हमारी परंपरा, संस्कृति, आचार-विचार पर लग गई है जादूगर की नजर- पूनियां के निशाने CM गहलोत

अभी भी वक्त है अशोक गहलोत जी संभल जाइए, संभालिए, सियासत में बेशक आप जादूगर हैं, लेकिन कम से कम ऐसा काला जादू राजस्थान की सुरक्षा पर तो मत कीजिए, उन माताओं, बहनों, बेटियों, बच्चियों और बच्चों पर तो मत करिए- सतीश पूनियां

‘राजस्थान को लग गई है जादूगर की नजर’
‘राजस्थान को लग गई है जादूगर की नजर’

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं बढ़ता अपराध अशोक गहलोत सरकार के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. वहीं NCRB की रिपोर्ट ने तो गहलोत सरकार के खिलाफ विपक्ष को मोर्चा खोलने का बैठे बिठाए एक बड़ा मौका दे दिया है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में पिछले साल की तुलना में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 15.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जहां 2020 में 3,71,503 मामले दर्ज हुए थे वहीं 2021 में 4,28,278 मामले दर्ज किए गए हैं. बलात्कार के दर्ज किए गए मुकदमों में राजस्थान देशभर में नंबर वन पर है. NCRB की इस रिपोर्ट को लेकर प्रदेश भाजपा ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘अभी भी वक्त है अशोक गहलोत जी संभल जाइए और संभालिये. सियासत में बेशक आप जादूगर हैं, लेकिन कम से कम ऐसा काला जादू राजस्थान की सुरक्षा पर तो मत कीजिए, उन माताओं, बहनों, बेटियों, बच्चियों और बच्चों पर तो मत करिए.’

आपको बता दें, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2020 और 2021 में देशभर में बलात्कार के सर्वाधिक मामले राजस्थान में सामने आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान ने 2020 और 2021 में क्रमशः 5,310 और 6,337 बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज किए. NCRB की रिपोर्ट को आधार बनाकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सतीश पूनियां ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान की परंपरा, संस्कृति, आचार विचार, भाईचारा इस पर शायद कदाचित किसी की नजर लग गई है. यह नजर जादूगर की लगी है, किसी और की लगी होती तो शायद यकीन नहीं होता.

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पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘वही जादूगर जो गुजरात में जाकर राजस्थान मॉडल की बात करते हैं, कौन सा मॉडल, 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव होता है, कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होता है, उसमें एक भरोसा दिलाया जाता है, विश्वास दिलाया जाता है कि, जन सुरक्षा देंगे, महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें, जन घोषणापत्र की कितनी बातें थोथी हैं, कितनी कागज से धरातल पर उतरी हैं, मैं उन पर नहीं जाता. आज के लोकतंत्र में और शासन व्यवस्था में, यदि किसी प्रदेश की कोई तरक्की का कारक है, बहुत सारे पैमाने और बहुत सारे मापदंड हैं, कहीं आर्थिक रूप से, कहीं जनसंख्या के आंकड़ों के अनुपात में, कई भौगोलिक सामाजिक संसाधन, इन तमाम बातों का उसमें समायोजन होता है. अब वह समय चला गया जब लोग घरों के दरवाजे नहीं रखते थे, ताले नहीं लगाते थे, चोरियां नहीं होती थी, समय बदल गया, अपराध सब जगह होता होगा, समाज में विकृति भी उसका एक कारक होता होगा, लेकिन कानून व्यवस्था यह सबसे पहला कारक है.

सतीश पूनियां ने आगे कहा कि, ‘जन सुरक्षा का भरोसा देने वाली वही अशोक गहलोत सरकार जन घोषणा पत्र में यह वादा करती है, लेकिन इस सरकार के शासन के 1351 दिनों में 7 लाख 97 हजार 643 मुकदमे यह अपने आपमें इस बात की बानगी है. यह मुकदमे मुख्यमंत्री की नजर में 47% फेक हैं, जो मुकदमे दर्ज होते हैं उनका लॉजिक दिया जाता है कि हमने FIR फ्री कर दी है. आप जाइए एसपी के यहां रजिस्टर्ड कीजिए, वो एफआईआर के रूप में तब्दील हो जाएगी. किसी प्रदेश का मुख्यमंत्री जो गृहमंत्री भी हैं, उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रदेश की सरकार की उसके जो राज्य सूची के विषय हैं, उसमें कानून व्यवस्था भी प्रमुख विषय है, वह राज्य सूची का ही है, कानून व्यवस्था प्रदेश का गृह मंत्रालय करता है. लेकिन गृह मंत्रालय के राजस्थान के कानून व्यवस्था को ठीक करने की बानगी. जो मैं आज आपके समक्ष आया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा राजस्थान के मॉडल के बारे में गुजरात में कहा जाता है, कौन सा दुष्कर्म में नंबर 1, भ्रष्टाचार में नंबर 1, महंगाई में नंबर एक, डीजल पेट्रोल की सर्वाधिक कीमत में नंबर 1, साइबर क्राइम में नंबर वन, बिजली की महंगाई में नंबर वन.’

