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हाल ही में संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर (एम्स जोधपुर) द्वारा नियम विरुद्ध एम्स गोरखपुर को सॉफ्टवेयर और सर्वर किराए पर देने से जुड़ा उठाया था सवाल, सांसद बेनिवाल के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मांडविया द्वारा दिए गए जवाब पर बेनीवाल ने शुक्रवार को जताई असंतुष्टि, बेनीवाल ने कहा की अधिकारियो ने मंत्री मांडविया को गलत व भ्रामक जानकारी दी, जो संसद जैसे पवित्र सदन का अपमान है, मेरे सवाल के मूल जवाब को भ्रामक रूप से दिया गया है,’ सांसद बेनीवाल ने कहा की जिस सॉफ्टवेयर को किराए पर लिया गया उसे मंत्रालय के जवाब में अन्य अधिकारियों की सहमति के साथ वित्तीय सलाहकार के अनुमोदन से बताया गया है लेना, जबकि उस समय वित्तीय सलाहकार का पद था रिक्त और जिस फर्म ने सॉफ्टवेयर करवाया था उपलब्ध एम्स को, वो जोधपुर के तत्कालीन निदेशक मिश्रा के थे नजदीकी व्यक्ति, बेनीवाल ने कहा नियम विरुद्ध सॉफ्टवेयर किराए पर देने से जुड़े मामले में हुआ है भारी भ्रष्टाचार, ऐसे में अब मैं पूरे मामले को लेकर लोकसभा अध्यक्ष, स्वास्थ्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय को करवाऊंगा अवगत,’ इसके साथ ही सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में व्याप्त विसंगतियों को लेकर प्रस्ताव रखा सदन में, सांसद ने बताया की बीमा कंपनियां समय पर नहीं देती किसानों को पूरा क्लेम, जबकि काट लेती है पूरा प्रीमियम काट भी, बीमा कंपनियां गिरदावरी रिपोर्ट आने से पहली ही मनमर्जी से प्रीमियम काटकर गलत फसलें कर देती हैं अंकित, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ता है किसानों को, इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने यह भी कहा की अभी तो खरीफ 2021 का क्लेम ही नहीं मिला है किसानो को, जिसको लेकर राजस्थान सहित देश के कई राज्यों के किसान हैं आंदोलित, बेनीवाल ने मांग करते हुए कहा की सरकार समय पर किसानों को क्लेम देने हेतु बीमा कंपनियों को करे पाबंद

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