Thursday, February 6, 2025
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‘आपका वोट कट गया है..’ कहीं आरोपों के भंवर में ‘प्रवेश’ तो नहीं कर रहे अरविंद केजरीवाल!

arvind kejriwal vs pravesh sharma in navi delhi assembly elections 2025
arvind kejriwal vs pravesh sharma in navi delhi assembly elections 2025

दिल्ली विधानसभा चुनाव की जंग का अंतिम दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक विश्लेषक इस बार आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर बता रहे हैं. आप के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल भी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए पसीना बहा रहे हैं. वहीं उनके सामने चुनौती बनकर खड़े प्रवेश शर्मा प्रचार प्रसार के साथ साथ आरोपों के भंवर में केजरीवाल को फंसाने के लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इस बार उन्होंने केजरीवाल और सत्तारूढ़ दल पर जनता के बीच पैसे बांटने और फर्जी कॉल करवाने का आरोप लगाया है.

मतदाता का रिकॉर्ड कहां से मिला

नई दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि अरविंद केजरीवाल इस कदर बौखला गए हैं कि अब लोगों को फर्जी कॉल किए जा रहे हैं. प्रवेश वर्मा के अनुसार, ‘आप पार्टी द्वारा एक कॉल तो यह किया जा रहा है कि बीजेपी की सरकार बनते ही सभी सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी. इसके अलावा एक कॉल खास तौर से नई दिल्ली विधानसभा सीट पर किया जा रहा है, जहां लोगों से कहा जा रहा है कि बीजेपी ने आपका वोट कटवा दिया है लेकिन अरविंद केजरीवाल उसे जुड़वा देंगे.’

यह भी पढ़ें: ‘आप ही बीजेपी को जितवाती है..’ कितना सच है कांग्रेस का ये दावा?

बीजेपी के उम्मीदवार ने यह सवाल भी उठाया है कि अरविंद केजरीवाल को सभी मतदाताओं का रिकॉर्ड मिल कहां से रहा है. उन्होंने कहा कि यह लोग नई दिल्ली सीट पर मतदाताओं को कॉल कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यहां से बीजेपी के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने आपका वोट कटवा दिया है. वह कहते हैं कि मैं केजरीवाल के ऑफिस से बोल रहा हूं और केजरीवाल ने कहा है कि आपके लिए चुनाव आयोग में बात करें, लिस्ट भेजे और आपके वोट को जुड़वाएं. इसके बाद शाम को फिर फोन करते हैं कि आपका वोट अरविंद केजरीवाल ने जुड़वा दिया है.

प्रवेश वर्मा ने कहा कि हर वोटर को उसका वोटर कार्ड नंबर बताया जा रहा है, उसका मोबाइल नंबर और नाम भी बताया जा रहा है. जो चुनाव आयोग के अलावा किसी के पास नहीं हो सकता, चाहे वो कोई भी एजेंसी हो. अरविंद केजरीवाल के पास ये डेटा कहां से आया, इसकी भी जांच होनी चाहिए. उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर ऐसी कोई कॉल आए तो नजरअंदाज करें.

कैलेंडर में छिपाकर 500-500 रुपए बांट रही आप

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाया है. पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर फर्जी कॉल करवाने और कैलेंडर में छिपाकर 500-500 रुपए बांटने का आरोप लगाया है. प्रवेश वर्मा ने कहा है कि आप आदमी पार्टी 800-800 रुपए में कुछ लोगों को बाहर से लाया गया है, जो लोगों में कैलेंडर में छिपाकर 500 रुपए बांट रहे हैं. उन्होंने चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत भी है.

गौरतलब है कि इस बार अरविंद केजरीवाल और प्रवेश शर्मा के बीच नई दिल्ली में कांटे की टक्कर है. दिल्ली की पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता स्वं शीला दीक्षित के सुपुत्र एवं पूर्व सांसद संदीप ​दीक्षित मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. अब देखते हैं कि अरविंद केजरीवाल बीजेपी द्वारा बनाए गए आरोपों के चक्रव्यूह से बाहर निकल पाते हैं या फिर इस भंवर में फंसकर रह जाएंगे.

