RCP सिंह की अकूत सम्पत्ति पर JDU ने ही बिठाई जांच, जीरो टॉलरेंस की नीति वाले नीतीश का action

जनता दल यूनाइडेट ने आरसीपी सिंह की अचल संपत्तियों में विसंगतियों के लिए कारण बताओ नोटिस किया जारी, जमीन खरीदने के लिए की आय का स्रोत बताने की मांग, तो बोले उपेंद्र कुशवाहा- उन्होंने खुद एक ऐसा रास्ता अपनाया है जहां उन्होंने मान लिया है कि वह अब पार्टी में नहीं हैं

जीरो टॉलरेंस की नीति वाले नीतीश का ACTION
जीरो टॉलरेंस की नीति वाले नीतीश का ACTION

Politalks.News/Bihar. बिहार की सियासत के साथ साथ प्रदेश के दल एवं सत्ता में शामिल जदयू में सबकुछ ठीक नहीं है. काफी लंबे समय से नाराज चल रहे RCP सिंह पर उनकी ही पार्टी ने बड़ा आरोप लगाया है. जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली मुख्यमंत्री नीतीश सरकार अपनी इस नीति के तहत अपनी ही पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रहे आरसीपी सिंह पर जांच बिठा दी है. यह बात सबूत के साथ सामने आई है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार ने 2013 से अब तक अकूत संपत्ति बनाई है. खास बात ये है कि संपत्ति का ब्योरा जेडीयू के ही नेताओं ने ही जुटाया है. इस ब्योरे के अनुसार RCP सिंह ने पिछले 9 साल में कुछ पत्नी के नाम पर तो कुछ अपनी दोनों बेटियों के नाम से बनाई है. अब इसे लेकर बिहार जेडीयू के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस भेजकर अकूत संपत्तियों और अनियमितताओं पर जवाब मांगा है. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘क्या ऐसा लगता है कि वह अपनी गतिविधियों के चलते अभी भी पार्टी में हैं?’

बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने शनिवार को पार्टी नेता आरसीपी सिंह को उनके और उनके परिवार के नाम पर 2013 से 2022 तक रजिस्टर्ड अचल संपत्तियों में विसंगतियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही सिंह से जमीन खरीद के लिए आय का स्रोत बताने की भी मांग की. नालंदा में पार्टी के दो सदस्यों द्वारा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष आरसीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने की शिकायत के बाद उन्हें नोटिस दिया गया. पार्टी ने आरसीपी सिंह से यह स्पष्ट करने को कहा है कि 58 प्लॉट्स की रजिस्ट्रियां उनके, उनकी बेटियों- सहरसा की एसपी लिपि सिंह और लता सिंह और परिवार के सदस्यों के नाम पर कैसे की गई हैं. जदयू ने अब तक जो दस्तावेज जुटाए हैं उसके अनुसार 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी गई है.

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सबसे बड़ी बात है कि 2016 के चुनावी हलफनामे में आरसीपी सिंह ने इन संपत्तियों के बारे में कोई भी जिक्र नहीं किया है. सबूतों के आधार पर अगर देखा जाए तो इस्लामपुर (हिलसा) अंचल के सैफाबाद मौजा में 12 और केवाली अंचल में 12 प्लॉट खरीदे गए हैं. 2013 से 2016 के बीचे में इसकी खरीदारी की गई है और ये प्लॉट लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर है. वहीं, 28 अप्रैल 2014 को चरकावां (नीमचक बथानी, गया) के नरेश प्रसाद सिंह ने बेलधर बिगहा (छबीलापुर, नालंदा) के धर्मेंद्र कुमार को दान में जमीन दी. बाद में धर्मेंद्र कुमार ने यही जमीन लिपि सिंह और लता सिंह के नाम बेच दी. वहीं, महमदपुर में 2015 में एक प्लॉट गिरजा सिंह के नाम पर खरीदा गया. 2011 में 2, 2013 में 2, 2014 में 5, 2015 में 6, 2017 में 1, 2018 में 3, 2019 में 4, 2020 में 3, 2021 में 6 तथा 2022 में 2 प्लॉट खरीदे गए हैं.

वहीं RCP सिंह पर अपनी पत्नी के नाम में भी हेरफेर का आरोप है. मिली जानकारी के अनुसार चुनावी हलफनामा 2010 एवं 2016 में आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी का नाम गिरिजा सिंह दर्ज किया है. वहीं जमीन खरीदी गए केवाला में गिरजा सिंह लिखा गया है. इन सभी तथ्यों के सामने आने के बाद अब जदयू नेता RCP सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. वहीं इस प्रकरण को लेकर उमेश सिंह कुशवाहा ने आरसीपी से कहा कि, ‘आपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और राजनेता के रूप में काम किया है. दो बार आपको राज्यसभा भेजा गया और जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. केंद्र में मंत्री के रूप में काम करने का भी आपको मौका मिला लेकिन इस दौरान सीएम नीतीश ने आपका भरपूर साथ दिया.’

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कुशवाहा ने आगे कहा कि, ‘मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हैं और इतने बड़े नेता होने के बावजूद उनपर कोई दाग नहीं लगा और न ही कोई संपत्ति बनाई. ऐसे में वे जल्द से जल्द वे जल्द से जल्द उनके और उनके परिवार से जुड़ी संपत्ति के मामले में अपनी राय स्पष्ट करें.’ वहीं जदयू के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा से जब पूछा गया कि क्या आरसीपी सिंह को उनकी संपत्ति के मुद्दे और पार्टी के नोटिस के मद्देनजर जदयू से निष्कासित किया जाएगा? तो उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘क्या ऐसा लगता है कि वह अपनी गतिविधियों के चलते अभी भी पार्टी में हैं? उन्होंने खुद एक ऐसा रास्ता अपनाया है जहां उन्होंने मान लिया है कि वह अब पार्टी में नहीं हैं.’ उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, ‘बात सबके सामने है. पार्टी को उनके बारे में कुछ जानकारी मिली है, प्रथम दृष्टया यह भ्रष्टाचार का मामला लगता है. पार्टी अब उनका पक्ष जानना चाहती है. आगे की कार्रवाई जरूरत के अनुसार की जाएगी. हम उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.’

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