Election of Delhi Mayor and Deputy Mayor Postponed Again. एक महीने में तीसरी बार आज फिर नहीं हो सका दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव. भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही फिर से स्थगित कर दी गई. बता दें, एमसीडी की बैठक शुरू होने पर प्रोटेम स्पीकर सत्या शर्मा ने ऐलान किया कि MCD मेयर, डिप्टी मेयर, स्टैंडिंग कमेटी सदस्यों के चुनाव में मनोनीत पार्षद भी वोट करेंगे. जिस पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जाहिर की. वहीं बीजेपी की तरफ से नारे लगाए जाने लगे. इससे पहले आप ने आरोप लगाया था कि बीजेपी आज भी मेयर चुनाव नहीं होने देगी. वहीं AAP पार्षदों ने MCD की पीठासीन अधिकारी को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव से बाहर रखा जाए. उनके मुताबिक- संविधान में मनोनीत पार्षदों को वोटिंग का अधिकार नहीं है. वहीं आज फिर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर पार्षदों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए.
आपको बता दें, एक महीने में तीसरी बार मेयर और डिप्टी मेयर ने के चुनाव के लिए आज शुरू होने वाली दिल्ली एमसीडी की बैठक से ठीक पहले मेयर चुनाव कराने के लिए नियुक्त की गईं पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने मतदान से पहले बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि मेयर चुनाव में मनोनीत पार्षद भी मतदान करेंगे. पीठासीन अधिकारी के ऐलान के अनुसार, एमसीडी मेयर चुनाव, डिप्टी मेयर चुनाव और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव एकसाथ होंगे. वहीं
पीठासीन अधिकारी के इस ऐलान के बाद एमसीडी में आम आदमी पार्टी पार्षदों की तरफ से जोरदार हंगामा शुरू कर दिया गया है. जिस पर आम पार्षदों के हंगामे के देखते हुए एमसीडी की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें: बीजेपी-कांग्रेस में जारी अंदरूनी खींचतान का फायदा उठाने की जुगत में आप, नाराज दिग्गजों पर फोकस
कौन होते हैं मनोनीत पार्षद?
मनोनीत पार्षद आम पार्षदों की तरह चुनाव में जीतकर नहीं आते हैं, इन्हें एलजी सिलेक्ट करते हैं. इनका चयन 6 सालों के लिए किया जाता है. एमसीडी चुनाव के बाद दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एमसीडी में 10 लोगों को पार्षद मनोनीत किया. जिन 10 लोगों को एलजी द्वारा मनोनीत किया गया, वो सभी बीजेपी के सदस्य हैं. भाजपा नेताओं को एमसीडी में पार्षद के तौर पर चुने जाने के बाद से आम आदमी पार्टी भड़की हुई है और लगातार भाजपा पर आरोपों की बारिश कर रही है. अब चूंकि दिल्ली नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्षदों की संख्या में बहुत कम अंतर है इसलिए मेयर के चुनाव में इन पार्षदों भूमिका बेहद अहम हो जाती है. मनोनीत पार्षद अगर मेयर चुनाव में वोट डालते हैं तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा. यहां आपको यह भी बता दें कि मेयर चुनाव में दिल्ली के 7 लोकसभा सांसद, 3 राज्यसभा सांसद, 14 विधायक भी वोट करते हैं. इन 14 विधायकों में से 13 आम आदमी पार्टी के हैं.
बीजेपी ने लगाए पार्षदों को खरीदने के आरोप
वहीं आज एक और खास बात यह रही कि एमसीडी की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर पार्षदों की खरीद का आरोप लगाया. भाजपा ने कहा कि आम आदमी पार्टी उसके 10 पार्षदों को खरीदने की कोशिश कर रही है. भाजपा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने 10 पार्षदों को एक करोड़ रुपये से लेकर मनमाफिक पद तक का प्रलोभन दिया. भाजपा ने आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक पर ये आरोप लगाए.
यह भी पढ़ें: गहलोत सरकार की कल्याणकारी योजनाएं माकपा गठबंधन के लिए बनेंगीं चुनाव जिताऊ संजीवनी!
गौरतलब है कि मेयर चुनाव पर आम आदमी पार्टी और भाजपा में खींचतान का दौर जारी है. बता दें, सबसे पहले 6 जनवरी को होना था मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव, लेकिन उस दिन मनोनीत पार्षदों की शपथ को लेकर सदन में हंगामा हुआ. दोनों पार्टियों के पार्षदों ने सदन में जमकर बवाल मचाया था. इसके बाद 24 जनवरी को MCD सदन का सत्र शुरू हुआ पहले मनोनीत फिर निर्वाचित पार्षदों को शपथ दिलाई गई, लेकिन उस दिन भी वोटिंग नहीं हो पाई और हंगामे के बाद सदन स्थगित कर दिया गया था. आज यानी सोमवार एक बार फिर हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.