वीरेंद्र सिंह कादियान की जीवनी | Virender Singh Kadian Biography in Hindi

virender singh kadian biography in hindi
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Virender Singh Kadian Latest News – 2020 के दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी क्लीन स्वीप करते हुए 62 सीटों पर जीत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की थी. आप की इस जीत ने भाजपा को इकाई के अंकों तक सीमित कर दिया था जबकि बेचारी कांग्रेस पार्टी तो अपना खाता भी खोलने में नाकाम रही थी. लेकिन 2025 के चुनाव में भाजपा सहित कांग्रेस चुनाव में बड़ी सावधानी के साथ कदम रख रही है. वे दोनों ही इस बार आप को कोई मौका नहीं देने के मूड में है. अगर बात करें हम दिल्ली कैंट विधानसभा सीट की तो यहां से 2015 से ही आम आदमी पार्टी का कब्जा है. हालांकि भाजपा से उसे कड़ी टक्कर मिलती रही है.  2020 में यहां से विरेंद्र सिंह कादियान ने जीत दर्ज की थी. कादियान पेशे से वकील तो है ही इसके साथ ही वह भूतपूर्व सैनिक भी है. इस बार भी आम आदमी पार्टी ने उन्हें दिल्ली कैंट से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस लेख में हम आपको श्री वीरेंद्र सिंह कादियान की जीवनी (Virender Singh Kadian Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

वीरेंद्र सिंह कादियान की जीवनी (Virender Singh Kadian Biography in Hindi)

पूरा नाम वीरेंद्र सिंह कादियान
उम्र 50 साल
जन्म तारीख 4 फरवरी 1975
जन्म स्थान झज्जर, हरियाणा
शिक्षा एलएलएम
कॉलेज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय
वर्तमान पद दिल्ली कैंट से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम रति राम
माता का नाम
पत्नी का नाम अनीता देवी
बच्चे
बेटें का नाम
बेटी का नाम
स्थाई पता झज्जर, हरियाणा
वर्तमान पता दिल्ली
फोन नंबर
ईमेल

वीरेंद्र सिंह कादियान का जन्म और परिवार (Virender Singh Kadian Birth & Family)

विरेंद्र सिंह कादियान का जन्म 4 फरवरी 1975 को हरियाणा के झज्जर जिले के दुबलधन गांव में हुआ था.  उनके पिता का नाम रति राम है. उनकी पत्नी का नाम अनीता देवी है.

वीरेंद्र सिंह कादियान की शिक्षा (Virender Singh Kadian Education)

विरेंद्र सिंह कादियान ने प्रारंभिक शिक्षा आर्मी स्कूल बागडोगरा (पश्चिम बंगाल), वैश पब्लिक स्कूल और सेंट थॉमस स्कूल रोहतक से प्राप्त की है. इसके बाद उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद से स्नातक किया. बाद में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर (MA) किया है. इसके बाद वीरेंद्र ने मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की पढाई में स्नातक (एलएलबी) किया और फिर इसके बाद 2011 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से विधि में स्नातकोत्तर (एलएलएम) किया है.

वीरेंद्र सिंह कादियान का शुरूआती जीवन (Virender Singh Kadian Early Life)

विरेंद्र सिंह कादियान सैनिक पृष्ठभूमि वाले एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते है. घर में वह सबसे बड़े बेटे हैं. पढाई के बाद विरेंद्र ने भारतीय वायु सेना में सार्जेंट के तौर पर काम किया है.

विरेंद्र सिंह कादियान पेशे से एक वकील है. साथ ही वह दिल्ली सरकार के कई अन्य संस्था के सदस्य भी है. वह दिल्ली सरकार के राज्य सैनिक बोर्ड के नियुक्त सदस्य हैं. इसके अलावे वह दिल्ली विश्वविद्यालय के मोती लाल नेहरू कॉलेज के कोषाध्यक्ष भी हैं. विरेंद्र सिंह नई दिल्ली नगर पालिका परिषदमें नगर परामर्शदाता के रूप में भी कार्यरत हैं. इसके अलावे चूंकि वह सैनिक रह चुके है इसलिए वह कई पूर्व सैनिक संघों से भी जुड़े हुए हैं.

वीरेंद्र सिंह कादियान का राजनीतिक करियर (Virender Singh Kadian Political Career)

विरेंद्र  सिंह कादियान की राजनीतिक यात्रा 2011 में तब शुरु हुई जब उन्होंने इसी वर्ष आम आदमी पार्टी ज्यॉइन कर ली. विरेंद्र सिंह कादियान  के राजनीति में आने का उद्देश्य सरकार और नौकरशाही व्यवस्था से भ्रष्टाचार को खत्म करना था.

