पश्चिम बंगाल के विश्वविद्यालयों में अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगी चांसलर- ममता सरकार का बड़ा फैसला

ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल धनखड़ के बीच 36 का आंकड़ा जगजाहिर, धनखड़ ने सरकार की सहमति के बिना कर दी कई कुलपतियों की नियुक्ति, इसलिए राज्यपाल की शक्तियां कम करने के लिए ममता सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, जल्द ही विधानसभा में एक बिल लाया जाएगा और कानून में किया जाएगा बदलाव- ममता सरकार

img 20220526 210922
img 20220526 210922

Politalks.News/WestBengal. पश्चिम बंगाल (West bengal) में ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के बीच 36 का आंकड़ा जगजाहिर है, इसी बीच अब ममता सरकार और गवर्नर धनखड़ के बीच विवाद और बढ़ता नजर आ रहा है. ममता बनर्जी सरकार ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक बड़ा दांव चलते हुए राज्य में मुख्यमंत्री को राज्यपाल की जगह विश्वविद्यालय का चांसलर बनाए जाने का निर्णय लिया है. अब सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द ही राज्यपाल की जगह राज्य के विश्वविद्यालयों की चांसलर बन जाएंगी. बंगाल विधानसभा में जल्द ही इसे लेकर संशोधन बिल पेश किया जाएगा. प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बताया कि गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही विश्विद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर बंगाल में राज्यपाल और ममता सरकार के बीच खींचतान की खनरें सामने आईं थीं. ममता सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य सरकार की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति कर दी. इसलिए राज्यपाल की शक्तियां कम करने के लिए ममता सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है. शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों में चांसलर अब गर्वनर न होकर मुख्यमंत्री होंगी. उन्होंने जल्द ही विधानसभा में कानून में बदलाव करके इसे लागू कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार द्वारा संचालित यूनिवर्सिटी में चांसलर राज्यपाल होते थे और वही यूनिवर्सिटी में कुलपति की नियुक्ति करते थे.

यह भी पढ़ें: यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा 6.15 लाख करोड़ का बजट पेश किया योगी 2.0 सरकार ने, जानिए सब कुछ

ममता बनर्जी की सरकार के इस कदम से पहले भी कई बार राज्यपाल जगदीप धनखड़ ममता सरकार पर राज्यपाल की शक्तियों का हनन करने और गवर्नर द्वारा लिए गए फैसलों की अवहेलना का आरोप लगा चुके हैं. वहीं इस मामले में ममता सरकार का कहना है कि राज्यपाल के पास विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए नाम भेजे जाते हैं लेकिन राज्यपाल की तरफ से उन नामों पर मंजूरी नहीं मिलती. अब जल्द ही विधानसभा में एक बिल लाया जाएगा और कानून में बदलाव किया जाएगा. उसके बाद यह अधिकार मुख्यमंत्री के हाथ में आ जाएगा.

यह भी पढ़ें: कांग्रेस पार्टी बहुत बड़ी है, यहां लोग आते जाते रहते हैं- कपिल सिब्बल के इस्तीफे पर बोले केसी वेणुगोपाल

गौरतलब है कि इससे पहले तमिलनाडु में राज्य सरकार ने राज्यपाल से कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार छीन लिया था. तमिलनाडु की सरकार ने इसके लिए गुजरात का उदाहरण दिया था. तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में भी कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल नहीं बल्कि राज्य सरकार करती है. ऐसे में अब पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कर्नाटक समेत कई राज्यो में भी इसी तरह कुलपतियों की नियुक्ति होती है फिर यहां क्यों नहीं?

Leave a Reply