kailash gahlot biography in hindi
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Kailash Gahlot Latest News – दिल्ली में फरवरी 2025 में विधान सभा का चुनाव होना प्रस्तावित है. लेकिन चुनाव से पूर्व दिल्ली की ठंडक तो बढ़ रही है पर इस बीच दिल्ली के राजनैतिक पारा को बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने पार्टी और पद दोनों से त्यागपत्र दे दिया. एक समय ऐसा भी था जब यही कैलाश गहलोत अपने आपको केजरीवाल का सेवक कहलवाने के लिए भगवान श्री हनुमान से भी तुलना करने में संकोच नहीं किया, बावजूद यह जानते हुए कि भगवान श्री हनुमान का प्रभु श्री राम के साथ सेवक वाला भाव इन स्वार्थी व छल कपट से भरे नेताओं वाला नहीं था. उनका सेवक वाला भाव अद्वितीय था और किसी मानव में इतनी क्षमता नहीं है कि उनके जैसा सेवक भाव ला पाएं. पर इन नेताओं को कौन समझाए. चाटुकारिता दिखाने के लिए कैलास गहलोत ने केजरीवाल को भगवान राम से तो अपने आपको भगवान श्री हनुमान से तुलना कर डाला था. अब केरीवाल का वही सेवक, वही हनुमान अपने स्वामी केजरीवाल को छोड़कर अलग हो गया है. इस लेख में हम आपको दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे श्री कैलाश गहलोत की जीवनी (Kailash Gahlot Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

कैलाश गहलोत की जीवनी (Kailash Gahlot Biography in Hindi)

पूरा नाम कैलाश गहलोत
उम्र 50  साल
जन्म तारीख 22 जुलाई,1974
जन्म स्थान नजफगढ़, दिल्ली
शिक्षा लॉ की डिग्री
कॉलेज कैम्पस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय
वर्तमान पद दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, वकील
राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम
माता का नाम
पत्नी का नाम मौसमी मिश्रा गहलोत
बच्चे दो बेटियां
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता दिल्ली
वर्तमान पता दिल्ली
फोन नंबर +91-11-28012020
ईमेल minlawtpt[dot]delhi[at]nic[dot]in

कैलाश गहलोत का जन्म और परिवार (Kailash Gahlot Birth & Family)

कैलाश गहलोत का जन्म 22 जुलाई,1974 को दिल्ली के नजफगढ़ में हुआ था. उनकी पत्नी का नाम मौसमी मिश्रा है. उनकी दो बेटियां है. कैलाश गहलोत धर्म से हिन्दू है और जाति से जाट है. उनपर ED और IT के मामले की जाँच चल रही है.

कैलाश गहलोत की शिक्षा (Kailash Gahlot Education)

कैलाश गहलोत ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की है. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के वेंकटश्वर कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में स्नातक किया जबकि उसके बाद में कैंपस लॉ सेंटर से लॉ की डिग्री प्राप्त की है.

कैलाश गहलोत का शुरूआती जीवन (Kailash Gahlot Early Life)

लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद कैलाश गहलोत दिल्ली उच्च न्यायालय और देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस की थी. कैलास गहलोत 2005 से लेकर 2007 तक दिल्ली हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य भी रह चुके हैं. कैलाश गहलोत ने लगभग सोलह वर्षो तक वकालत की हैं.

कैलाश गहलोत का राजनीतिक करियर (Kailash Gahlot Political Career)

कैलाश गहलोत की राजनीतिक यात्रा वर्ष 2015 से शुरू हुई. जब 2015 में दिल्ली विधान सभा का चुनाव होना था तब आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल  ने कैलाश गहलोत पर भरोसा करते हुए उन्हें दिल्ली के नजफगढ़ विधान सभा से आप का उम्मीदवार बनाया. कैलाश गहलोत ने अपने जीवन में पहली बार कोई विधान सभा का चुनाव लड़ा था और संयोग से वह उस चुनाव में जीत भी गए. जीत के बाद कैलाश गहलोत नजफगढ़ विधान सभा से चुनकर दिल्ली विधान सभा पहुंचे.