विरेंद्र सिंह कादियान वर्ष 2011 में आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य के तौर पर शामिल हुए थे जबकि बाद में वर्ष 2012 से वह आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य बन गए. इसके बाद साजिया इल्मी के इस्तीफे के बाद उन्हें 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव तक आरके पुरम निर्वाचन क्षेत्र के राजनीतिक पर्यवेक्षक के तौर पर जिम्मेदारी दी गई।

इसके बाद विरेंद्र सिंह कादियान पहली बार 2020 में दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के मनीष सिंह से था. पर चुनाव परिणाम जब आया तब वीरेंद्र मनीष सिंह से लगभग दस हजार वोट के अंतराल से जीत दर्ज करने में सफल रहे. वीरेंद्र  कादियान की यह पहली जीत थी. इस जीत के साथ ही वह दिल्ली के विधायक बन गए.

इसके बाद जब 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव का टिकट बटबारें की बात आयी तब आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से अपने मौजूदा विधायक विरेंद्र सिंह कादियान को एक बार फिर से दिल्ली कैंट से अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा और कांग्रेस से है.

वर्तमान में विरेंद्र सिंह कादियान आम आदमी पार्टी के विधायक है और दिल्ली कैंट विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी है.

दिल्ली का दिल्ली कैंट विधानसभा क्षेत्र

दिल्ली कैंट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली के 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रो में से एक है. दिल्ली कैंट को दिल्ली छावनी के नाम से भी जाना जाता है, दिल्ली कैंट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक भाग है. दिल्ली कैंट नई दिल्ली जिले में पड़ता है और यह दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के अंतर्गत आता है. यहां ध्यान देने वाले बात यह है कि दिल्ली में सबसे कम मतदान केंद्र दिल्ली कैंट (115) में ही हैं जबकि विकासपुरी (376) में सबसे ज्यादा हैं.

अगर राजनीति की बात करें तो यहां 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत हुई है. अभी भी यहाँ से वर्तमान विधायक आप के ही है. 2015 में यहां से आम आदमी पार्टी के सुरेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने भाजपा के करण सिंह तंवर को लगभग बारह हजार के मतों के अंतराल से हराया था जबकि 2020 में यहां से विरेंद्र सिंह कादियान ने जीत दर्ज की थी.

वीरेंद्र सिंह कादियान की संपत्ति (Virender Singh Kadian Net Worth)

2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय अपने दिए गए हलफनामें में विरेंद्र सिंह कादियान ने अपनी सम्पत्ति 2 करोड़ रूपये घोषित की है जबकि उन पर 39 लाख का कर्ज भी है.

इस लेख में हमने आपको वीरेंद्र सिंह कादियान की जीवनी (Virender Singh Kadian Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

 

मैंने केजरीवाल जैसा झूठा इंसान अपने पूरे जीवन में नहीं देखा- अमित शाह

amit shah on kejriwal
amit shah on kejriwal

दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुडी बड़ी खबर, बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में पार्टी के संकल्प पत्र का तीसरा हिस्सा किया जारी, वही इस दौरान शाह ने अरविंद केजरीवाल को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- मैंने केजरीवाल जैसा झूठा इंसान अपने पूरे जीवन में नहीं देखा, अभी कुंभ लगा है, केजरीवाल डुबकी लगा लो तो झूठ बोलने के पाप कट जाएंगे, केजरीवाल ने दिल्ली में स्कूलों और मंदिरों, गुरुद्वारों को भी नहीं बख्शा, सबके ठेके दे दिए, हजारों करोड़ का किया घोटाला, केजरीवाल ने हर चुनाव में किए झूठे वादे, भाजपा कोरे वादे नहीं कर

रमेश बिधूड़ी की जीवनी | Ramesh Bidhuri Biography in Hindi

ramesh bidhuri biography in hindi
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Ramesh Bidhuri Latest News – रमेश बिधूड़ी दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता है. वह दिल्ली के तीन बार के विधायक जबकि दो बार के सांसद है. वह 2014 में सोलहवीं लोकसभा तथा 2019 में सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य रह चुके है. जबकि इससे पहले वह वर्ष 2003, 2008 और 2013 में दिल्ली विधानसभा में जीत दर्ज करके विधायक चुने जा चुके है. भाजपा ने उन्हें 2024 में लोकसभा का टिकट नहीं दिया था लेकिन अब उन्हें पार्टी ने दिल्ली के कालकाजी विधासभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. यहाँ उनका मुकाबला आप नेता व दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी सहित कांग्रेस के अल्का लाम्बा से भी है. देखना यह है कि इस बार बिधूड़ी अपनी जीत कायम रख पातें है या नहीं. इस लेख में हम आपको श्री रमेश बिधूड़ी की जीवनी (Ramesh Bidhuri Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

