Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव को बीते 5 महीने का समय हो चूका है लेकिन प्रदेश में सियासत अब भी गर्म है. विधानसभा चुनाव में मिली हार और उसके बाद दो सीटों आजमगढ़ और रामपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव के बाद से ही समाजवादी पार्टी और गठबंधन में दरार आ गई है. या यूं कहें की चुनावी हार के बाद अखिलेश यादव इतने कमजोर हो गए हैं की वे खुद गठबंधन में संभाल पाने में सक्षम नहीं हैं. यही कारण है कि विधानसभा चुनाव के वक़्त सपा के साथ आये सुभासपा और प्रसपा अब अलग राह पकड़ रहे हैं. यहीं नहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी उन्हें अपनी तरफ से आजादी दे दी है. सपा ने पत्र लिख शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर से दो टूक शब्दों में कहा था कि ‘जहां भी आपको ज्यादा सम्मान मिलें आप वहां जाने के लिए तैयार हैं.’ राजभर ने जहां सपा को तलाक दे दिया है तो वहीं इस पत्र को लेकर चाचा शिवपाल मिली आजादी से खुश नहीं हैं.
विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट के पर चुनाव लड़ा था. चुनाव के बाद हुई पार्टी कि मीटिंग और अन्य बैठकों में ना बुलाये जाने से नाराज शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के खिलाफ सीधे तो नहीं लेकिन इशारों इशारों में कई बार निशाना साधा है. इसके साथ ही हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी शिवपाल यादव ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हाके समर्थन में वोट ना करके NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट किया था. यही नहीं उन्होंने पार्टी विधायकों को पत्र लिख सिन्हा को वोट ना डालने की अपील भी की थी. यही कारण है कि अखिलेश ने ओमप्रकाश राजभर के साथ साथ उन्हें भी आजादी दे दी. वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से मिले पत्र के जवाब में अब चाचा शिवपाल यादव की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.
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मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि, ‘मीडिया के माध्यम से मुझे इस पत्र के बारे में पता चला कि औपचारिक स्वतंत्रता मुझे दे दी गई है और यह अपरिपक्वता है. अगर यही था तो आप मुझे विधानमंडल दल से निकाल देते और इस पत्र की क्या ज़रूरत है, क्योंकि संविधान के अनुसार हम सब स्वतंत्र हैं. इससे तो यही लगता है कि ये सब अपरिपक्व हैं. अगर अखिलेश में परिपक्वता होती तो आज हमारी सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते.’
समाजवादी पार्टी से रिश्ता खत्म होने पर शिवापाल सिंह यादव ने कहा कि, ‘हमने तो चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी का सिंबल लिया, अपनी पार्टी छोड़ी और समाजवादी पार्टी के लिए पूरी मेहनत की और उसके बाद यह पत्र जारी किया जाता है. यह महज अपरिपक्वता है.’ बता दें कि बीते दिनों सपा की ओर से शिवपाल सिंह यादव के लिए जारी पत्र में कहा गया था कि ‘शिवपाल सिंह यादव जी, अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.’
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वहीं जब पत्रकारों ने शिवपाल यादव से भविष्य में गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पुछा तो उन्होंने कहा कि, ‘अभी मैं केवल अपने संगठन को तैयार और मजबूत कर रहा हूं. अगर जब भी कोई गठबंधन की बात होगी तो आपके सामने आ जाएगी. अभी तो मैं अब केवल अपनी पार्टी को मजबूत कर रहा हूं और जहां तक ओम प्रकाश राजभर की बात है तो मुलाकात और शिष्टाचार भेंट जरूर होती है लेकिन कहीं पर भी अभी गठबंधन का कोई रुख नहीं है. सीएम योगी से डिनर पर राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए ही मुलाकात हुई थी.’
वहीं आजम खान से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि, ‘वह सीनियर लीडर हैं. उनसे भी हमारी शिष्टाचार भेंट भी होती रहती है. जब भी जरूरत होगी, हम उनके साथ खड़े होंगे. न्याय की बात हमेशा करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. मुसलमानों की बातों को हमेशा हमने उठाया है. जब भी कोई बात होगी फिर उठाएंगे.’