पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समझा गया समस्या का हिस्सा- ड्रोन महोत्सव में बोले पीएम मोदी

जब केदारनाथ के पुनिर्माण का काम शुरू हुआ था तो हर बार मेरे लिए वहां जाना नहीं था संभव, ऐसे में मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का करता था निरीक्षण, मैं ड्रोन भेज दूं तो जानकारी वह लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मैंने जानकारी ले ली है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने उड़ाया ड्रोन, कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम मोदी ने उड़ाया ड्रोन, कांग्रेस पर साधा निशाना

Politalks.News/NarendraModi. देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति मैदान में दो दिवसीय ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ का उद्घाटन किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत ड्रोन महोत्सव के आयोजन के लिए देश वासियों को बहुत-बहुत बधाई दी. इस दौरान पीएम मोदी ने पिछली सरकारों पर भी जमकर तंज कसा. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको anti-poor साबित करने की कोशिशें हुईं.’ वहीं अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने केदारनाथ धाम का जिक्र करते हुए बताया कि, ‘ड्रोन की मदद से उनको ऑफिस में ही केदारनाथ की रिपोर्ट मिल जाती है और लोगों को इस बात की कानों कान खबर तक नहीं लगती.’ वहीं नगरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, ‘भारत जल्द ही वर्ष 2030 तक देश को वैश्विक ड्रोन हब बनाने के लिए ड्रोन इनोवेशन को अपनाने वाले उद्योगों की एक बड़ी संख्या को देखेगा.’

भारत ड्रोन महोत्सव दो दिवसीय कार्यक्रम है और 27-28 मई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप आदि सहित 1600 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रोन महोत्सव का उद्धघाटन किया और साथ ही 150 रिमोट पायलट सर्टिफिकेट भी लॉन्च किए. महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘आप सभी को भारत ड्रोन महोत्सव के आयोजन के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. आज इस ड्रोन प्रदर्शनी से मैं काफी प्रभावित हुआ हूं. मेरे लिए आज बहुत सुखद अनुभव रहा. जिन-जिन स्टॉल में मैं आज गया, वहां सभी लोग बहुत गर्व से कह रहे थे कि ये Make in India है.’

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘ड्रोन टेक्नॉलॉजी को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वो अद्भुत है. ये जो ऊर्जा नजर आ रही है, वो भारत में ड्रोन सर्विस और ड्रोन आधारित इंडस्ट्री की लंबी छलांग का प्रतिबिंब है. ये भारत में रोजगार उत्पन्न करने के रूप में एक बेहत विकल्प और एक उभरते हुए बड़े सेक्टर की संभावनाएं दिखती है. ये उत्सव सिर्फ एक तकनीक का नहीं है, बल्कि नए भारत की नई गर्वनेंस का, नए प्रयोगों के प्रति अभूतपूर्व सकारात्मकता का भी उत्सव है. 8 वर्ष पहले यही वो समय था, जब भारत में हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करने की शुरुआत की थी और ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन प्रबंधन के रास्ते पर चलते हुए जीवन यापन में सुगमता, व्यवसाय करने में आसानी को हमने प्राथमिकता बनाया है.’

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि, ‘पहले की सरकारों के समय टेक्नॉलॉजी को समस्या का हिस्सा समझा गया, उसको anti-poor साबित करने की कोशिशें हुई. इस कारण 2014 से पहले गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी के उपयोग को लेकर उदासीनता का वातावरण रहा. इसका सबसे अधिक नुकसान देश के गरीब को हुआ, वंचित को हुआ, मिडिल क्लास को हुआ. पहले के समय में लोगों को घंटों तक अनाज, कैरोसीन, चीनी के लिए लाइन लगानी होती थी. लोगों को डर रहता था कि उनके हिस्से का सामान उन्हें मिल भी पाएगा या नहीं. आज तकनीक की मदद से हमने इस डर को समाप्त कर दिया है. अब लोगों को भरोसा है कि उनके हिस्से का उन्हें मिलेगा ही मिलेगा.’

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वहीं पीएम मोदी ने केदारनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जब केदारनाथ के पुनिर्माण का काम शुरू हुआ था तो हर बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था. ऐसे में मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था. आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह जरूरी नहीं है कि मुझे वहां निरीक्षण करने कि लिए जाना है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं ड्रोन भेज दूं तो जानकारी वह लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मैंने जानकारी ले ली है.’

वहीं सभा में मौजूद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि, ‘भारत में ड्रोन का दौर आ चुका है. एक ड्रोन सिक्योरिटी फोर्सेस के काम आ सकता है, तो यह किसानों के लिए लिए भी उपयोगी साबित होगा. साल 2026 तक ड्रोन इंडस्ट्री 15,000 करोड़ रुपए के टर्न ओवर का अनुमान है. आज देश में 270 ड्रोन स्टार्टअप चल रहे हैं. आने वाले 5 साल में ड्रोन उद्योग में 5 लाख रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे. भारत जल्द ही वर्ष 2030 तक देश को वैश्विक ड्रोन हब बनाने के लिए ड्रोन इनोवेशन को अपनाने वाले उद्योगों की एक बड़ी संख्या को देखेगा.

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