रमेश बिधूड़ी की जीवनी (Ramesh Bidhuri Biography in Hindi)

पूरा नाम रमेश बिधूड़ी
उम्र 63 साल
जन्म तारीख 18 जुलाई 1961
जन्म स्थान तुगलकाबाद, दिल्ली
शिक्षा एलएलबी
कॉलेज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय
वर्तमान पद दिल्ली की कालकाजी सीट से उम्मीदवार, पूर्व सांसद
व्यवसाय वकील, व्यवसायी, किसान, सामाजिक कार्यकर्ता
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम रामरिख
माता का नाम चरतो देवी
पत्नी का नाम कमला बिधूड़ी
बच्चे दो बेटे और एक बेटी
बेटें का नाम धनंजय सिंह
बेटी का नाम
स्थाई पता एच.नं. 179, सुनपत हाउस, ग्राम-तुगलकाबाद, नई दिल्ली
वर्तमान पता दिल्ली
फोन नंबर 09811039678
ईमेल rameshbidhuri[at]yahoo[dot]in

रमेश बिधूड़ी का जन्म और परिवार (Ramesh Bidhuri Birth & Family)

रमेश बिधूड़ी का जन्म 18 जुलाई 1961 को दिल्ली दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम रामरिख जबकि उनकी माता का नाम चरतो देवी था.

रमेश बिधूड़ी का विवाह 1987 में कमला बिधूड़ी से हुआ. रमेश बिधूड़ी के तीन बच्चे है. उनके एक बेटी और दो बेटे है. रमेश बिधूड़ी हिन्दू है और वह जाति से गुर्जर है.

रमेश बिधूड़ी की शिक्षा (Ramesh Bidhuri Education)

रमेश बिधूड़ी  ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज (एम) से बी. कॉम में स्नातक किया. इसके बाद मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से लॉ (एलएलबी) की डिग्री ली. बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत भी की.

रमेश बिधूड़ी का शुरूआती जीवन (Ramesh Bidhuri Early Life)

रमेश बिधूड़ी का शुरूआती दिल्ली शहर के भागमभाग जीवन के बीच. उन्होंने शुरुआत से ही विभिन्न संगठनों जुड़ कर अपने आपको व्यस्त रखा. उन्होंने कॉलेज लाइफ में ही राजनीति शुरू कर दी. रमेश बिधूड़ी और उनके परिवार के सदस्य शुरुआत से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य रहे हैं. इसी कारण रमेश बिधूड़ी भी अपने शुरूआती जीवन में ही राजनीतिक से जुड़ गए थे. बिधूड़ी ने अपने जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में किया था. उन्हें शहीद भगत सिंह कॉलेज का सेंट्रल काउंसलर और दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के लिए चुना गया. एक छात्र नेता के तौर पर रमेश बिधूड़ी ने 1983 से एबीपी के लिए लगन और समर्पण के साथ काम किया.

रमेश बिधूड़ी का राजनीतिक करियर (Ramesh Bidhuri Political Career)

रमेश बिधूड़ी की राजनीतिक यात्रा 1993 में तब शुरु हुई थी. जब इसी वर्ष वह कई धार्मिक और राजनीतिक संगठनों में प्रतिष्ठित पदों पर रहते हुए राजनीति में सक्रिय हो गए थे. रमेश बिधूड़ी ने 1996 में महरौली जिले के जिला महासचिव के रूप में काम किया और महासंघ धर्म यात्रा के प्रदेश सचिव चुने गए.

इसके बाद वह 1997 से लेकर 2003 तक भाजपा के महरौली जिला अध्यक्ष रहे. उन्होंने 2003 से लेकर 2008 तक बीजेपी दिल्ली प्रदेश के उपाध्यक्ष के रूप में भी सक्रिय रूप से काम किया. वर्तमान में, रमेश बिधूड़ी भाजपा दिल्ली प्रदेश के महासचिव हैं.  इस पद पर वह 2008 से ही बने हुए है.

