CM Manohar Lal Khattar’s Big Satement on OPS: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य कर्मचारियों को वरदान स्वरूप दी गई पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) इस समय देश में एक बड़ी सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है, चुनावी मौसम में यह योजना काफी चर्चा का विषय बनी हुई है. बता दें, कांग्रेस शाषित राज्यों में सरकारों ने OPS योजना को लागु कर चुनाव में इसका भरपूर फायदा लिया है, हाल ही में हिमाचल में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पहले जनता से वादा किया था की उनकी सरकार आने के बाद प्रदेश में OPS को लागु किया जाएगा और जैसे ही सरकार हिमाचल में बनी तो CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने OPS को प्रदेश में लागु कर दिया है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो लगातार प्रधानमंत्री मोदी से मांग कर रहे है की केंद्र को सभी राज्यों में OPS को लागु करना चाहिए. तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने OPS योजना को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर पुरानी पेंशन योजना की गई बहाल, तो 2030 तक दिवालिया हो जाएगा देश. CM खट्टर ने कल कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बयान दिया है.
आपको बता दे गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनहोर लाल खट्टर ने 20 फरवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र से पहले कैबिनेट की बैठक ली थी, जिसमे हरियाणा के बजट और कई मुद्दों को लेकर चर्चा की गयी थी, वही बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए CM खट्टर ने हरियाणा OPS बहाली का इंतजार कर रहे पौने दो लाख कर्मचारियों और सहायक कृषि अधिकारी के अभ्यर्थियों की उम्मीदों को जोरदार झटका दिया है. मुख्यमंत्री मनहोर लाल खट्टर ने साफ कहा है कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल नहीं की जाएगी. बता दे पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना बहाल हो चुकी है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि कल मुझे व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला जिसमें केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि यदि पुरानी पेंशन योजना को लागू की जाती है तो देश 2030 तक दिवालिया हो जाएगा. आगे CM खट्टर ने एडीओ की भर्ती को लेकर भी स्पष्ट कहा कि बहाली के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) भर्ती के नियमों में कोई बदलाव नहीं करेगा. न नेगेटिव मार्किंग हटाई जाएगी और न ही 50 प्रतिशत अंक की शर्त को कम किया जाएगा.
आगे CM मनोहर लाल खट्टर ने अर्थशास्त्रियों का हवाला देते हुए कहा कि जो भी प्रदेश पुरानी पेंशन योजना लागू करेगा, वह बर्बाद हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अब राजस्थान भी इसे लागू करने से पीछे हट रहा है. आपको बता दे कुछ दिन पहले ही प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने पुरानी और नई पेंशन योजना के बीच अंतर समाप्त करने वाला बयान दिया था.
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खट्टर ने आगे भारत के पूर्व PM मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी पुरानी पेंशन योजना का विरोध किया था, मनमोहन सिंह एक महान अर्थशास्त्री हैं और उन्होंने 2006 में कहा था कि पुरानी पेंशन योजना भारत को पिछड़ा बना देगी, क्योंकि इस योजना का दृष्टिकोण अदूरदर्शी है.
बता दें, हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कुछ राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को वापस लेने पर चेतावनी देते हुए बताया था कि यह “उप-राष्ट्रीय राजकोषीय क्षितिज” पर एक बड़ा जोखिम पैदा करता है और इसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में अनफंडेड देनदारियों का संचय होगा.
तो वही राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. वे विधानसभा चुनाव से पहले पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का सरकार पर दबाव बना रहे हैं, कर्मचारियों का कहना है कि देश के पंजाब, हिमाचल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में पुरानी पेंशन योजना बहाल हो चुकी है. इसलिए उन्हें भी इसकी उम्मीद थी. हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना लागू कराने के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे.