Wednesday, January 22, 2025
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केजरीवाल की सीएम कुर्सी छिनने की तैयारी, क्या अब आएगी ‘दीदी’ की बारी?

पहले ही 'वर्क फ्रॉम जेल' की बात कह चुके हैं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, हाल में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को भी जाना पड़ा सलाखों के पीछे, नया सीएम बनाना पड़ा, वहीं खेल दिल्ली में खेला जा रहा, अब बंगाल हो सकता है अगला टार्गेट

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है. माना जा रहा है कि माना जा रहा है कि अब झारखंड वाला ‘खेला’ दिल्ली में भी खेला जाएगा. जिस तरह ईडी के समन को नजर-अंदाज करने और सवालों का जवाब न दे पाने के चलते झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा. इतना ही नहीं, उन्हें सीएम पद से इस्तीफा भी देना पड़ा. उनकी जगह पर चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं. ईडी की शिकायत पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को तलब किया है. कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 17 फरवरी को अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है. मसला गर्माता जा रहा है और बीते 6 माह में सख्ती को देखें तो दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को भी सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो अगला नंबर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का हो सकता है.

यह भी पढ़ें: झारखंड के नए मुख्यमंत्री: ‘झारखंड टाइगर’ नाम से मशहूर हैं चंपई सोरेन, सिबू सोरेन को मानते हैं गुरू

दरअसल, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसता जा रहा है. शराब उत्पाद शुल्क नीति घोटाले (न्यू एक्साइज पॉलिसी) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के भेजे गए समन का केजरीवाल ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है. ईडी द्वारा पांच समन भेजे जाने के बाद भी केजरीवाल ईडी के समक्ष हाजिर भी नहीं हुए. नजरअंदाजी के बाद ईडी की शिकायत पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को तलब किया है.

ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ के लिए पांच समन भेजे थे लेकिन केजरीवाल ने अब तक कोई जवाब नहीं दिए और न ही ईडी के समक्ष हाजिर हुए. ईडी ने केजरीवाल को पहला समन 2 नवंबर 2023, दूसरा समन 21 दिसंबर 2023, तीसरा समन 3 जनवरी 2024, चौथा समन 18 जनवरी 2024 और पांचवा समन 2 फरवरी 2024 को भेजा था. इसके बाद जांच एजेंसी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. वहीं केजरीवाल इन सभी समन को गैर-कानूनी बता चुके हैं.

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सियासी गलियारों में ये खबर भी आ रही है कि जिन भी राज्यों में ईडी का प्रकोप गहराता जा रहा है, उन सभी राज्यों में आगामी एक या दो साल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता तो अगले दो माह में भी लगने वाली है. ऐसे में इन मजबूत राज्यों को कमजोर करने का इशारा केंद्र सरकार द्वारा मिला हुआ है. झारखंड में बीजेपी की स्थिति थोड़ी कमजोर है और कमोबेश यही स्थिति दिल्ली में भी है. झारखंड में हेमंत सोरेन और दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से बड़ा कोई नेता आसपास भी नहीं है और ये राज्य इन्हीं नेताओं के कंधों पर टिके हैं. यहां अगर ये खत्म तो राज्यों से पार्टी का बहुमत खत्म. अगर आगे यही ‘खेला’ बंगाल में भी किया जा सकता है.

दरअसल, न्यू एक्साइज पॉलिसी से जुड़े तार कहीं न कहीं बंगाल से भी जुड़े हुए हैं. इससे पहले शराब नीति घोटाला मामले में तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी के कविता का नाम आने से हर कोई चौंक गया था. दिसंबर 2022 को सीबीआई ने के कविता को समन भेजकर गवाह के तौर पर पेश होने के लिए बुलाया था. इसके बाद कविता ईडी के भी रडार पर आ गईं. सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद 11 मार्च 2023 को ईडी ने करीब 9 घंटे तक के कविता से पूछताछ की थी. उनसे हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई के बयानों को लेकर पूछताछ की गई थी. मजबूत राज्यों के सीएम को जेल भेजकर कमजोर करने का इससे बढ़िया तरीका मिलना मुश्किल है.

गौर करने वाली बात ये है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में किसी भी नेता पर आरोप साबित नहीं हो पाए हैं. संदेह के आधार पर आम आदमी पार्टी के कई नेता पिछले एक साल से जेल की सलाखों के पीछे हैं. फिर चाहें वो मनीष सिसोदिया हों या फिर संजय सिंह. आरोपों के बल पर ही हेमंत सोरेन को जेल की हवा खानी पड़ी है और अगला नंबर केजरीवाल का होने वाला है. हालांकि केजरीवाल पहले ही ‘वर्क फ्रॉम जेल’ की बात कह चुके हैं. अब देखना है कि केजरीवाल के बाद ईडी की सुई किस बड़े राज्य पर घूमती है.

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