऐसी बहस में भाग लेने में खुशी होगी.’ राहुल गांधी ने कहा है कि कृप्या हमें बताएं कि क्या प्रधानमंत्री भी भाग लेने के लिए सहमत हैं जिसके बाद हम बहस के विवरण और प्रारूप पर चर्चा कर सकते हैं.

पार्टी के वायनाड सांसद ने पत्र के साथ साथ सोशल मीडिया पर अrपनी पोस्ट में लिखा है, ‘कांग्रेस इस पहल का स्वागत करती है और चर्चा का निमंत्रण स्वीकार करती है. देश के प्रधानमंत्री जी से भी इस संवाद में हिस्सा लेने की अपेक्षा करता है.’ बीते दिवस लखनउ में एक कार्यक्रम में भी राहुल गांधी ने पीएम मोदी से बहस में मुकाबला करने के लिए तैयार होने की बात कही थी. उन्होंने ये भी कहा था कि उन्हें पता है कि प्रधानमंत्री इससे सहमत नहीं होंगे. अब देखना रोचक रहने वाला है कि पीएम मोदी भी इस बहस का निमंत्रण स्वीकार करते हैं या फिर नहीं. अगर उनकी हां होती है तो इस बहस का दिलचस्प होना तय है. हालांकि इसके आसान न के बराबर हैं.

Leave a Reply