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NCRB की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो जो कहता है चौंकाने वाली बात है. हम सब उस सभ्य देश और प्रदेश के नागरिक हैं जहां महिलाओं की सुरक्षा को घर की चारदीवारी से लेकर किसी बस्ती तक और बस्ती से आगे भी कहीं किसी गांव तक, एक ऐसा संरक्षण मिलता था, उसकी सुरक्षा, सम्मान और स्वाभिमान को आंच नहीं आती थी. आज हम शर्मसार हैं ऐसी सरकार की सरपरस्ती में जहां नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो इस बात को प्रमाणित करता है आंकड़ों के जरिए, जहां 6337 दुष्कर्म के आंकड़े हैं, 17 दुष्कर्म प्रतिदिन, क्या राजस्थान शर्मसार नहीं होगा? कांग्रेस शासन में आज राजस्थान अपराधों के मामले में नंबर वन है.

सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश की कानून व्यवस्था की कमजोरी के कारण यहां के नागरिकों की रोजी-रोटी पर लगातार मार पड़ रही है. सुनते थे डकैती- लूटपाट, प्रदेश में इसके बड़े विचित्र आंकड़े हैं. आज तक मुख्यमंत्री ने इस तरीके से अपनी नैतिक जिम्मेदारी को पब्लिक डोमेन में स्वीकार नहीं किया, कुतर्क देते रहे. रेप के बाद मर्डर की घटना क्यों होती हैं, मुख्यमंत्री जी का तर्क है, रेप केस के कठोर दंड से बचने के लिए अपराधी रास्ता निकालता है हत्या का, इसलिए हत्या के मामलों में बढ़ोतरी होती है. मुझे यह कहते हुए अफसोस है कि जिस राजस्थान की साख, प्रतिष्ठा एक शांतिपूर्ण प्रदेश के रूप में थी, आज उस पर ग्रहण लगा है, उस पर नजर लगी है और यह नजर राजस्थान की तरक्की को लगी है. अभी भी वक्त है गहलोत जी संभल जाइए, संभालिए, सियासत में बेशक आप जादूगर हैं, लेकिन कम से कम ऐसा काला जादू राजस्थान की सुरक्षा पर तो मत कीजिएl उन माताओं, बहनों, बेटियों और बच्चियों और बच्चों पर तो मत करिए.’

पत्रकारों से बात करते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘अनुसूचित जाति के गरीब व्यक्ति के सम्मान के साथ मत खेलिए. उस अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को जो जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ता है, कम से कम राजस्थान में उस पर तो मेहरबानी कीजिए. जो जन घोषणापत्र में वादा किया, उसका तो कम से कम सम्मान कीजिए, मुझे लगता है अब पानी सर से ऊपर गुजर गया. जो चिंता मुझे सबसे ज्यादा है, एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के रूप में पंजाब से लेकर और बाड़मेर तक एक कॉरिडोर है नौजवानों को नशे की गिरफ्त में लेना, नशे का इतना बड़ा कारोबार जिसमें कल घढ़साना में एक वकील को आत्महत्या पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि उसने नशे के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी.’

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कई अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘मुझे लगता है जनता सड़कों पर बेशक रिएक्ट ना करे, लेकिन मन में उसके बहुत आक्रोश है, उद्वेलन है, उसके मन में बहुत बड़ा विषाद है. यह मैं सियासी तौर पर 2023 के लिए नहीं कहता, लेकिन जिंदा कौमें 5 साल इंतजार नहीं करती. जिस तरीके से राजस्थान में अपराध की घटनाओं ने राजस्थान के जनमानस को उद्वेलित किया है, वो एक ना एक दिन भले ही ईवीएम में क्रांति का कारण बनेगा. लेकिन उससे पहले मुझे राजस्थान के नौजवान, नारी शक्ति सुन जरूर रही होगी, कहीं ना कहीं प्रतिकार के रूप में आगे आना ही होगा.

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