रमेश बिधूड़ी ने पहली बार वर्ष 2003 से तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए. इस जीत के बाद वह पहली बार तुगलकाबाद से बीजेपी के विधायक बने. इसके बाद वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद तुगलकाबाद निर्वाचन क्षेत्र को दो भागों में विभाजित कर दिया गया और उससे कटकर ओखला एक नयी विधानसभा सीट बनी बनी. इसके बाद वह लगातार  2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की.

इसके बाद भाजपा ने बिधूड़ी को 2014 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया और वह पहली बार सांसद बने. इसके बाद 2019 के चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से दोबारा जीत गए.  लेकिन बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी को टिकट न देकर वहां से रामवीर सिंह बिधूड़ी को टिकट दिया और दक्षिण दिल्ली से पार्टी का उम्मीदवार बनाया. 2024 के लोकसभा चुनाव में  रामवीर सिंह बिधूड़ी की जीत हुई.

इसके बाद रमेश बिधूड़ी की 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी के द्वारा उम्मीदवार बनाये जाने से उनकी एक बार फिर से राज्य की राजनीति में वापसी हो गई है. पार्टी ने उन्हें दिल्ली की कालकाजी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया. दिल्ली विधानसभा चुनाव का यह सीट वीवीआई सीट बन गई है क्योकि यहाँ से आम आदमी पार्टी की नेत्री व दिल्ली की मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी भी चुनाव लड़ रही है. वही कांग्रेस से अलका लांबा चुनाव लड़ रही है. इस बार बिधूड़ी का मुकाबला दो महिला उम्मीदवारों से होगा.

रमेश बिधूड़ी की संपत्ति (Ramesh Bidhuri Net Worth)

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पर्चा दाखिल करते समय अपने हलफनामे में रमेश बिधूड़ी ने अपनी सम्पत्ति 15 करोड़ रूपये घोषित की है जबकि उनपर 17 लाख का कर्ज भी है. उनके पास चार कारें है. उनके पास कृषि व व्यावसायिक क्षेत्र की जमीन भी है.

इस लेख में हमने आपको रमेश बिधूड़ी की जीवनी (Ramesh Bidhuri Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

राजस्थान में पंचायत उपचुनाव की तारीखों का ऐलान, इस दिन होगा मतदान

panchayat by elections in rajasthan
panchayat by elections in rajasthan

राजस्थान में पंचायत उपचुनाव से जुडी बड़ी खबर, राजस्थान में राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत उपचुनाव की तारीखों का किया ऐलान, इनमें जिला प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, प्रधान, उप प्रधान, सरपंच, उप सरपंच और वार्ड पंच के कुल 205 रिक्त पदों को भरने के लिए यह चुनाव होगा आयोजित, इन चुनावों की घोषणा के साथ ही संबंधित क्षेत्रों में चुनावी तैयारियों का दौर हो गया तेज, आयोग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, 14 फरवरी को होगा मतदान और वोटों की गिनती होगी 15 फरवरी को

किस पद के लिए कब होगा चुनाव?
– जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य: 14 फरवरी को मतदान और 15 फरवरी को होगी मतगणना
– जिला प्रमुख और प्रधान: 16 फरवरी को मतदान
– उप प्रधान: 17 फरवरी को वोटिंग
– सरपंच और पंच: 14 फरवरी को मतदान और मतगणना दोनों
– उप सरपंच: 15 फरवरी को चुनाव होंगे संपन्न

‘मैं FAIL हो गया मुझे वोट मत देना…’ -प्रवेश वर्मा ने इस तरह डुबोया केजरीवाल का पुतला, देखें वीडियो

delhi politics
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दिल्ली चुनाव को लेकर बड़ी खबर, नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा लगातार हमलावर है अरविंद केजरीवाल पर, वही आज यमुना घाट पर बीजेपी उम्मीदवार परवेश वर्मा ने किया नाटकीय प्रदर्शन, प्रवेश वर्मा अरविंद केजरीवाल का पुतला लेकर पहुंचे यमुना घाट और उसे नदी में डुबोया, पुतले पर लिखा था- मैं फ़ैल हो गया मुझे वोट मत देना, 2025 तक मैं यमुना साफ नहीं कर पाया, इस दौरान बीजेपी उम्मीदवार ने केजरीवाल का पुतला डुबोया नदी में और निकाला बाहर, अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से हो रहा वायरल