2015 में जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पूर्ण बहुमत आयी तो दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद पर अरविंद केजरीवाल आसीन हुए और मुख्यमंत्री बनने के दो वर्ष बाद 2017 में कैलाश गहलोत को भी अपने मंत्रिमडल में शामिल कर लिया. पर एक वर्ष बाद 2018 में उनपर कर चोरी के मामले दर्ज हुए और उनके कई परिसरों पर आईटी विभाग के छापे पड़े.

2020 में जब दिल्ली का विधान सभा चुनाव हुआ तब एक बार फिर से आप आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कैलाश गहलोत को टिकट देकर एक बार फिर से दिल्ली के नजफगढ़ से अपना उम्मीदवार बनाया और इस बार फिर से कैलास गहलोत पार्टी और अरविंद केजरीवाल की उम्मीदों पर खरे उतरे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के अजित सिंह खरखरी को लगभग छह हजार वोटो से पराजित किया. इस चुनाव में कैलाश गहलोत को 81,507 मत पड़े तो वही भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अजित सिंह खरखरी को 75,276 मत पड़े.

आश्चर्य की बात यह थी कि कैलाश गहलोत ने दिल्ली के नजफगढ़ से दूसरी बार लगातार जीत दर्ज की थी, जबकि इस विधान सभा सीट के बारें में कहा जाता हैं कि यहाँ से कोई उम्मीदवार लगातार दो बार नहीं जीत पाता हैं, बावजूद इसके कैलाश गहलोत यहाँ से दूसरी बार चुनकर दिल्ली के विधायक बन गए थे.

जीत के बाद जब अरविंद केजरीवाल की तीसरी बार की सरकार बनी तब कैलाश गहलोत को एक बार फिर से दिल्ली सरकार की कैबिनेट में स्थान दिया. दिल्ली की केजरीवाल सरकार में उन्हें परिवहन, राजस्व, प्रशासनिक सुधार, सूचना प्रौद्योगिकी, विधि, न्याय एवं विधायी मामले व पर्यावरण विभाग दिया गया.

बाद में जब आतिशी की सरकार बनी तब उन्हें फिर से कैबिनेट में स्थान मिला और उन्हें परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी के साथ ही महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई.

यह वह समय था जब यही कैलाश गहलोत स्वयं को अरविंद केजरीवाल का हनुमान तक बता दिया था और कहा था कि मैं उनके लंबित कार्यो को पूरा करूंगा.

पर 17 नवंबर, 2024 को अचानक से कैलाश गहलोत ने पार्टी व पद दोनों से त्यागपत्र दे दिया. हालांकि अब तक वह किसी दूसरी पार्टी में जाने की चर्चा कही नहीं की हैं पर आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना हैं कि वह बीजेपी ज्यॉइन कर सकते हैं.

कैलास गहलोत के आम आदमी पार्टी छोड़ने के कारण

कैलाश गहलोत ने इसके लिए पार्टी को ही जिम्मेदार बताया हैं. उनका कहना हैं कि पार्टी अपने मूल उद्देश्यों से भटक गई हैं. केंद्र और दिल्ली सरकार के झगड़ो में उलझकर जनता से जुड़े कार्यो को पूरा करने में विफल रही हैं. पार्टी जनता के एजेंडो को पूरा करने के बदले अपने ही एजेंडों में व्यस्त हैं. उन्होंने अपने त्यागपत्र में अरविंद केजरीवाल के शीशमहल और दिल्ली की यमुना नदी की सफाई का भी जिक्र किया हैं. उन्होंने यमुना नदी की सफाई में दिल्ली सरकार की विफलता का भी जिक्र किया और कहा कि केंद्र और राज्य की लड़ाई में दिल्ली का विकास अवरुद्ध हो गया हैं. बाद में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया.

कैलाश गहलोत की संपत्ति (Kailash Gahlot Net Worth)

2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय कैलाश गहलोत के द्वारा घोषित कुल संपत्ति 46 करोड़ है. इसके साथ ही उनपर 6 करोड़ का लोन भी है. जबकि 2015 में उनकी संपत्ति 37 करोड़ थी. जबकि उस समय उनपर 8 करोड़ का कर्ज था.

कैलाश गहलोत ने अपने कमाई का जरिया वकालत को बताया हैं. इसके साथ ही वह कुछ बिजनेस से भी जुड़े हुए हैं जिससे उन्हें आय हुआ करती हैं.

इस लेख में हमने आपको दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री रहे कैलाश गहलोत की जीवनी (Kailash Gahlot Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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