Politalks.News/Rajasthan/Farmers Protest. नए कृषि कानूनों पर मोदी सरकार का पक्ष रखने के लिए उदयपुर पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब किसान आन्दोलन किसानों के हाथ से निकल गया है, अब इसे माओवादी और नक्सलवादी ताकतें चला रही हैं. इस दौरान प्रदेश की गहलोत सरकार के अर्न्तकलह पर मारवाड़ी भाषा में तंज कसते हुए गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा, ‘धणी लुगाई री लड़ाई में पड़ोसी री पीटाई करों, यो तो नी चाले.’ शेखावत ने कहा कि सरकार के अन्दर चल रही उठापटक का खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है.
इससे पहले दिल्ली में पिछले 19 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने साफ कहा कि यह आंदोलन अब यह किसानों का आंदोलन नहीं रहा है. अब मोआवादी, नक्सलवादी और देश विरोधी ताकतों ने इस आंदोलन को अपने हाथ में ले लिया है. यही कारण है कि सरकार और किसानों के बीच सात बार अलग-अलग स्तर पर वार्ता होने के बावजूद दोनों के बीच सहमती नहीं बन पा रही है. उन्होने कहा कि इस आंदोलन को वे ही लोग चला रहे है जो देश की हित में काम नहीं करना चाहते हैं.
किसानों को गुमराह कर रही हैं राजनीतिक पार्टियां
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों ने अपना सियासी हित साधने के लिए किसानों के कंधों पर बंदूक रख रखी हैं. शेखावत ने कहा कि कांग्रेस ने जिन मुद्दों को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है, उसी पर अब वो विरोध कर रही है. विपक्षी पार्टियों तय कर लिया है कि वे सरकार के हर काम का विरोध करेंगे. चाहे वह किसानों, आम जनता और देश के हित में हो. ऐसा उन्होने पूर्व में बनाए कानूनों पर भी किया है.
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स्वामीनाथन आयोग द्वारा दिए गए 100 सुझाव मोदी सरकार ने लागू किए
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तब से ही किसानों के विकास के लिए सरकार कदम दर कदम आगे बढ़ाते हुए कृषि रिफार्म हेतु काम कर रही है. शेखावत ने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग द्वारा कृषि रिफॉर्म हेतु 102 सुझाव दिए गए, जिसमें से 100 सुझाव मोदी सरकार ने लागू किए हैं. जबकि स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में रिपोर्ट दे दी थी तो 2010 तक कांग्रेस सरकार तो उन्हें लागू करने का साहस भी नहीं कर पाई, जब भी किसान रिफॉर्म की बात की गई तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की बात सभी दलों ने की थी.
मंत्री शेखावत ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि को लाभकारी कैसे बना सकते हैं उसके लिए कार्य किया है. कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाएं बिना भारत को आत्मनिर्भर नहीं बना सकते हैं, जो कृषि उत्पाद भंडारण के अभाव में खराब हो जाता है, उसके लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने की जरूरत देश में है. किसानों की आय बढ़ाने हेतु हमेशा मंडी क्षेत्र की निर्भरता को खत्म करने की आवश्यकता समझी गई है.
एमएसपी पर कानून बनाना संभव नहीं
मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि देश में एमएसपी पर कानून बनाना संभव नहीं है. शेखावत ने कहा कि तकनीकी तौर पर इस कानून को बनाना संभव नहीं है. सरकार किसी भी व्यापारी को एमएसपी प्राइज पर अनाज खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश सब कुछ देख व समझ रहा है. 50 से 100 फीसदी एमएसपी बढ़ाने का काम भाजपा सरकार ने किया, लेकिन इसे भी सरकार किसानों हेतु पर्याप्त नहीं मानती. किसान सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर काम करें तभी बल्क में फसल के अच्छे दाम के लिए नेगोशिएट कर सके. इस हेतु किसानों के एफपीओ बनाने की योजना सरकार की है. कृषि क्षेत्र में परिवर्तन के लिए मोदी सरकार काम कर रही है, परंतु विपक्षी दल उसमें बाधा बन रहे हैं.
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गहलोत सरकार पर साधा निशाना
जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. शेखावत ने कहा कि दो साल के कार्यकाल के बाद भी सरकार अस्थिर है. सरकार के अन्दर चल रही उठापटक का खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है और सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस पार्टी इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस दौरान मारवाड़ी भाषा में तंज कसते हुए मंत्री शेखावत ने कहा कि, ‘धणी लुगाई री लड़ाई में पड़ोसी री पीटाई करों, यो तो नी चाले.’
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राज्य में सरकार को अस्थिर करने के बीजेपी पर लगाये गये आरोपों के सवाल पर केन्द्रीय मंत्री ने जवाब यह जवाब दिया. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार पूरे पांच साल चलनी चाहिये, लेकिन पहले भी इस सरकार के विधायक गायब रहे और इसका आरोप बीजेपी पर लगाया जाता रहा. अंत में सारी सच्चाई सामने आ गई. शेखावत ने कहा कि ये सरकार अपने कर्मों से गिरती है, तो इसमें बीजेपी दोषी नहीं हो सकती है.