सचिन पायलट ने दिल्ली चुनाव को लेकर कर दिया ये बड़ा दावा, केजरीवाल को लेकर भी कही ये बड़ी बात

sachin pilot
sachin pilot

कांग्रेस महासचिव और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने दिल्ली चुनाव को लेकर दिया बयान, दिल्ली दौरे के दौरान पायलट ने मीडिया से की बात, कहा- देश और दिल्ली की जनता महंगाई और बेरोजगारी से हो चुकी है परेशान, भाजपा और आप ने लाखों रोजगार देने का किया था वादा, लेकिन इन मुद्दों पर बात करने से दोनों पार्टियां भाग रही हैं, ऐसे में दिल्ली में कांग्रेस की तय है वापसी, जनता एक विकल्प तलाश रही है,मुझे उम्मीद है कि हमारा प्रदर्शन इस बार अच्छा रहेगा, लोग कांग्रेस में देख रहे हैं अपना भविष्य, सचिन पायलट ने कहा- केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के दलित समाज, विशेषकर सफाई कर्मचारियों को दिया धोखा, उन्होंने दलितों के लिए नहीं किया कोई ठोस काम, केवल वादे और निजीकरण की राजनीति की, अब दलित समाज से वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है उनके पास

अरविंदर सिंह लवली की जीवनी | Arvinder Singh Lovely Biography in Hindi

arvinder singh lovely biography in hindi
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Arvinder Singh Lovely Latest News – दिल्ली में 5 फ़रवरी को विधानसभा के चुनाव होने है. परिणाम 8 फ़रवरी को घोषित होगा. इस बार बीजेपी भी पूरी तैयारी में है और इसी कारण वह आम आदमी पार्टी को मात देने के लिए हर वह कदम उठा रही जो पार्टी को सही लग रहा है. इसी कड़ी में पार्टी ने मौजूदा विधायक अनिल कुमार बाजपेयी का दिल्ली के गांधी नगर विधान सभा सीट से टिकट काटकर अरविंदर सिंह लवली को अपना उम्मीदवार बनाया. लवली लोक सभा चुनाव से पहले कांग्रेस में थे. वह शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा व शहरी विकास मंत्री भी रह चुके है पर वर्तमान में वह भाजपा के नेता है और पार्टी ने उन्हें गांधीनगर विधान सभा सीट खड़ा किया है.  इस लेख में हम आपको श्री अरविंदर सिंह लवली की जीवनी (Arvinder Singh Lovely Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.

अरविंदर सिंह लवली की जीवनी (Arvinder Singh Lovely Biography in Hindi)

पूरा नाम अरविंदर सिंह लवली
उम्र 56 साल
जन्म तारीख 11 दिसंबर 1968
जन्म स्थान दिल्ली
शिक्षा बीए
कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय
वर्तमान पद दिल्ली के गांधी नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार
व्यवसाय राजनीतिज्ञ, व्यापार
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पिता का नाम बलविंदर सिंह
माता का नाम
पत्नी का नाम गुरवीन कौर
बच्चे एक बेटा और एक बेटी
बेटें का नाम नवजोत सिंह
बेटी का नाम परमिंदर सिंह
स्थाई पता दिल्ली
वर्तमान पता दिल्ली
फोन नंबर
ईमेल

अरविंदर सिंह लवली का जन्म और परिवार (Arvinder Singh Lovely Birth & Family)

अरविंदर सिंह लवली का जन्म 11 दिसंबर 1968 को दिल्ली के गांधीनगर में हुआ था. उनके पिता का नाम बलविंदर सिंह है. अरविंदर सिंह लवली की पत्नी नाम गुरवीन कौर है.

अरविंदर सिंह लवली के दो बच्चे है. एक का नाम नवजोत सिंह है तो दूसरे का नाम परमिंदर सिंह है. अरविंदर सिंह लवली पंजाबी है और वह जाति से सरदार है.

अरविंदर सिंह लवली की शिक्षा (Arvinder Singh Lovely Education)

अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से 1989-1990 में राजनीति विज्ञान में बीए (ऑनर्स) किया है.

