पुरानी पेंशन योजना को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने दूर की सीएम खट्टर की गलतफहमी, कहा- आप भी करें लागू

OPS को देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताने वाले सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राजस्थान भी अब OPS को वापस लेने पर विचार कर रहा है, इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम खट्टर को पत्र लिखकर न सिर्फ राजस्थान के संदर्भ में उनकी जानकारी को दुरस्त किया बल्कि हरियाणा में भी कर्मचारियों के हित मे पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की सिफारिश कर डाली

OPS पर CM गहलोत का खट्टर पर पलटवार
OPS पर CM गहलोत का खट्टर पर पलटवार

Ashok Gehlot’s reply to Manohar Lal Khattar on OPS. देशभर में सियासी चर्चा का विषय बन चुकी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर बीते गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान देते हुए हरियाणा के करीब पौने दो लाख राज्य कर्मचारियों सहित देशभर के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका दे दिया. सीएम खट्टर ने कहा कि अगर पुरानी पेंशन योजना की गई बहाल, तो 2030 तक दिवालिया हो जाएगा भारत. यही नहीं पूरे देश में सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाले राजस्थान को लेकर भी सीएम खट्टर ने कह दिया कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी अब OPS को वापस लेने पर विचार कर रहे हैं. हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस बयान के सामने आने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम खट्टर को पत्र लिखकर न सिर्फ राजस्थान के संदर्भ में उनकी जानकारी को दुरस्त किया बल्कि हरियाणा में भी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की सिफारिश कर डाली.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पत्र में लिखा कि, ‘प्रिय मनोहर लाल खट्टर जी, मीडिया के माध्यम से पता चला कि आपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम पर बयान देते हुए कहा कि राजस्थान ने ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा को वापस ले लिया है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि आपको किसी ने गलत जानकारी दी है जिसके कारण आपने ऐसा बयान दिया जो तथ्यात्मक नहीं है. राजस्थान में 1 अप्रैल 2022 से ओपीएस लागू कर दिया गया है एवं 2004 के बाद सेवा में आकर रिटायर हुए 621 कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जा चुका है एवं आगे भी सभी कार्मिकों ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा.’

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सीएम गहलोत ने आगे लिखा कि, ‘मैं आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि इसी प्रकार का असत्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वहां विधानसभा चुनावों के दौरान बोला था इसलिए मैंने वहां विधानसभा चुनाव के दौरान शिमला जाकर प्रेस वार्ता की एवं हिमाचल प्रदेश की जनता को सच से अवगत करवाया. मैं आपकी जानकारी में लाना चाहूंगा कि संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची का बिन्दु संख्या 42 स्पष्ट कहता है कि स्टेट पेंशन जो राज्य की समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) से दी जाएंगी उन पर राज्य सरकार का कानून बनाने का अधिकार है. ऐसे में आपका यह कहना उचित नहीं है कि ओल्ड पेंशन स्कीम केन्द्र सरकार द्वारा ही दी जा सकती है.
मैं आपसे निवेदन करना चाहूंगा कि मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए हरियाणा में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें एवं केन्द्र सरकार को भी इसके लिए अपनी सिफारिश भेजें.’

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आपको बता दें कि बीते गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 20 फरवरी से शुरू होने जा रहे बजट सत्र से पहले कैबिनेट की बैठक ली थी. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए CM खट्टर ने हरियाणा में OPS बहाली का इंतजार कर रहे पौने दो लाख कर्मचारियों और सहायक कृषि अधिकारी के अभ्यर्थियों की उम्मीदों को जोरदार झटका देते हुए साफ कहा है कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल नहीं की जाएगी.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कल मुझे व्हाट्सएप पर एक संदेश मिला जिसमें केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि यदि पुरानी पेंशन योजना को लागू की जाती है तो देश 2030 तक दिवालिया हो जाएगा. आगे CM खट्टर ने एडीओ की भर्ती को लेकर भी स्पष्ट कहा कि बहाली के लिए हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) भर्ती के नियमों में कोई बदलाव नहीं करेगा और न ही नेगेटिव मार्किंग हटाई जाएगी और न ही 50 प्रतिशत अंक की शर्त को कम किया जाएगा. यही नहीं CM मनोहर लाल खट्टर ने अर्थशास्त्रियों का हवाला देते हुए आगे कहा कि जो भी प्रदेश पुरानी पेंशन योजना लागू करेगा, वह बर्बाद हो जाएगा. इस दौरान खट्टर ने यह भी कहा कि अब राजस्थान भी OPS लागू करने से पीछे हट रहा है.

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