राठौड़ ने लिखा राज्यपाल को पत्र- CM द्वारा नियुक्त सलाहकारों की असवैधानिक नियुक्तियां की जाएं रद्द

सीएम गहलोत ने 6 विधायकों को बनाया मुख्यमंत्री का सलाहकार, राजेन्द्र राठौड़ ने उठाए सवाल बताया असंवैधानिक, राज्यपाल को लिखा पत्र, नियुक्तियां निरस्त करने की मांग, सांसद और विधायक नहीं ले सकते हैं लाभ का पद, राठौड़ का तंज- जूतियों में दाल परोस रही है कांग्रेस, लड़खड़ाती यह सरकार कब गिर जाए पता नहीं?

सीएम के सलाहकारों पर 'राठौड़ीवार'
सीएम के सलाहकारों पर 'राठौड़ीवार'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार में इन दिनों बदलाव की बयार है. रविवार को हुए गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद मंत्री पद के दावेदारों की लंबी लिस्ट में से गहलोत सरकार ने 6 विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया है. अब गहलोत सरकार द्वारा विधायकों को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किए जाने के फैसले पर भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने सवाल उठाए हैं. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है. पत्र में राठौड़ ने मुख्यमंत्री के सलाहकारों की नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और संसदीय सचिवों की संभावित नियुक्ति रोक लगाने के लिए राज्य सरकार को पाबंद करने की राज्यपाल से मांग की है.

विरोध को दबाने के लिए रेवड़ियां बांट रहे हैं गहलोत- राठौड़
बीजेपी नेता और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि, ‘गहलोत सरकार पर संकट के समय मुख्यमंत्री ने पांच सितारा होटल में प्रलोभन दिया था, कसमें वादे पूरे करने के लिए अब 6 सलाहकारों की अवैधानिक नियुक्ति की है. साथ ही कुछ लोगों को संसदीय सचिव बनाने की कवायद भी तेज हो गई है. सलाहकारों की राजनीतिक नियुक्ति और संसदीय सचिवों की नियुक्ति संवैधानिक रूप से गलत है‘. राठौड़ ने सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग अदालतों के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि, ‘कई प्रदेशों ने संसदीय सचिव नियुक्त किए तब उन्हें अयोग्य घोषित किया गया था. मुख्यमंत्री गहलोत संभावित विद्रोह को दबाने के लिए रेवड़ी बांट रहे हैं’.

यह भी पढ़ें- 2003 व 13 के बाद अब 23 का सियासी शंखनाद, कल से मैडम राजे की ‘देव दर्शन यात्रा’ की शुरुआत

‘एक राज्यमंत्री पर हर महीने होते हैं 20 लाख खर्च’

भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘सरकार सफेद हाथी पालने जा रही है. एक राज्यमंत्री के वेतन-भत्ते, स्टाफ सहित अन्य खर्चे मिलाकर हर महीने 20 लाख रुपए खर्च होते हैं. पहले ही दो रिटायर्ड आईएएस सलाहकार बने हुए हैं. पूरे देश में ये पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने इतने सलाहकार बनाए हैं. क्या मुख्यमंत्री इतने कमजोर हैं कि उन्हें 8 सलाहकारों की जरूरत है’?

‘विधायक धारण नहीं कर सकते लाभ का कोई पद’

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अगर सलाहकारों को पत्रावली भी भेजें तो कानून की अवहेलना है. राठौड़ ने पोस्ट ऑफ प्रॉफिट जैसे उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘इस नियम के तहत सांसद या विधायक लाभ का कोई पद धारण नहीं कर सकते‘.

यह भी पढ़ें- गहलोत सरकार गिरने का दावा करने वाली बीजेपी के हाथ लगी मायूसी, लेकिन बयानों की रस्मअदायगी जारी

‘जूतियों में दाल बांटने काम कर रही है कांग्रेस

भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस पार्टी में उठे असंतोष पर कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी जूतियों में दाल बांटने का काम करती है. ऐसे में उनके अपने जौहरीलाल मीणा, सफ़िया जुबेर, खिलाड़ी लाल बैरवा, रामकेश मीणा पार्टी और पार्टी नेताओं के खिलाफ ही ऐसे बयान दे रहे हैं‘.

‘लड़खड़ाती यह सरकार कब गिर जाए पता नहीं’

उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने यहां तक कह दिया है कि, ‘अभी तो ली अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है‘. राठौड़ ने कहा,’अभी तो धुंआ ही धुंआ दिख रहा है लेकिन जब यह आग की लपटों में तब्दील हो जाएगा तब असंतोष का लावा सामने आएगा. संभावनाओं का कानून सबसे ज्यादा राजनीति में ही लागू होता है और उसी के आधार पर मैंने और भाजपा नेताओं ने बयान दिए थे. इसलिए मैं कहता हूं कि लड़खड़ाती ये सरकार कब गिर जाए पता नहीं’.

Leave a Reply