Politalks.news/Bihar. बिहार की राजनीति में कुछ भी ठीक नहीं नजर आ रहा है. सूबे की सत्ताधारी पार्टी JDU में सियासी खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहे कितनी ही बार कहें कि हमारी पार्टी में किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है लेकिन समय समय पर यह सामने आ ही जाती है. एक ऐसा ही मामला तब देखने को मिला जब केंद्रीय मंत्री RCP सिंह के बिहार आगमन से पहले लगे पोस्टरों से JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की फोटो गायब दिखाई दी. हालांकि दो घंटे बाद ही पार्टी दफ्तर के बाहर लगे नए पोस्टरों में ललन सिंह तो दिखाई दिए, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को इसमें जगह नहीं मिली. पार्टी में चल रही गुटबाजी एवं पोस्टर विवाद के सामने आने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोगों को केवल पोस्टर लगवाने का शौक रहता है. उन्हें इस बात से कुछ मतलब नहीं रहता है कि पोस्टर में आखिर छप क्या रहा है. तो वहीं अभय कुशवाहा के एक बयान ने सभी को चौंका दिया, कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा उनके लिए कुछ मायने नहीं रखते.
RCP सिंह का बिहार आगमन लाया सूबे की राजनीति में गर्माहट
हाल ही में हुए मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में JDU की ओर से केंद्रीय मंत्री बने एक मात्र नेता रामचंद्र प्रताप सिंह के बिहार दौरे ने सूबे की राजनीति में गर्माहट ला दी है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्री बनने के बाद RCP सिंह के बिहार आगमन को लेकर जगह जगह पर पोस्टर लगाए गए. इन पोस्टरों से JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की फोटो कहीं भी नजर नहीं आई. हालांकि इस पुरे मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एंट्री के बाद नए पोस्टर लगाए गए, लेकिन ये पोस्टर भी जेडीयू में चल रही रार को छिपा नहीं पाए. पार्टी दफ्तर के बाहर नए पोस्टरों में एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक बड़ी फोटो नजर आ रही है तो दूसरी तरफ RCP सिंह का पोस्टर लगा हुआ है. साथ ही अब इस पोस्टर में JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की भी एंट्री हो चुकी है. लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को इस पोस्टर में अभी भी जगह नहीं मिली है.
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कुछ लोगों को केवल पोस्टर लगवाने का रहता है शौक- नीतीश
बिहार में जदयू के पोस्टर प्रकरण पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू में कोई विवाद नहीं है पार्टी एकजुट है. नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोगों को केवल पोस्टर लगवाने का शौक रहता है. उन्हें इस बात से कुछ मतलब नहीं रहता है कि पोस्टर में आखिर छप क्या रहा है. आरसीपी सिंह और ललन सिंह को लेकर पत्रकार वार्ता के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर में मैंने खुद आरसीपी सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाया. उस समय मैंने ही प्रस्ताव दिया था कि मैं आरसीपी सिंह को यह जिम्मेदारी देना चाहता हूं, और अब जब वह केंद्र में मंत्री बन गए तो आरसीपी सिंह ने कहा कि ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएं तो अच्छा रहेगा.
भूलवश नहीं लगी ललन सिंह की तस्वीर
वहीं पार्टी दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में ललन सिंह की फोटो ना लगे होने के कारण पोस्टर में निवेदक अभय कुशवाहा ने माफ़ी भी मांग ली है. अभय कुशवाहा ने साफ कहा कि जिस पोस्टर को लेकर इतना विवाद खड़ा किया गया वो तो विवाद के लायक था ही नहीं. हमने पोस्टर लगवाया था जिसमें हमारे नेता नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह की उसमें तस्वीर लगी थी. हां मानते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की तस्वीर भूलवश नहीं लगी लेकिन अगर उनकी तस्वीर पोस्टर में नहीं थी तो इसमें बड़ी गलती जैसी कोई बात नहीं थी. फिर भी इसके लिए मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूँ.
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उपेंद्र कुशवाहा नहीं रखते मेरे लिए कोई मायने- अभय
पार्टी दफ्तर के बाहर लगे नए पोस्टरों में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को तो जगह मिल गई लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को जगह नहीं मिल पाई. वहीं जब उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जदयू नेता अभय कुशवाहा से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा मेरे लिए कोई मायने नहीं रखते. अभय कुशवाहा ने साफ किया कि उनके लिए पार्टी में सिर्फ चार ही नेता सर्वमान्य हैं, नीतीश कुमार, लल्लन सिंह, आरसीपी सिंह और प्रदेशाध्यक्ष उमेश कुशवाहा.
ललन सिंह के पोस्टर से नदारद थे RCP
गौरतलब है कि जब ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद बिहार आगमन हुआ था तो उस समय लगे पोस्टर में से RCP सिंह की फोटो नदारद दिखाई दी थी. वहीं उपेंद्र कुशवाहा को पोस्टर में जगह नहीं दिए जाने को लेकर राजनीतिक जानकारों की मानें तो ललन सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद से ही जदयू के अंदर नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई तेज हो चली है. इस वर्चस्व की लड़ाई में उपेंद्र कुशवाहा ललन सिंह के साथ नजर आ रहे हैं जिसके कारण आरसीपी गुट इस तैयारी में है कि उनका यह स्वागत कहीं से भी ललन सिंह की तुलना में कम नहीं दिखे.