बेनीवाल ने भारतमाला के तहत बन रही सड़कों की खोली पोल तो महिला सुरक्षा को लेकर दिए अहम सुझाव

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को लोकसभा में भारतमाला परियोजना के तहत बन रही सड़कों की गुणवत्ता से जुड़ा मामला सदन में उठाया, कहा- जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर आदि जिलों मे बनाई गई सड़कों के निर्माण में गुणवता से संबन्धित कमियों को किया गया है नज़र अंदाज, इसके लिए दोषी अभियंताओं व कार्यकारी एजेंसियों के विरुद्ध हो कार्रवाई, वहीं कुटम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 पर चर्चा में भी सांसद बेनीवाल ने लिया भाग

लोकसभा में गरजे बेनीवाल
लोकसभा में गरजे बेनीवाल

Politalks.News/HanumanBeniwal. जैसा कि सब जानते हैं कि भारतमाला परियोजना, भारत में हाईवे के निर्माण की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना है. जिसका उद्देश्य खास तौर पर इकोनॉमिक कॉरिडोर और दूसरे देशों की सीमा से सटे इलाकों तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है. इसी बीच मंगलवार को लोकसभा के मानसून सत्र में RLP सुप्रीमो एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नियम 377 के तहत भारतमाला परियोजना में राजस्थान में बन रही सड़कों की गुणवत्ता से जुड़ा मामला सदन में उठाया. यही नहीं कुटम्ब न्यायालय (संशोधन ) विधेयक 2022 पर सदन में हुई चर्चा के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘राजस्थान में बढ़ते महिला अपराध चिंता का विषय है. वहीं कुटुंब न्यायालयों में समय पर न्याय लोगों को मिल रहा है या नहीं इसको लेकर सरकार को समीक्षा करने की जरूरत है.’

मानसून सत्र के सातवें दिन लोकसभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना पर सवाल उठाए. सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में नियम 377 के तहत भारतमाला परियोजना के अंतर्गत राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर आदि जिलों से निर्माण हो रही सड़को की खराब गुणवता का मामला उठाया. सांसद बेनीवाल ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि, ‘जोधपुर, बाड़मेर, बीकानेर आदि जिलों मे भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनाई गई सड़कों के निर्माण मे संबन्धित अधिकारी व कंसल्टेंसी व निर्माण करने वाली कार्यकारी कंपनी ने गुणवता से संबन्धित कमियों को नज़र अंदाज किया है. इसके कारण सड़क निर्माण के बाद हाल ही में पहली बारिश मे ही जोधपुर जिले में सड़क जगह-जगह से धँस गई और गड्ढे पड़ गये है, यही नहीं कुछ ऐसी ही स्थिति कमोबेश अन्य जिलों में भी है.’

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सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘भारतमाला परियोजना मे गुणवत्ता पैरामीटर के आधार पर उपयोग में ली जाने वाली जीएसबी कोंक्रीट सही नहीं है. उसकी गहराई बराबर मात्रा मे नहीं ली गई जिसकी एग्रीगेट इम्पेक्ट वैल्यू भी बहुत कम है तथा मेटेरियल की उपलब्धता नज़दीक नहीं होने की वजह ज़्यादा मात्रा में सैंडी सोइल मिट्टी मिलाकर काम किया गया और किया जा रहा है. जो गुणवता के आधार पर सही नहीं है.’ वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘संबंधित रोड की ड्राइंग व डिजाइन के विपरीत ज़िम्मेदारों ने कई स्थानों पर मिलीभगत करके लेवल चेंज करवा दिया. जिसके कारण निकट भविष्य मे बहुत बड़ी बाधा आवागमन मे उत्पन्न होगी और अभी भी कई जगह परेशानी का कारण बनी हुई है.’

सांसद बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री का भारत सरकार की इस महत्वकांक्षी सड़क परियोजना में राजस्थान के विभिन्न जिलों में निर्माण हो चुकी व निर्माण हो रही सड़क की गुणवता की जांच के लिए केंद्र की एक टीम गठित करने व दोषी अभियंताओं व कार्यकारी एजेंसियों के विरुद्ध आर्थिक दंड भी लगाने की मांग की. वहीं सांसद ने आरोप लगाया और कहा कि, ‘भारतमाला परियोजना में कम कीमतों पर किसानों से जमीन ले ली गई और अब परियोजना की धरातल पर यह स्थिति है की निर्माण के बाद पहली बारिश में ही सड़क जगह जगह से धंस गई.’ वहीं सदन में कुटम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 की चर्चा में भाग लेते हुए सांसद बेनीवाल ने बढ़ते महिला अत्याचार पर चिंता जाहिर की.

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इसके साथ ही कुटम्ब न्यायालय (संशोधन) विधेयक 2022 की चर्चा में में भाग लेते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कई सुझाव व मुद्दों पर सदन में अपनी बात रखी. सांसद बेनीवाल ने राजस्थान में बढ़ते महिला अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘महिला उत्पीड़न व अत्याचार के मामलों में राजस्थान पूरे देश में एक नंबर पर है. हनुमान बेनीवाल ने इसके लिए वर्तमान सरकार के साथ पूर्ववती सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया. बेनीवाल ने कहा कि, ‘देश की संसद ने 1984 के बाद से अब तक कुटुंब न्यायालयों में समय पर न्याय लोगों को मिल रहा है या नहीं इसको लेकर सरकार को समीक्षा करने की जरूरत है. इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘पारिवारिक न्यायालयों में किए गए सम्मान सिद्धांतो के आधार पर अपील के मामलों का फैसला करने में मदद मिलेगी.

वहीं सांसद ने वन स्टॉप सेंटर सहित घरेलू हिंसा को रोकने के लिए विद्यमान प्राधिकरण, लीगल शाखाओं को एक ही छत के नीचे लाने, पुलिस, न्यायालय व पीड़ितो के एक एडवांस कॉमन ट्रेकिंग सिस्टम बनाने व पारिवारिक न्यायालयों में काउंसलरो व नैदानिक मनोवैज्ञानिकों की संख्या बढ़ाने की मांग की. सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि महिलाओं के आरक्षण को बढ़ाने की बात दोनो पार्टियां करती है. ऐसे में नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में 50 प्रतिशत महिलाओं को भागीदारी देकर एक संदेश देने की जरूरत है.

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