हिमाचल की हमीरपुर संसदीय सीट, यहां की राजनीति की चर्चा प्रदेश से लेकर दिल्ली तक रहती है. यूं तो हमीरपुर एक हिट स्टेशन के तौर पर अपनी पहचान रखता है लेकिन इस बार बढ़ती गर्मी में यहां का सियासी माहौल भी पूरी तरह से गर्म है. केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी उम्मीदवार अनुराग ठाकुर यहां से जीत का चौका लगा चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी ने ठाकुर को यहां से पांचवीं बार प्रत्याशी बनाया है. उन्हें पांचवीं जीत से रोकने के लिए कांग्रेस ने ऊना जिला से संबंध रखने वाले पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को कैंडिडेट बनाकर पेंच फंसाया है. दूसरी ओर, इस सीट पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की साख भी दांव पर लगी हुई है.
दरअसल, सुक्खू और अग्निहोत्री दोनों हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से हैं. सुखविंदर सुक्खू हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा से, जबकि मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिला के हरौली विधानसभा से विधायक हैं. दोनों चुनाव प्रचार में खूब पसीना बहा रहे हैं. कांग्रेस को हमीरपुर जिला में सीएम सुक्खू और ऊना में मुकेश अग्निहोत्री से करिश्मे की उम्मीद है. वहीं हमीरपुर पिछले ढाई दशक से बीजेपी का अभेद किला बन गया है.
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पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के गढ़ होने के चलते 1998 से यहां बीजेपी का भगवा ध्वज लहरा रहा है. यहां बीजेपी ने 12 में से 10 चुनावों में अपना डंका बजवाया है. इनमें से 6 बार धूमल परिवार ने जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस ने लगभग 26 साल बाद ऊना जिला से कोई कैंडिडेट दिया है.
हमीरपुर का जातिगत गणित
हमीरपुर संसदीय सीट में 4 जिलों की 17 विधानसभा आती हैं. ऊना व हमीरपुर जिला की सभी 5-5 सीटें, बिलासपुर की 4, कांगड़ा की जसवां-परागपुर व देहरा तथा मंडी जिला की धर्मपुर सीट इसमें शामिल है. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 14,56,099 है. इनमें से 7,15,670 पुरूष और 7,16,938 महिला है. 22,841 सर्विस वोटर्स भी हैं. निर्णायक वोटर राजपूत रहेगा. लगभग 40% राजपूत मतदाता हैं. इसी तरह 20 फीसदी ब्राह्मण वोटर, 22% अनुसूचित जाति, 2 अनुसूचित जनजाति और 15% ओबीसी वोटर हैं.
अग्निवीर भर्ती और ओपीएस बड़ा मुद्दा
हमीरपुर जिला के युवाओं में जो क्रेज आर्मी में भर्ती को लेकर रहता था, वह कम हो गया है. लोग इसकी वजह अग्निवीर भर्ती योजना बता रहे हैं. रायजादा भी इस मुद्दे को बार-बार जनसभाओं में उठा रहे हैं. देश में तीन साल पहले जब यह योजना लाई गई थी तो उस दौरान भी हिमाचल में सत्तारूढ़ बीजेपी एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हार चुकी है. इसके बाद बीजेपी प्रदेश में विधानसभा के आम चुनाव भी हार गई. ये बीजेपी के लिए चिंता का सबब है. ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) भी मुद्दा बनती नजर आ रही है. बीजेपी इस योजना को दरकिनार करती जा रही है जबकि कांग्रेस इसे देशभर में लागू करने की बात कह रही है. बीजेपी की ओर से राम मंदिर को भी मुद्दा बनाया जा रहा है.
हमीरपुर का सियासी समीकरण
बीजेपी लगातार 26 साल से इस सीट पर है. अनुराग ठाकुर लगातार 4 बार से जीतते आ रहे हैं. वह अपने कई काम गिनाते हैं जिनका उन्हें फायदा मिलेगा. वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरा मैदान में उतारा है. कांग्रेस इस बार काफी संघर्ष कर रही है और बीजेपी को महंगाई, भ्रष्टाचार, इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मुद्दों पर घेरने का प्रयास कर रही है. एकआत जिले से रायजादा को बढ़त मिलना तय है. बेशक अनुराग पिछला चुनाव लगभग चार लाख मतों के अंतर से जीते हैं, लेकिन इस बार चुनाव जीतना इतना आसान नहीं है.