Politalks.News/Rajasthan. गहलोत सरकार में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और विभागों के आवंटन के बाद कल यानी बुधवार को मंत्रिपरिषद की पहली बैठक आयोजित होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएमआर में शाम 4 बजे होने वाली इस बैठक में सभी मंत्रियों को आपसी सामंजस्य के साथ मिशन 2023 को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाएंगे. वहीं मंत्रिमंडल पुनर्गठन और छह विधायकों के मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में नियुक्ति के बाद अब जल्द ही संसदीय सचिवों के नामों की घोषणा भी किसी भी वक़्त यानी आज देर शाम तक जारी होने की पूरी संभावना है. सूत्रों की मानें तो लगभग 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है, जिनमें पहली बार विधायक बने विधायकों के भी नाम संभावित हैं.
आपको बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार के पुनर्गठन के साथ ही यह बात स्पष्ट कर चुके हैं कि अब 2023 के चुनाव में 2 साल का वक्त बचा है. ऐसे में सरकार की कोशिश होगी आम जनता से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण हो. जनता को अधिक से अधिक लाभ मिले और इसको लेकर व्यापक स्तर पर योजना बनाई जाएगी. इन्हीं सब तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार यानी 24 नवंबर को शाम को 4:00 बजे मुख्यमंत्री निवास पर नए मंत्रिपरिषद की पहली बैठक लेंगे. सूत्रों की माने तो इस बैठक में सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभाग के कामकाज के बारे में बताया जाएगा. इसके साथ ही वर्तमान में चल रहे प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान को और गति देने के निर्देश इस बैठक में दिए जाएंगे.
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वहीं दूसरी तरफ मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पार्टी के कई विधायकों समेत सियासी संकट के समय गहलोत सरकार का साथ देने वाले निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आये विधायकों में मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने से नाराजगी है. ऐसे में मंत्री बनने से वंचित रहे विधायकों को अब संसदीय सचिव बनाकर संतुष्ट करने की तैयारी है. बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को संसदीय सचिव बनाना तय है तो वहीं तीन से चार निर्दलीय और पांच से सात कांग्रेस विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने की पूरी संभावना है. कांग्रेस हाईकमान से संसदीय सचिवों के नामों पर मंजूरी मिलते ही किसी भी वक़्त इनकी नियुक्ति की घोषणा हो सकती है. हालांकि संख्या को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं है लेकिन एक अनुमान के अनुसार 15 के आसपास संसदीय सचिव बनाए जाएंगे.
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने के साथ ही सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभाग की जिम्मेदारी भी सौंप दी है. इसके साथ ही अब गहलोत सरकार मिशन 2023 की तैयारियों में जुट गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन हो चुका है. 3 साल सरकार ने जो कामकाज किया उसे लेकर अब सभी मंत्री आम जनता के बीच जाएंगे. सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे हुए व्यक्ति को मिले इसके लिए गांव-ढाणी तक संपर्क किया जाएगा. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार के 3 साल के कामकाज का ही नतीजा है कि पंचायत चुनाव और उपचुनाव में कांग्रेस को जीत हासिल हुई है. इससे आम जनता के विश्वास को और मजबूत आने वाले 2 साल में किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि 2023 के चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर अपनी सरकार बनाएं.