Politalks.News/HardikPatel. गुजरात (Gujarat) में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है. बीजेपी का हमेशा की तरह चुनावी मोड ऑन है तो वहीं आम आदमी पार्टी भी गुजरात विधानसभा (Gujarat Assembly Election) अच्छा प्रदर्शन करने का दावा ठोक रही है. तो वहीं कांग्रेस पार्टी तैयारी तो कर रही है चुनाव लड़ने की लेकिन उसकी मुश्किलें कम हो तब ना. जी हां विधानसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे ही गुजरात में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. गुजरात कांग्रेस (Gujarat Congress) के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik patel) ने कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हार्दिक पटेल का कहना है कि, ‘कांग्रेस के दिग्गज नेता ही ये चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं.’ हार्दिक पटेल के इस बयान के साथ ही सियासी गलियारों में ये चर्चा है कि हार्दिक आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लेंगे.
साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस मजबूत होने की बजाय बिखरने की राह पर बढ़ती दिख रही है. बुधवार के बाद गुरूवार को भी हार्दिक पटेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस के ही नेता चाहते हैं कि मैं पार्टी छोड़ दूं.’ इससे पहले बुधवार को पटेल ने कहा था कि, ‘गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष का पद मतलब शादी के बाद दूल्हे की नसबंदी करवाने के बराबर होता है. पार्टी में बड़े नेताओं की गुटबंदी के कारण हमें भी बराबर अपमानित किया जाता है.’ गुरूवार को हार्दिक पटेल ने खुलकर बात करते हुए कहा कि, ‘पार्टी का प्रदेश नेतृत्व उन्हें परेशान कर रहा है और राज्य के कांग्रेस नेता खुद यह चाहते हैं कि ‘मैं पार्टी छोड़ दूं. उनकी ओर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी इस स्थिति के बारे में कई बार अवगत कराया गया, लेकिन दुख की बात है कि उनकी तरफ से भी अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया.’
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प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधते हुए हार्दिक ने कहा कि, ‘पिछले तीन दशक से गुजरात में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो इसके लिए गुटबाजी और स्थानीय कांग्रेस नेताओं का दूसरे दलों के साथ ‘गुप्त गठबंधन’ जिम्मेदार है.’ हार्दिक पटेल ने दावा करते हुए कहा कि, ‘2017 में इतना बड़ा माहौल था, लेकिन गलत टिकट बंटने की वजह से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बन सकी. तत्कालीन सरकार के खिलाफ हमने एक बड़ा आंदोलन खड़ा करके कांग्रेस को फायदा दिलाया था. तब हमें यह लगा था कि हमारी ताकत और कांग्रेस की ताकत मिलेगी तो हम प्रदेश को एक नयी स्थिति में लाकर खड़ा करेंगे. लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने ही हमारी ताकत को कमजोर किया.’
हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बना तो दिया, लेकिन मेरे पास करने के लिए कोई काम नहीं है. मुझे किसी अहम बैठक में नहीं बुलाया जाता, किसी निर्णय में भागीदार नहीं बनाया जाता. सवाल यह है कि कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष क्या होता है? कुछ तो जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, लेकिन तीन साल हो गए, कोई काम नहीं दिया गया.’ कांग्रेस आलाकमान से अपील करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘मेरी यह नाराजगी कहीं जाने के लिए नहीं है. मैं यह कहना चाहता हूं कि आलाकमान पार्टी के लिए कुछ तो अच्छा करो. पार्टी की स्थिति पहले से ही बहुत खराब है, जो मजबूती से लड़ने वाले लोग हैं, उन्हें मौका तो दो. जो कुछ नहीं करना चाहते हैं, उन्हीं लोगों पर सब कुछ टिका हुआ है. लगभग 30 साल से कांग्रेस की सरकार नहीं बनी तो इन लोगों की गलती तो मानो.’
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वहीं पाटीदार समुदाय के चर्चित चेहरे नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल होने की संभावना को लेकर हार्दिक पटेल ने कहा, ‘कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि उनसे बातचीत हुई है या नहीं. इतने दिनों से खबरें आ रही हैं, लेकिन कुछ बोला नहीं जा रहा है.’ कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि, ‘2017 में आपने हार्दिक का उपयोग किया, 2022 में आप नरेश भाई का उपयोग करोगे और 2027 में क्या कोई नया पटेल ढूंढोगे? आपके पास हार्दिक है, तो उसे मजबूत क्यों नहीं करते? नरेश भाई को लेना चाहिए, लेकिन उनका कहीं मेरे जैसा हाल तो नहीं होगा?’
वहीं पिछले 5 साल में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि, ‘मुझे इतना परेशान किया जा रहा है कि दिल भर आता है. साल 2017 में कांग्रेस के 80 विधायक थे, आज 65 बचे हैं. एक-दो विधायक जाते हैं तो यह मान लेते कि भाजपा ने खरीद लिए होंगे, लेकिन इतने विधायक चले गए तो हम अपनी गलती क्यों नहीं मानते?’ वहीं अल्पेश ठाकोर का जिक्र करते हुए हार्दिक पटेल ने कहा, ‘अल्पेश ठाकोर चला गया तो हमने यह क्यों कहा कि वह स्वार्थी था? सच्चाई यह है कि उसे परेशान किया गया था, इसलिए चला गया.’
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सियासी गलियारों में ये चर्चा है कि पाटीदार समुदाय के चर्चित चेहरे नरेश पटेल को कांग्रेस पार्टी में शामिल करवाने की मांग को लेकर हार्दिक पटेल अब मुखर हुए हैं. वे चाहते हैं पार्टी उन्हें काम करने की आजादी दे साथ ही नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करना है या नहीं इसे लेकर आलाकमान अपना रुख साफ़ करे. वहीं कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि हार्दिक पटेल खुद कांग्रेस का दामन छोड़ना चाहते हैं क्योंकि वहां उन्हें ज्यादा तवज्जों नहीं मिल रही. सवाल ये भी है विधानसभा चुनाव से ठीक साल भर पहले ही हार्दिक पटेल का पार्टी में मन नहीं लग रहा. सियासी दिग्गजों का कहना है कि हार्दिक पटेल अब कांग्रेस का हाथ छोड़ झाड़ू के साथ जाने वाले हैं.
जी हां दिल्ली की सत्ता में लगातार दो बार कब्ज़ा करने के बाद पंजाब में सरकार बना आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ये सपष्ट कर दिया है कि वे यहीं रुकने वाले नहीं हैं. केजरीवाल धीरे धीरे गुजरात के साथ साथ हिमाचल में भी अपनी पार्टी का विस्तार कर रहे हैं. साथ ही अगर केजरीवाल को हार्दिक का साथ मिल जाता है तो ये आम आदमी पार्टी के बेहद लाभकारी होगा. हार्दिक पटेल के पास अनुभव तो है ही साथ ही उन्हें पता है कि आखिर किस मुद्दे पर आगामी चुनाव लड़ा जाएगा. गुजरात में चल रहे इस सियासी ड्रामे पर बीजेपी ने अपनी नजरें गड़ा रखी है क्यों कि वो अच्छी तरह जानती है कि विपक्षी दलों का एक गलत दांव उन्हें सत्ता में वापस ला सकता है.