Rahul Gandhi and the Opposition Create a Ruckus on the issue of Adani. अमेरिकी शॉर्ड सेलर हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद से दुनिया के टॉप 10 उद्योगपतियों में रह चुके गौतम अडानी के दिनमान खराब हो गए हैं. वहीं इस रिपोर्ट के आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है. सड़क से लेकर संसद तक अडाणी के मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है. पिछले सप्ताह इसी मुद्दे पर स्थगित हुई संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार को भी हंगामेदार शुरुआत से हुई. विपक्ष ने लोकसभा में जमकर “अडानी सरकार” के नारे लगाते हुए अडानी समूह की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहा था. वहीं स्पीकर ओम बिड़ला ने सदन में नारेबाजी कर रहे सदस्यों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि नारेबाजी देश के हित में नहीं है और लोगों ने उन्हें अपने मुद्दों को उठाने के लिए चुना है. दूसरी तरफ गौतम अडानी मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि पीएम नहीं चाहते कि संसद में इस मामले पर चर्चा हो. लेकिन देश को ये पता तो चलना चाहिए कि अडानी के पीछे कौन सी शक्तियां काम कर रही हैं. राहुल ने कहा कि वो पिछले 2-3 साल से लगातार अडानी का मुद्दा उठा रहे थे पर मोदी सरकार नहीं सुन रही थी.
वहीं लोकसभा के साथ ही राज्यसभा में भी विपक्ष ने अडाणी के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया. इस दौरान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप बाहरी उद्देश्यों के लिए विचार-विमर्श के लिए यह मंच चुनते हैं, यह उचित नहीं है. धनखड़ ने कहा कि “मैं आपसे अपील करता हूं, यह सोचने का समय है कि आम आदमी क्या सोच रहा है”. बता दें, राज्यसभा में विपक्ष ने अडानी समूह की एक संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग उठाई, जो अमेरिका स्थित एक फर्म, हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा स्टॉक में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाने के बाद आरोपों में घिर गया है.
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वहीं दूसरी तरफ सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि संसद में अडानी मुद्दे पर कोई चर्चा न हो. सरकार को संसद में इस पर चर्चा की अनुमति देनी चाहिए. राहुल गांधी ने इस दौरान कहा कि मैं अडाणी को लेकर मोदी सरकार के बारे में काफी समय से बोल रहा हूं कि ‘हम दो, हमारे दो’. सरकार डरी हुई है कि संसद में अडानी जी पर चर्चा न हो जाए. सरकार को इस पर चर्चा करानी चाहिए. आप लोग कारण जानते ही हैं कि इस पर चर्चा क्यों नहीं हो पा रही है. मैं पिछले 2-3 साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. सरकार क्यों इस चर्चा से बच रही है?
संसद से सड़क तक कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
आपको बता दें कि अडाणी विवाद पर मोदी सरकार से जवाब मांगते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. सांसदों ने “अडानी-मोदी में यारी है, पैसे की लूट जारी है”, “एलआईसी बचाओ” और “नहीं चलेगी और बेमानी, बस करो मोदी-अडानी” जैसे नारों वाले कार्ड लिए थे. युवा कांग्रेस और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने देशभर में इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किए हैं.
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लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप बाहरी उद्देश्यों के लिए विचार-विमर्श के लिए यह मंच चुनते हैं, यह उचित नहीं है. उन्होने कहा “मैं आपसे अपील करता हूं, यह सोचने का समय है कि आम आदमी क्या सोच रहा है”. इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा भारी नारेबाजी के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही कल यानी 7 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.