Politalks.News/RakeshTikait. पुरे एक साल और 14 दिन तक चले किसान आंदोलन (Farmers Protest) की समाप्ति हो चुकी है. देश भर के किसान (Farmer) पिछले एक साल से केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत रहे. ऐसे में आगामी 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) पर इसका सीधा असर देखने को मिल सकता है. उत्तरप्रदेश (UttarPradesh) के साथ साथ पंजाब (Punjab) दोनों ही जिलों में विपक्ष बीजेपी को घेरने के लिए किसान आंदोलन का सहारा लेने वाली है. ऐसे में आगामी चुनाव में किसानों की क्या भूमिका रहने वाली है इसे लेकर जब किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘आज सिर्फ और सिर्फ इस देश में एक ही चीज चल रही है कि आखिर वोट कैसे मिलेगा. लेकिन वोट पार्टियां नहीं मांग रही, सरकार मांग रही है और यही देश का दुर्भाग्य है.’
किसान आंदोलन के बाद अपने घर लोटे किसान नेता राकेश टिकैत ने एबीपी न्यूज़ से ख़ास बातचीत में किसान आंदोलन और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर खुलकर बात की. इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘हम अभी घर आये ही कहाँ हैं, ये पूरा देश ही हमारा घर है.’ आगामी चुनाव को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘ये इस देश का दुर्भागय है कि आज राजनीतिक दलों की जगह सरकारें जनता से वोट मांग रही है. जहां देखो वहां सिर्फ एक ही चीज दिखाई दे रही है कि आखिर वोट कैसे मिलेगा.’
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उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से जुड़े सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘उत्तर प्रदेश और भारत सरकार दोनों ही पार्टी बनकर काम कर रही हैं. मेरा मानना है कि इसे लेकर पुरे देश में बहस होनी चाहिए. मुख्यमंत्री एक पार्टी के नहीं है वो पूरे प्रदेश के सीएम हैं.’ तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने में हुई देरी को लेकर राकेश टिकट ने कहा कि, ‘किसान आंदोलन के वक़्त सरकार पार्टी बनकर बात कर रही थी पार्टियां पहले भी रहीं, लेकिन सरकार सरकार बनकर ही बात करती तो इसका हल जल्दी निकल सकता था.’
आगामी चुनाव में वोटरों द्वारा बीजेपी को चुने जाने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘हम किसी भी पार्टी का या व्यक्ति का पक्ष नहीं लेंगे. अगर इस सरकार ने काम किया होगा तो वोट मिलेंगे. कुछ लोग कह रहे हैं कि किसान उस दल का समर्थन कर रहे हैं लेकिन मैं ये सभी को साफ कर देना चाहता हूँ कि हम किसी भी पार्टी का सपोर्ट नहीं कर रहे.’ राकेश टिकैत ने बंगाल चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘हमने बंगाल में MSP मांगी थी इस कारण गए थे ममता के समर्थन में बंगाल नहीं गए थे. हमने वहां टीएमसी का प्रचार नहीं किया था.’
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सीएम योगी से जुड़े सवाल पर राकेश टिकैत ने चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘यूपी के मुख्यमंत्री सलाह बहुत ज्यादा लेते हैं. उन्हें कुछ भी घटना होती है तो उसकी रिपोर्ट भी देरी से मिलती है. इसके पीछे क्या कारण है आज तक समझ नहीं आया. वो जिले के मुख्यमंत्री हैं उनके पास तो ज्यादा पावर होनी चाहिए लेकिन वो उस तरह काम नहीं करते क्योंकि उनके सलाह लेने का ऑफिस दूर है.’ वहीं प्रधानमंत्री के अच्छे या बुरे होने के सवाल पर भी राकेश टिकैत ने बड़े ही सधे हुए अंदाज में कहा कि, ‘टाइम के हिसाब से हर प्रधानमंत्री अच्छा रहा है.’
लखीमपुर खीरी घटना को लेकर जब राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे किसान आंदोलन का काला अध्याय बताया. राकेश टिकैत ने कहा कि, ‘लखीमपुर खीरी कांड किसानों को हमेशा याद रहेगा. किसान इस मामले में सरकार और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को कभी माफी नहीं देगा.’ टिकैत ने कहा कि ‘टेनी को हटना चाहिए, जब जब किसानों के मुद्दों को याद किया जाएगा उसमें टेनी हमेशा रहेंगे. हम इसे नहीं भूलेंगे. अब बीजेपी टेनी को नहीं हटा रही तो उनकी भी कोई मजबूरी रही होगी.’
राकेश टिकैत ने बीजेपी और ओवैसी को एक बताया. टिकैत ने कहा कि, ‘ओवैसी और बीजेपी के दिन के स्कूल अलग हैं और ये रात में एक ही जगह ट्यूशन पढ़ते हैं. इस देश में हिंदू-मुस्लिम-जिन्ना नहीं चलेगा. प्रदेश के साथ साथ जनता विकास चाहती है. जनता फसलों का दाम चाहती है.’ ओवैसी से जुड़े सवाल कि, ‘आप ओवैसी से इतना चिढ़ते क्यों हैं?’ तो इस पर टिकैत ने कहा कि ‘ओवैसी भाइचारे को तोड़ते हैं.’ वहीँ 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को राकेश टिकैत ने षड्यंत्र करार दिया.