अरविंदर सिंह लवली का शुरूआती जीवन (Arvinder Singh Lovely Early Life)

अरविंदर सिंह लवली का शुरूआती जीवन दिल्ली के गांधीनगर, कृष्णानगर ईलाके में बीता. लवली को छोटी आयु से ही सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में गहरी रुचि विकसित हो गई थी. बाद में अरविंदर सिंह लवली कॉलेज के छात्र संघ के लिए चुने गए और विभिन्न सामाजिक व शैक्षणिक संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े गए. उसी के बाद लवली दिल्ली के भीमराव अंबेडकर कॉलेज के अध्यक्ष भी चुने गए थे. उसी के बाद वह फिर वर्ष 1992 से लेकर वर्ष 1996 के बीच नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ़ इंडिया (NSUI) के महासचिव के रूप में भी काम किया.

अरविंदर सिंह लवली का राजनीतिक करियर (Arvinder Singh Lovely Political Career)

अरविंदर सिंह लवली की राजनीतिक यात्रा नब्बे के दशक से शुरु हुई थी. लवली कम उम्र से ही छात्र राजनीति में सक्रिय थे. उन्होंने 1990 में दिल्ली युवा कांग्रेस के महासचिव के रूप में कार्य किया. लवली 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) में महासचिव का पद पर रहे.

लवली पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 1998 में गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए विधायक बने. उन्होंने भाजपा के सविंदरजीत सिंह बाजवा को 6,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया. उस समय लवली 30 वर्ष के थे. इस कारण उनकी गिनती उस समय दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए सबसे कम उम्र के विधायक के रूप में हुई थी.

इसके बाद लवली फिर 2003, 2008 और 2013 में लगातार गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए. इसी बीच जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तब वह दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार में शहरी विकास, राजस्व, शिक्षा, परिवहन, पर्यटन, भाषा, गुरुद्वारा चुनाव, स्थानीय निकाय और गुरुद्वारा प्रशासन मंत्री बनाये गए.

इसी बीच एक नाटकीय घटनाक्रम में अरविंदर सिंह लवली अप्रैल 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. उनके इस कार्य को लेकर दिल्ली पूर्व मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित ने उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था. लेकिन लवली फरवरी 2018 में फिर से कांग्रेस में वापस आ गए. उस समय वह राहुल गांधी से मिलकर पुराने गीले शिकवे पार्टी के साथ साझा किया और कहा कि उनका भाजपा के साथ विचार नहीं मिलता है उन्होंने पार्टी छोड़ने का कारण ‘स्वयं की उपेक्षा  और दिल्ली में माकन का दिल्ली इकाई के प्रमुख बनना’ बताया था.

इसके बाद वह फिर कई वर्षो तक कांग्रेस के साथ बने रहे और इसके बाद कांग्रेस उन्हें 2019 का लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली से अपना उम्मीदवार बनाया. उस चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के गौतम गंभीर और आप की आतिशी से था. उस चुनाव में लवली भाजपा नेता सह क्रिकेटर रहे गौतम गंभीर से 3.9 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से हार गए.

इसी के बाद एक बार फिर से लवली का कांग्रेस से मोह भंग हो गया और अरविंदर सिंह लवली ठीक 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़ दी. इस बार उन्होंने इसका कारण कांग्रेस पार्टी का आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करना बताया. इसी के बाद लवली ने 04 मई 2024 को फिर से भाजपा में शामिल हो गए.

इसके बाद जब 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव में टिकट बटबारें की बात आयी तब भाजपा ने गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक रहे अनिल कुमार बाजपेयी को टिकट न देकर वहां से अरविंदर सिंह लवली को अपना उम्मीदवार बनाया. इसका एक प्रमुख कारण यह भी रहा है कि गांधी नगर लवली का जन्म स्थल भी है और वहां से वह पहले से जीतते भी रहे है. इसी कारण भाजपा ने सोचा कि गांधी नगर से लवली ही अधिक उपयुक्त उम्मीदवार है. .

वर्तमान में अरविंदर सिंह लवली दिल्ली के गांधी नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार भी है.

अरविंदर सिंह लवली की संपत्ति (Arvinder Singh Lovely Net Worth)

चुनाव में पर्चा दाखिल करते समय अपने हलफनामे में अरविंदर सिंह लवली ने अपनी सम्पत्ति 5 करोड़ रूपये घोषित की है जबकि उनपर कोई कर्ज नहीं है.

इस लेख में हमने आपको दिल्ली के गांधी नगर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली की जीवनी (Arvinder Singh Lovely Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.

