BJP शासित भोपाल को संदेश देने के लिए PM मोदी ने लिया जयपुर का नाम- CM गहलोत का पलटवार

मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 61 डॉलर प्रति बैरल रही तब भी पेट्रोल 110 एवं डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक मूल्य पर बिका, जबकि यूपीए सरकार के समय कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहे तब भी पेट्रोल 70 एवं डीजल 50 रुपये लीटर से अधिक महंगा नहीं होने दिया गया- सीएम गहलोत

वैट को लेकर गहलोत ने दिया मोदी को ये जवाब
वैट को लेकर गहलोत ने दिया मोदी को ये जवाब

Politalks.News/AshokGehlot. बुधवार को कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए बयान पर सियासत शुरू हो गई है. पीएम मोदी ने कोरोना की वर्चुअल बैठक के दौरान गैर बीजेपी शाषित राज्यों से पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट को कम करने की अपील करते हुए कहा कि, ‘मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, सिर्फ चर्चा कर रहा हूं.’ पीएम मोदी के पेट्रोल डीजल की कीमतों पर वैट को लेकर दिए गए बयान पर अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक हैं. संभवतः भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया. पीएम मोदी तो भाजपा शाषित राज्यों को संदेश देना चाह रहे थे.’

देशभर में पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों के कारण बढ़ी महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. वहीं पेट्रोल डीजल की कीमतों और उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर सियासत गर्म है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को दिए बयान पर पलटवार करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेसनोट जारी करते हुए कहा कि, ‘आज कोविड को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा मुख्यमंत्रियों के साथ की गई बैठक में नरेन्द्र मोदी ने आक्षेप लगाया कि केन्द्र सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में कटौती की गई परन्तु कई राज्यों ने वैट कम नहीं किए जिससे जनता को लाभ नहीं मिला.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘प्रधानमंत्री जी ने जयपुर का नाम तो लिया परन्तु वो संदेश भाजपा शासित राज्यों को ही देना चाह रहे थे क्योंकि आज भी भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक हैं. संभवतः भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया.’

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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान सरकार ने 29 जनवरी 2021 को पेट्रोल एवं डीजल पर 2% वैट कम किया था जबकि उस समय केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी में कोई कमी नहीं की थी. केन्द्र सरकार ने तो इसके दो दिन बाद पेस किए गए 2021-22 के बजट में डीजल पर 4 रुपये एवं पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर का एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डवलपमेंट नाम से नया सेस लगा दिया. इससे जरूर राजस्थान की जनता को 2% वैट कम करने का लाभ नहीं मिल पाया.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘4 नवंबर 2021 को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये एवं डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कमी की थी जबकि कोविड लॉकडाउन के दौरान मई, 2020 में केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये एवं डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी. यानी जितनी एक्साइज ड्यूटी कोविड में बढ़ाई गई, उसको भी पूरा कम नहीं किया गया.’

वहीं आंकड़ों का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘राज्यों का वैट, केन्द्र की एक्साइज ड्यूटी के ऊपर लगता है यानी एक्साइज ड्यूटी कम करने से वैट स्वतः ही कम हो जाता है. इस कारण से 4 नवंबर 2021 को एक्साइज ड्यूटी कम होने से राजस्थान सरकार का पेट्रोल पर 1. रुपये प्रति लीटर एवं डीजल पर 2.60 रुपये प्रति लीटर वैट स्वतः कम हो गया. आमजन को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार ने 17 नवंबर 2021 पेट्रोल पर 4.96% एवं डीजल पर 6.70% वैट और कम किया. तीनों बार की गई इस कमी से प्रतिवर्ष करीब 6300 करोड़ रुपये की राजस्व हानि हुई परन्तु PM ने कर्नाटक के 6000 करोड़ एवं गुजरात के 3500-4000 करोड़ की राजस्व हानि का ही जिक्र किया. इन दोनों राज्यों का जिक्र संभवत: वहां आ रहे विधानसभा चुनावों को देखते हुए किया होगा.

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एक्साइज ड्यूटी का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के वैट की बात की परन्तु केन्द्र सरकार के एक्साइज की जानकारी नहीं दी. मई 2014 में जब श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब पेट्रोल पर प्रति लीटर 9.20 रुपये एवं डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती थी परन्तु आज पेट्रोल पर 27.90 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है. यूपीए सरकार के समय राज्यों को एक्साइज ड्यूटी में से हिस्सा मिलता था परन्तु अब राज्यों को मिलने वाला हिस्सा लगातार कम होकर महज कुछ पैसे प्रति लीटर रह गया है इसलिए राज्य अपना वैट बढ़ाने के लिए मजबूर हुए हैं.’

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘केंद्र सरकार ने 8 सालों में एक्साइज ड्यूटी से करीब 26 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है. यह देश के इतिहास में किसी भी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर अर्जित की गई सर्वाधिक धनराशि है. मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन 61 डॉलर प्रति बैरल रही हैं तब भी पेट्रोल 110 रुपये एवं डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक मूल्य पर बिक रहा है जबकि यूपीए सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से अधिक रहे तब भी आमजन के हित को देखते हुए पेट्रोल 70 रुपये एवं डीजल 50 रुपये लीटर से अधिक महंगा नहीं होने दिया गया.’

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