Politalks.News/MadhyaPradesh. मंगलवार से शुरू हुआ मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार को भी हंगामें की भेंट चढ़ गया. बुधवार को कथित पोषण आहार घोटाले को लेकर विपक्ष ने सबसे पहले सदन में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा और फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वक्तव्य की मांग की. लेकिन विपक्ष की मांग के उलट पहले सीएम का वक्तव्य कराया गया, जिसे लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया. विपक्ष के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौत्तम ने विधानसभा की कार्रवाई को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. बुधवार को जांच और कार्रवाई की मांग करते हुए विधायक गर्भगृह में आकर बैठ गए. सदन में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि, ‘बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने हमारे आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा की कॉलर पकड़ी और उन्हें धक्का दिया.’ इसे लेकर भी सदन में जोरदार बहस हुई. वहीं कमलनाथ सहित दिग्गज नेताओं ने बीजेपी को जमकर आड़े हाथ लिया.
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार के खिलाफ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया. विधानसभा के बाहर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, जीतू पटवारी, जवर्धन सिंह शामिल रहे. कांग्रेस नेताओं ने पार्टी विधायकों के साथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा हाथों में तख्तियां लिए बच्चों के साथ विधानसभा पहुंचे. कथित पोषण आहार घोटाले को लेकर कांग्रेस विधायकों ने तख्तियां लेकर विधानसभा में जाने लगे, लेकिन इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका तो जमकर विवाद हुआ. सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने पुलिस पर कांग्रेस के आदिवासी विधायक पांचीलाल मेढ़ा के साथ धक्कामुक्की के आरोप लगाए. गोविंद सिंह ने कहा कि, ‘बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने हमारे विधायक की कॉलर पकड़ धक्का दे दिया. ये किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा.’
नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, ‘विपक्ष के विधायक ने हमारे एमएलए की कॉलर पकड़ी है. ये सहन नहीं करेंगे.’ बता दें कि कांग्रेस ने कथित पोषण आहार घोटाला मामले में विधानसभा में दिए स्थगन प्रस्ताव पर पहले चर्चा और फिर उसके बाद सीएम के वक्तव्य की मांग की थी लेकिन इसके उल्ट विधानसभा में सीएम का वक्तव्य कराया गया. इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की. प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक हिना कांवरे की उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह से तीखी बहस हुई. जिसके बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.’ 11:50 पर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष का शोर शराबा बढ़ता देख अध्यक्ष ने दोबारा 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
जैसे ही 12 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष फिर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर अड़ गया. इस बीच गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को अपनी बात कह लेने दीजिए इसके बाद चर्चा की जा सकती है. अध्यक्ष ने नियमों में ढील देते हुए सीएम को वक्तव्य देने की सहमति दे दी. इस दौरान सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, ‘अभी भूपेंद्र सिंह ने जिक्र किया, मैं संसदीय कार्य मंत्री रहा हूं. आपको बता दूं कि मैं काफी समय तक संसदीय कार्य मंत्री रह चुका हूं, मुझे सबसे ज्यादा इसकी जानकारी है. यहां पर सीएम और मंत्री पहले बोल रहे हैं और बाद में हमें बोलने को कहा जा रहा है.’ इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘कमलनाथ संसदीय ज्ञान के बड़े जानकर हैं. लेकिन क्या सरकार को यह हक नहीं कि बड़ी घटना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर सरकार अपनी बात रख सके. मेरे वक्तव्य के बाद नेता प्रतिपक्ष बोलें फिर हम जवाब देंगे, चर्चा से कोई भाग नहीं रहा है.’
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तो वहीं सदन में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि, ‘मुझे एक उदाहरण दे दीजिए, पहले कभी स्थगन के पहले चर्चा हुई हो.’ वहीं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि, ‘जो 15 स्थगन प्रस्ताव लगे हैं, उस पर चर्चा करा लीजिए, उसके बाद मुख्यमंत्री की बात सुन लेंगे.’ सीएम ने बोलना शुरू किया तो विपक्ष के विधायक उठकर खड़े हो गए. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, ‘पोषण आहार मामले में भ्रम फैलाया जा रहा है. सदन के माध्यम से जनता के सामने स्थिति स्पष्ट की जानी चाहिए. ये कैग की रिपोर्ट नहीं, सिर्फ एक ड्राफ्ट है. रिपोर्ट में गड़बड़ी मिलती है तो हम कड़ी कार्रवाई करेंगे. चाहे गड़बड़ी किसी के भी कार्यकाल में हुई हो.’ सीएम के भाषण के दौरान विपक्षी विधायकों ने आसन के सामने धरना शुरू कर दिया. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को गुरूवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.