उत्तर प्रदेश की वाराणसी संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव की जंग काफी रोचक हो चली है. नामांकन के अंतिम दिन मंगलवार को इस सीट पर 41 नामांकन हुए हैं. अंतिम दिन मोदी सहित 27 अन्य ने पर्चा दाखिल किया है. इनमें राजस्थान (हनुमानगढ़) के स्टैंड-अप कॉमेडियन श्याम रंगीला की चर्चा सबसे अधिक हो रही है. तीन दिन से नामांकन के लिए धरना प्रदर्शन, हंगामा और विनती कर रहे श्याम रंगीला ने काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार अपना पर्चा दाखिल कर ही दिया. नामांकन के अंतिम दिन नामांकन न करने देने के आरोपों के बीच यूथ आइकन बने श्याम रंगीला सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग पर चल रहे थे.
बतौर मिमिक्री आर्टिस्ट जाने जाने वाले श्याम रंगीला हूबहू पीएम नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की आवाज निकालकर सुर्खियों में आए थे. उन्होंने अपना हुलिया भी मोदी की तरह ही धारण किया था. 2017 में टीवी रियलिटी शो ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ में बिना ऑडिशन दिए चुना गया. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की मिमिक्री कर सभी का दिल जीता. बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार भी इस शो का हिस्सा थे. हालांकि शो के आयोजकों ने उनके प्रदर्शन के उस हिस्से को हटाने का फैसला किया. हालांकि राहुल गांधी की नकल करने की अनुमति दी लेकिन बाद में उन्होंने उन सभी को न करने को कहा. कई अन्य शो पर भी रंगीला को पीएम की मिमिक्री करने से रोका गया. बंद होती मिमिक्री की दुकान के बाद श्याम रंगीला ने पीएम का मिमिक्री से ही विरोध जताया शुरू कर दिया.
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साल की शुरूआत में श्याम रंगीला ने अचानक से पीएम मोदी के सामने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. हालांकि उनका ये कदम सुर्खियों में बने रहने से प्रेरित ज्यादा लगता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि नामांकन भरने से पहले तक उनका नाम इक्के दुक्के समाचार पत्रों में रहा लेकिन नामांकन भरने से रोकने के आरोप और धरना प्रदर्शन करने के बाद आज श्याम रंगीला देश के लीडिंग न्यूज पेपर्स और टीवी चैनल्स की सुर्खियों में बन गए हैं. श्याम रंगीला का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है. उनका विश्वास और हौसला है तो बस उनके फोलोवर्स. सोशल मीडिया पर उनके 2.5 लाख से ज्यादा फोलोवर्स हैं और इनके दम पर ही श्याम माहौल को रंगीला करने चुनावी समर में उतर गए हैं.
अपने चुनाव लड़ने का जिक्र करते हुए श्याम रंगीला ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. काशी को हमने इसलिए चुना क्योंकि पीएम मोदी कहते हैं कि गंगा मैया ने मुझे गोद लिया है. क्या गंगा मैया आपको ही गोद ले सकती हैं. अब मुझे भी गंगा मैया ने गोद लिया है. बाकी लोगों को भी गोद लिया है. यहां पर जो लड़ाई होगी पूरा देश देखेगा. 10 साल पहले में उनके साथ था, 10 साल बाद अब मैं विरोध में हूं.
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वैसे बता दें कि वाराणसी सीट पर 41 नामांकन हुए हैं. अगर 17 मई तक कोई नामांकन वापसी नहीं होती है तो चुनाव आयोग को हर मतदान केंद्र पर 3 ईवीएम मशीनें लगानी होंगी. वाराणसी संसदीय सीट पर बीजेपी की ओर से नरेंद्र मोदी, कांग्रेस से अजय रॉय, बसपा से अथर जमाल भी मैदान में है. अब देखना रोचक होगा कि लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को होने वाले मतदान की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारी भरकम सियासी कद के सामने श्याम रंगीला कैसे अपनी मिमिक्री अदाकारी से लोगों के मन में जगह बना पाते हैं.