गहलोत सरकार की कल्याणकारी योजनाएं माकपा गठबंधन के लिए बनेंगीं चुनाव जिताऊ संजीवनी!

त्रिपुरा में माकपा के साथ चुनावी मैदान में है कांग्रेस, 16 फरवरी को होने हैं 60 सीटों पर विधानसभा चुनाव, दो मार्च को घोषित होगा चुनावी परिणाम, माकपा 43 और कांग्रेस 13 सीटों पर लड़ रही हैं चुनाव तो अन्य चार सीटों पर सहयोगी दल हैं मैदान में

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Gehlot Government’s Schemes Dominated the Tripura Elections. त्रिपुरा में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को अब गिनती के दिन शेष बचे हैं. यहां कांग्रेस गठबंधन में छोटे भाई की भूमिका में है तो माकपा बड़े भाई की भूमिका निभा रहा है. 60 सदस्यीय वाली त्रिपुरा विधानसभा में माकपा 43 और कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. अन्य चार सीटों पर सहयोगी दल चुनावी मैदान में हैं. गौर करने वाली बात यह है कि त्रिपुरा में जारी चुनावी समर के दौरान ‘गहलोत के राजस्थान’ की झलक साफ दिखाई दे रही है. विस चुनावों के लिए सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के घोषित चुनावी घोषणा पत्र में राजस्थान की छवि स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रही है. माना जा रहा है कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत द्वारा लागू की गईं योजनाएं त्रिपुरा में माकपा के लिए चुनाव जिताऊ संजीवनी साबित हो सकती है.

आपको बता दें कि माकपा ने विधानसभा चुनावों के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इसमें 2.5 लाख नई नौकरियां, गरीब वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन, पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने, हर साल सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता और संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण जैसी योजनाओं को शामिल किया गया है. जबकि यह सारी घोषणाएं और योजनाएं राजस्थान में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लागू की जा चुकीं हैं. यहां तक कि बहुचर्चित ओपीएस और संविदा कर्मियों को नियमित करने सहित राजस्थान की कई घोषणाओं पर तो केंद्र तक में बवाल मचा हुआ है. वहीं इन आमजन से जुड़ी योजनाओं के सहारे ही सीएम गहलोत राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने का दावा भी कर रहे हैं.

वहीं त्रिपुरा चुनाव के जारी हुए 15 पन्नों के अपने चुनावी घोषणा पत्र में वाम मोर्चा ने वादा किया कि अगर उसे सत्ता में लाया जाता है, तो 10,323 छंटनी किए गए शिक्षकों की बहाली, संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने और आदिवासी परिषद को अधिक स्वायत्तता दी जाएगी. वाम मोर्चा की ओर से जारी घोषणा पत्र में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गरीबों को प्रति वर्ष 200 दिन काम देने का भी वादा किया गया है.

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घोषणा पत्र में ये भी कहा गया है कि अगर वाम मोर्चा को लोगों का आशीर्वाद मिला तो अगले पांच साल के दौरान 2.5 लाख नौकरियां सृजित करेंगे. इसके अलावा, कोई भी व्यक्ति, जिसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है और जिसकी वार्षिक आय 1 लाख रुपये से कम है, उसे सामाजिक पेंशन मिलेगी. वाम मोर्चा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) को साल में दो बार बढ़ाएगा. वहीं चुनाव जीतने के लिए सियासी दलों के लिए संजीवनी साबित होती जा रही पुरानी पेंशन योजना को लेकर माकपा ने एलान कर दिया है कि चुनाव जीतने पर राजस्थान की तर्ज पर पुरानी पेंशन योजना को त्रिपुरा में भी दुबारा लागू किया जाएगा.

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गौरतलब है कि त्रिपुरा में 60 सीटों पर 16 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनावों में माकपा 43 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. अन्य वाम मोर्चा घटक – फॉरवर्ड ब्लॉक, आरएसपी और सीपीआई एक-एक सीट पर चुनावी मैदान में है. सीटों के बंटवारे के समझौते के तहत कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि वाम मोर्चा पश्चिम त्रिपुरा के रामनगर निर्वाचन क्षेत्र में एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन कर रहा है. चुनावी परिणाम 2 मार्च को घोषित किए जाएंगे.

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