भजनलाल सरकार में इन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी! इन्हे मिलेगी मंत्रिमंडल में जगह!

bhajanlal cabinet
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राजस्थान की राजनीति से जुडी बड़ी खबर, प्रदेश की भजनलाल सरकार में अगले हफ्ते हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, इसमें लगभग आधा दर्जन विधायकों को मंत्री पद की दिलाई जा सकती है शपथ, वहीं विस्तार के दौरान अच्छा कार्य करने वाले मंत्रियों को मिलेगा प्रमोशन, जबकि जिन विभागों में नहीं हुए संतोषजनक कार्य, उन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से किया जा सकता है बाहर, इसके अलावा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले नए विधायक भी बन सकते हैं मंत्री, वही जब से सीएम भजनलाल ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से की है मुलाकात इसके बाद यह भी माना जा रहा है कि मैडम राजे गुट के नेताओं को भी मिल सकता है मौका, वही इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और कई केन्द्रीय मंत्रियों से भी की थी मुलाकात, वहीं पॉलिटॉक्स न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार खींवसर सीट से विधायक चुने गए रेवंतराम डागा को भी मिल सकता है मंत्री पद, अनुभवी नेताओं कि बात करे तो कालीचरण सराफ और श्रीचंद कृपलानी को मिल सकता है मौका, वर्तमान में सीएम भजनलाल के मंत्रिमंडल में 6 पद है रिक्त

‘चिकित्सा मंत्री मदन राठौड़ से बड़े नहीं, खींवसर खुद को समझते हैं राजा तो रहे अपने घर पर’!

rajasthan politics
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प्रदेश की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर, प्रदेश में तेजी से एक ऑडियो हो रहा है वायरल, चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींसवार के ओएसडी केशरी सिंह और बीजेपी कार्यकर्ता राजेंद्र तिवारी का एक ऑडियो तेजी से हो रहा वायरल, वायरल ऑडियो में भाजपा कार्यकर्ता राजेंद्र तिवाड़ी और चिकित्सा मंत्री के ओएसडी डॉक्टर केशरी सिंह है, चिकित्सा विभाग में तबादलों को लेकर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर अपनों के बीच ही घिर गए, मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला चिकित्सा विभाग में हुए ट्रांसफर से जुड़ा है, बातचीत में भाजपा कार्यकर्ता और मंत्री के ओएसडी के बीच चल रही है जोरदार गाली गलौज, बीजेपी कार्यकर्ता ऑडियो में मदन राठौड़ की सिफारिश की अनदेखी का भी लगा रहा है आरोप, बता दें भजनलाल सरकार ने पिछले दिनों तबादलों में दी थी छूट, लेकिन कुछ विभागों में बैक डेट में भी हुए जमकर तबादले, इसे लेकर चिकित्सा विभाग में हुए तबादलों को लेकर एक बार फिर खड़े हो रहे हैं सवाल, बीजेपी कार्यकर्ता ऑडियो में कह रहा है कि चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से बड़े नहीं है, भाजपा कार्यकर्ता को जूते की नोक पर आता है काम करवाना, चिकित्सा मंत्री खुद को राजा समझते हैं तो रहे अपने घर पर, इतना ही नहीं ऑडियो में बीजेपी कार्यकर्ता यह भी बोल रहा है कि मंत्री को बीजेपी ऑफिस में नरेश मीणा बन जाऊंगा, नरेश मीणा जैसे थप्पड़ देंगे गाल पर, बाउंसर गुंडे लेकर आओगे मरोगे क्या मुझे? 22 साल से हूँ में बीजेपी में, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मंत्री से, इतना ही नहीं बीजेपी कार्यकर्ता ने OSD को बताया मंत्री का दलाल, कार्यकर्ता एक हो जाएगा तो डंडे से मरेंगे तुम्हे, वही इस मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ता राजेंद्र तिवाड़ी से बात की गई तो उन्होंने कहा- प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ द्वारा कुछ तबादले की डिजायर की गई थी, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं के नहीं हो रहे काम, उस वायरल ऑडियो में मैंने अपना आपा खो दिया इसके लिए मुझे है खेद, वही ओएसडी ने दी इस पुरे मामले में दी है सफाई, कहा- इस पूरे मामले की जानकारी मंत्री गजेंद्र सिंह खींसवार को दे दी गई , हालाँकि पॉलिटॉक्स न्यूज़ नहीं करता इस वायरल ऑडियो की पुष्टि

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