Politalks.News/WestBengal. बंगाल में मंगलवार को हुई हिंसा के बाद से प्रदेश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी द्वारा प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ निकाली गई रैली में जमकर बवाल मचा. नबन्ना चलो मार्च के तहत बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई. भारी संख्या में पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की तरफ से पूरा जोर लगा दिया गया. वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल हुआ. लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से मामला और ज्यादा बढ़ गया और इसके बाद में मार्च ने आगजनी और तोड़फोड़ का रूप ले लिया. यही नहीं प्रदर्शनकारियों द्वारा एक पुलिसकर्मी के साथ निर्ममता से पिटाई का वीडियो भी सामने आ रहा है. इसे लेकर बीजेपी विरोधी दलों के निशाने पर आ गई है. तो वहीं सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘पुलिस चाहती तो आंदोलनकारियों पर गोली चला सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया.’
दरअसल, पिछले कुछ हफ्तों से पश्चिम बंगाल में लगातार ईडी और सीबीआई की छापेमारी चल रही है. ममता सरकार के कई मंत्री एजेंसियों की रडार पर हैं और कुछ गिरफ्तार भी हो चुके हैं. ऐसे में बीजेपी ने भ्रष्टाचार के इन्हीं मुद्दों को लेकर प्रदर्शन का ऐलान किया था. कोलकाता में सचिवालय तक मार्च निकालने के लिए हजारों बीजेपी कार्यकर्ता और नेता जुटे और भाजपा ने इसे नबान्न चलो मार्च का नाम दिया गया. हालांकि पुलिस ने पहले से ही इसे लेकर तैयारी कर ली थी, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को रास्ते में ही रोक लिया गया. पुलिस के रोके जाने से बीजेपी कार्यकर्ता हिंसक हो गए और उन्होंने जमकर बवाल किया. मामला बढ़ता देख पुलिस ने सुवेंदु अधिकारी समेत तमाम बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया. देर रात तक हिंसाग्रस्त इलाकों में भारी पुलिसबल की तैनाती रही.
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सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस के साथ मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कई प्रदर्शनकारी हाथ में बीजेपी का झंडा लिए पुलिसकर्मी पर जमकर वार कर रहे हैं. तो वहीं बंगाल में भाजपा के नबान्न अभियान के दौरान मंगलवार को पुलिस के साथ हुई हिंसक झड़प की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भाजपा पर बरसते हुए जमकर हमला बोला. पूर्व मेदिनीपुर जिले में प्रशासनिक बैठक के दौरान ममता ने आरोप लगाया कि, ‘कल जो बीजेपी ने किया वो शर्मनाक है. लोग नहीं मिलने के कारण भाजपा ने बंगाल सीमा से सटे दूसरे राज्यों से ट्रेनों के जरिए गुंडों को लाकर आंदोलन के नाम पर गुंडागर्दी की और उत्पात मचाया. इसके चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. साथ ही दुर्गा पूजा से पहले व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.’
ममता बनर्जी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, ‘भाजपा के गुंडों ने मार्च के नाम पर बम, गोली, बंदूक व पत्थरों से हमला किया, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं. आज इस गणतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का सभी को अधिकार है, लेकिन इसके नाम पर इस प्रकार के समाज विरोधी कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गुंडागर्दी में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस कानून के अनुसार ठोस कदम उठाएगी. पुलिस चाहती तो आंदोलनकारियों पर गोली चला सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया. पुलिस ने बहुत संयम के साथ स्थिति का मुकाबला किया.’ वहीं कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी नबन्ना मार्च में हुए बवाल को लेकर राज्य के गृह सचिव से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने 19 सितंबर तक रिपोर्ट जमा करने का समय दिया है.
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बंगाल में मनगलवार को हुई इस घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि, ‘बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश ने देखा कि बीजेपी के ये गुंडे हमारे राज्य के साथ क्या करने में सक्षम हैं. ये सोचकर ही हम सिहर उठते हैं कि अगर ये लोग सत्ता में आ जाते तो और क्या करते. बंगाल ने इस पार्टी को अस्वीकार किया जिसके लिए मैं धन्यवाद करता हूं. अब देश के लिए भी इस पार्टी को त्यागने का समय आ गया है.’