सरकारी अफसर काम नहीं करने की सैलरी और करने की लेते हैं रिश्वत- रमेश मीणा ने किया ऐसा ही खुलासा

रमेश मीणा का डूंगरपुर दौरा, डूंगरपुर पहुंचने से पहले मंत्री जी ने कराई थी 20 सरकारी कामों की जांच, जिसमें 19 कामों की स्थिति को देखकर भ्रष्टाचार होना पाया गया, इस पर मंत्री ने न सिर्फ अधिकारियों को लगाई लताड़ बल्कि एसीबी में जांच कराने की भी कही बात, तो वहीं मनरेगा योजना व पीएम आवास योजना में मस्टरोल से लेकर पेमेंट जारी करने तक से जुड़े सवालों का जवाब तक नहीं दे पाए बीडीओ

रमेश मीणा की अधिकारीयों को खरी खरी
रमेश मीणा की अधिकारीयों को खरी खरी

Politalks.News/Rajasthan/RameshMeena. हाल ही में रिलीज हुई एक फिल्म ‘दंसवी# का एक डायलॉग बहुत ज्यादा मशहूर हो रहा है. जिसमें मुख्य किरदार निभा रहे अभिषेक बच्चन को ये कहते सुना जा सकता है कि, ‘इस देश में सरकारी अफसर काम ना करने के लिए सैलरी लेते हैं और काम करने के लिए रिश्वत.’ फिल्म का यह डायलॉग आज इस तस्वीर को बयां कर रहा कि भ्रष्टाचार रुपी दीमक इस देश के सभी सरकारी तंत्रों को खोखला कर रहा है. इसका एक जीता जागता उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला. पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा मंगलवार को डूंगरपुर जिले के दौरे पर रहे. डूंगरपुर पहुँचने से पहले ही मंत्री जी ने जिले में 20 सरकारी कामों की जांच कराई, जिसमें 19 कामों की स्थिति को देखकर भ्रष्टाचार होना पाया गया. इस पर मंत्री ने न सिर्फ अधिकारियों को लताड़ लगाई बल्कि एसीबी में जांच कराने की बात भी कही.

प्रदेश के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश चन्द्र मीणा ने डूंगरपुर जिले के दौरे के दौरान जिला परिषद सभागार में विभागीय बैठक ली. बैठक में जहां मंत्री ने पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों की क्लास ली तो वहीं पूरी बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की योजनाओं से जुड़े भ्रष्टाचार और उनकी जांच से जुड़े मुद्दे छाए रहे. जब मंत्री रमेश मीणा ने अधिकारीयों से पंचायती राज से जुड़ी योजना से संबंधित मनरेगा, पीएम आवास और अन्य योजनाओं से जुड़े सवाल पूछे तो वे कुछ नहीं बोल पाए. इसे देखा मंत्री जी भड़क उठे और उन्होंने बैठक के दौरान अधिकारीयों को लताड़ लगते हुए कहा कि, ‘जब आपको नहीं पता तो योजनाओं का फिल्ड से क्रियान्वयन कैसे कराओगे.’ इस बैठक में मौजूद विभाग के शासन सचिव के के पाठक, जिला कलेक्टर शुभम चौधरी, विधायक गणेश घोघरा और विधायक राजकुमार रोत ने विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की हकीकत जानी.

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बैठक में मंत्री रमेश मीणा ने अधिकारीयों को कहा कि, ‘डूंगरपुर आने से पहले मैंने जयपुर से तकनीकी अधिकारियों की एक टीम को भेजा था. टीम ने पूरे जिले में हाल ही हुए निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इसका प्रजेंटेशन दिया और बताया कि करीब 20 काम देखे लेकिन इसमें से सिर्फ एक काम ऐसा था, जिसको थोड़ा ठीक कह सकते हैं. अधिकांश कार्यों में गुणवत्ता खराब बताई है और कहा कि लगभग सभी कामों में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी है. यहीं नहीं योजना को पूरा करने के लिए सबका भुगतान भी हो गया है. यह शर्मनाक स्थिति है, हमारी टीम ने कार्यों का निरीक्षण किया, और सब में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी पाई गई तो क्यों न आपके खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज कराया जाए.’

मंत्री रमेश मीणा ने विकास अधिकारियों से मनरेगा योजना व पीएम आवास योजना में मस्टरोल जारी करने से लेकर पेमेंट करने तक की प्रक्रिया की जानकारी से जुड़े सवालों के साथ निरीक्षण कार्य के नोर्म्स के बारे में पूछा तो एक भी बीडीओ उसका जवाब नहीं दे पाए. वहीं बैठक में अम्बाडा और धनगांव में पीएम आवास में गड़बड़ी, वासुआ ओर वानियातालाब पंचायत के कार्यों में भ्रष्टाचार, झोथरी पंचायत समिति के भवन का निर्माण कार्य में गडबड़ी का मुद्दा उठा, जिसमे सामने आया की कई मुद्दों में जांच कब से हो चुकी है, लेकिन जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी दोषी कार्मिकों व अधिकारियों पर विभाग की ओर से कोई कार्रवाई व वसूली नहीं की गई.­

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इसे लेकर भी मंत्री रमेश मीणा ने नाराजगी जताई जिस पर मंत्री मीणा ने नाराजगी जताई. मंत्री ने कहा की आखिर जब जांच में अधिकारी व कार्मिक दोषी मिल चुके है तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई. कौन है जो भ्रष्ट कार्मिको व अधिकारियों को बचाने में लगा है. इस दौरान मंत्री ने जांच में दोषी पाए गए कार्मिकों व अधिकारियों पर कार्रवाई करने और वसूली के निर्देश दिए है. वहीं, उनको बचाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए है.’ मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि, ‘नरेगा के तहत 250 से अधिक कार्य किए जा सकते हैं, लेकिन कोई नया कार्य नहीं हो रहा है. नरेगा में तहत नए कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए. मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि सभी को रोजगार देने का काम करे, जिससे रोजगार के लिए लोगों का पलायन रुक सके.’

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