gopal rai biography in hindi
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Gopal Rai Latest News – दिल्ली में अगले वर्ष विधान सभा चुनाव होना है. यहाँ की यदि राजनैतिक लड़ाई की बात करें तो यहाँ का मुकाबला त्रिकोणीय होता है. विशेषकर तब से जब से आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आयी है. उससे पहले यहाँ कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई हुआ करती थी, पर आम आदमी पार्टी के सक्रिय होने के बाद से करीब एक दशक से यहाँ की राजनीतिक उठा-पटक दो के बीच न होकर त्रिकोणीय हो गई है. यदि आम आदमी पार्टी की बात करें तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओ में गोपाल राय का नाम आता है. गोपाल राय आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में आते है. गोपाल राय की लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की राजनैतिक यात्रा काफी रोमांच से भरी रही है. किसान परिवार से आने वाला गोपाल राय कॉलेज के दिनों में ही नेतागिरी की शुरुआत की थी और बाद में वह दिल्ली में अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़ गए थे. गोपाल राय के छात्र नेता से दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने तक की यात्रा काफी रोचक है. इस लेख में हम आपको आम आदमी पार्टी संयोजक व दिल्ली की आतिशी सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की जीवनी (Gopal Rai Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

गोपाल राय की जीवनी (Gopal Rai Biography in Hindi)

पूरा नाम गोपाल राय
उम्र 49 साल
जन्म तारीख 10 मई,1975
जन्म स्थान मऊ, उत्तरप्रदेश
शिक्षा समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन
कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय
वर्तमान पद दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री (विधायक (बाबरपुर))
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम विजय शकर राय
माता का नाम
भाई का नाम योगेंद्र राय
पत्नी का नाम अंजना राय
बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता ए-विंग, 7वां स्तर, दिल्ली सचिवालय, आई.पी. एस्टेट, नई दिल्ली-110002
वर्तमान पता ए-विंग, 7वां स्तर, दिल्ली सचिवालय, आई.पी. एस्टेट, नई दिल्ली-110002
फोन नंबर +91-11-23392109, +91-11-23392113
ईमेल gopalrai[dot]delhi[at]gov[dot]in

गोपाल राय का जन्म और परिवार (Gopal Rai Birth & Family)

गोपाल राय का जन्म 10 मई,1975 को उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में हुआ था. गोपाल राय किसान परिवार से आते है. उनके पिता का नाम विजय शकर राय है. उनके भाई का नाम योगेंद्र राय है. उनकी पत्नी का नाम अंजना राय है, जो गृहणी है. गोपाल राय धर्म से हिन्दू है.

गोपाल राय की शिक्षा (Gopal Rai Education)

गोपाल राय की प्रारंभिक शिक्षा मऊ से ही हुई थी. बाद में गोपाल राय आगे की पढाई के लिए लखनऊ आ गए और लखनऊ आकर 1998 में लखनऊ विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की डिग्री ली थी.

गोपाल राय का शुरूआती जीवन (Gopal Rai Early Life)

गोपाल राय मध्यमवर्गीय किसान परिवार से आते है. शुरूआती दोनों में गोपाल राय जब कॉलेज में दाखिला लिया तभी से वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए. गोपाल राय 1992 में सीपीआई (CPI) से जुड़ गए.

उन दिनों युवा गोपाल छात्रों की मांगो को उठाते थे और उसी क्रम में उन्होंने अनेको आंदोलनों में भाग भी लिया. उसी आपसी विवाद में उन्हें 18 जनवरी 1999 को गोली लग गई. गोली रीढ़ में लगी और इस कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी घोर समस्याओं का भी सामना करना पड़ा, उन्हें आंशिक लकवा हो गया था. इस कारण गोपाल राय को लगभग डेढ़ वर्ष तक केजीएमसी और फिर बाद में एक वर्ष तक टुडियागंज होम्योपैथी कॉलेज में भर्ती रहना पड़ा था. यह सारा विवाद हॉस्टल में कमरा आवंटन में गड़बड़ियों के लिए हुआ था और गोपाल उन दिनों लखनऊ से समाज शास्त्र में पीजी कर रहे थे. गोपाल उस समय हबीबुल्लाह हॉस्टल में रहा करते थे जो उन दिनों वाद विवाद का गढ़ माना जाता था.

