congress vs bjp
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Rahul Gandhi Defamation case: मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी एवं मानहानि गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच वार और पलटवार की तीखी जुबानी जंग शुरू हो गई है. एक ओर जहां बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने ओबीसी को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी को आदतन अपराधी बताया, वहीं कांग्रेस ने हाई कोर्ट के फैसले को निराशजनक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख करने की बात कही. इधर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जब कहा कि राहुल अपनी करनी का परिणाम भोग रहे हैं, तो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने बचाव में कहा कि हम सत्ता से सवाल करते रहेंगे और कोई कितनी भी कोशिश कर ले सच दबने वाला नहीं है.

गुजरात हाईकोर्ट द्वारा राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका को खारिज करने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अपनी बात रखी. साथ ही साथ बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि अहंकारी सत्ता चाहती है कि हम सत्ता से सवाल न करें, लेकिन हम करते रहेंगे. प्रियंका गांधी ने कहा, ‘अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट सब अपना रही है. लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा. राहुल गांधी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है.’

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सोशल मीडिया पर एक लंबे संदेश में प्रियंका ने लिखा कि प्रियंका ने ट्विटर पर किए एक लंबे पोस्ट में कहा कि सच को बाहर लाने के लिए राहुल हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं. जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं और डटे रहेंगे.

आगे प्रियंका ने कहा कि अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए.

भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यदि राहुल ओबीसी समुदाय के अपमान के लिए माफी मांग लेते तो पूरा मामला ही खत्म हो जाता है. एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रसाद ने राहुल गांधी को आदतन अपराधी बताते हुए गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को विधि सम्मत और उचित करार दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी समझते हैं लोगों को अपमानित करने का उन्हें अधिकार है तो कानून को भी उन्हें सजा देने का अधिकार है. राहुल गांधी पर ओबीसी को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि सारे मोदी चोर हैं. बीजेपी नेता ने राहुल गांधी को गैर जिम्मेदाराना एवं अहंकारी बताते हुए कहा कि राहुल गांधी को गांधी खानदान में पैदा होने का अहंकार है और इसी वजह से वह खुद को कानून से ऊपर समझते हैं. लेकिन उन्हें मालूम होना चाहिए कि देश में कानून सबसे लिए बराबर है और कानून ने अपना काम किया है. इधर, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल अपनी करनी का परिणाम भोग रहे हैं.

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर राजनीतक साजिश रचकर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कराने का आरोप लगाया. खरगे ने निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी का कोई भी नेता या कार्यकर्ता भाजपा की राजनीतिक साजिश से नहीं डरता है. हम (कांग्रेस) दोनों लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं.

कांग्रेस प्रमुख ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी राज में सबसे पहले भ्रष्ट लोग भाग जाते हैं और दूसरी तरफ मोदी जी की पार्टी ‘स्वच्छ भारत अभियनान’ के जरिए भ्रष्टाचार के आरोपियों को वॉशिंग मशीन में धोकर सत्ता हथियाने का खेल खेलती है. आगे उन्होंने कहा कि देश अब भ्रष्टाचार पर मोदी जी के दोहरे मापदंडों से अच्छी तरह से वाकिफ है. हम राजनीति और कानूनी दोनों लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.

सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे राहुल गांधी

इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी आने के बाद कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता कानूनविद अभिषेक सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी की याचिका खारिज करना बेहद निराशाजनक है लेकिन अप्रत्याशित नहीं. उन्होंने कहा कि फैसले में कानूनी कसौटियों को बिल्कुल नहीं देखा गया और अप्रासंगिक मामलों का उदाहरण देकर सजा को सही ठहराने का प्रयास किया गया है. हाईकोर्ट की टिप्पणियों को कानूनी कसौटी पर गलत ठहराते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि सर्वोच्च अदालत इन्हें दुरूस्त करेगा.

वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी पुष्टि करते हुए बताया कि कांग्रेस नेताओं ने हाई कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है. ऐसे में राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के फैसले को हम सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.

देशभर में 10 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे है राहुल गांधी

इधर, गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा कि राहुल गांधी पहले से ही भारत भर में 10 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे थे. राहुल गांधी को उनकी टिप्पणियों के लिए दो साल की जेल की सजा देने का निचली अदालत का आदेश उचित था. ऐसे में सजा पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं है.

गौरतलब है कि सूरत में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को बीजेपी गुजरात विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 मामले में गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसे कांग्रेस ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.

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