गोपाल राय का राजनीतिक करियर (Gopal Rai Political Career)

गोपाल राय की राजनीतिक यात्रा वर्ष 2011 -12 से शुरू हुई. 2011 में दिल्ली में अन्ना हजारे ने लोकपाल को लेकर धरणा दिया था और उनके समर्थन में कई लोग आगे आ गए. उन्ही लोगो में से एक था गोपाल राय. गोपाल राय के साथ उस समय अरविंद केजरीवाल भी जुड़ गए थे.

जन लोकपाल आंदोलन को आम आदमी का सहयोग मिल रहा था. देश में ऐसे कम ही आंदोलन हुए है जिनके पीछे न कोई राजनीतिक दल रहे हो और न ही कोई बड़ी संस्था, जिनसे उन्हें आंदोलनों के लिए फंडिंग हो रही हो. ऐसे ही आंदोलन में एक आंदोलन – ‘जन लोकपाल आंदोलन’ था जो अन्ना हजारे के नेतृत्व में लड़ा जा रहा था. उस समय देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए – 2 की सरकार थी.

नवंबर 2012 में अन्ना हजारे के आंदोलन के थमने के बाद अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ. इसलिए जब फंडिंग की बात आयी तब गोपाल राय के साथ अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने मिलकर ‘मैं भी आम आदमी’ अभियान की शुरुआत किया. इस अभियान का उद्देश्य पार्टी के लिए चंदा इक्कट्ठा करना था. तीनो के नेतृत्व में यह आंदोलन 26 जनवरी, 2014 तक चला.

इस बीच जब दिल्ली में विधान सभा के चुनाव हुए तब गोपाल राय दिल्ली के बाबरपुर विधान सभा सीट से खड़ा हुए पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. इसके बाद दिल्ली की सरकार जल्द ही गिर गई और जिसके बाद 2015 में एक बार फिर से दिल्ली के विधान सभा चुनाव हुए. गोपाल राय इस चुनाव में भी आम आदमी पार्टी के टिकट पर बाबरपुर विधान सभा से उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए और इस बार गोपाल की जीत हुई. जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तब उन्हें दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में परिवहन और श्रम मंत्रालय दिया गया.

2020 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में भी गोपाल राय दिल्ली की बाबरपुर विधान सभा सीट से ही खड़े हुए और इस बार फिर जीत गए. इस बार फिर से केजरीवाल की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बन गई. इस बार फिर से गोपाल राय कैबिनेट में शामिल रहे.

बाद में जब आतिशी की सरकार बनी तब भी गोपाल राय कैबिनेट में शामिल रहे. उन्हें पर्यावरण, विकास और प्रशासन मंत्रालय दिया गया. वर्तमान में वह इसी पद पर आसीन है.

गोपाल राय से जुड़ी चौकाने वाली बातें

विद्यार्थी जीवन में 1999 में जब गोपाल राय को गोली लगी थी तब वह बाहर नहीं निकल पायी थी और वह शरीर में जाकर फंस गई थी. वही गोली गोपाल राय के शरीर से सत्रह वर्ष बाद तब निकाली गई जब वह दिल्ली सरकार में ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर हुआ करते थे. दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन की टीम की गहन सर्जरी के बाद वह गोली निकाली जा सकी.

गोपाल राय की संपत्ति (Gopal Rai Net Worth)

2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय गोपाल राय के द्वारा घोषित कुल संपत्ति 90 लाख के करीब है.

इस लेख में हमने आपको दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की जीवनी (Gopal Rai Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

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