शाह का मिशन जम्मू-कश्मीर, पहाड़ी पिछड़ों-दलितों से किया आरक्षण का वादा, DGP की हत्या से मचा बवाल

70 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर पर तीन परिवारों ने राज किया, सिर्फ अपने परिवारों में बना दिया था लोकतंत्र, तीन परिवारों ने लोकतंत्र का, सिर्फ पीढ़ियों तक शाासन करना निकाल दिया था जम्हूरियत का मतलब- अमित शाह

महानवमी पर अमित शाह ने लिया मां वैष्णों देवी का आशीर्वाद
महानवमी पर अमित शाह ने लिया मां वैष्णों देवी का आशीर्वाद

Politalks.News/JammuKashmir. इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनावी तारीखों का एलान हो सकता है. यही कारण है कि अपनी रणनीति के तहत बीजेपी के चाणक्य एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार को जम्मू कश्मीर पहुंचे. यही नहीं मंगलवार को राजोरी में हुई विशाल सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के लोगों आरक्षण देने का चुनावी वादा भी किया. इससे पहले अमित शाह ने वैष्णो देवी मंदिर पहुंचकर महानवमी के दिन पूजा अर्चना भी की. वहीं अमित शाह का ये दौरा इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि शाह के दौरे के दौरान जम्मू-कश्मीर कारागार विभाग के पुलिस महानिदेशक हेमंत कुमार लोहिया की गला रेतकर हत्या कर दी गई. इस घटना की जिम्मेदारी आंतकी संगठन TRF ने ली और लोहिया की हत्या को उन्होंने अमित शाह के गिफ्ट बताया. फिलहाल पुलिस पुरे मामले की जांच में जुटी हुई है और पुलिस ने आरोपी नौकर यासिर अहमद को गिरफ्तार कर लिया है.

चुनावी तैयारियों में जुटे दिग्गज बीजेपी नेता अमित शाह ने जम्मू पहुंचने के बाद राजभवन में पांच समुदाय के लोगों से मुलाकात की. शाह से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में गुर्जर, बकरवाल, पहाड़ी, सिख और राजपूत समुदाय के लोग शामिल थे. वहीं मंगलवार को राजोरी में हुई विशाल सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, ‘जम्मू-कश्मीर में आज की ये रैली, मोदी, मोदी के नारे उन लोगों के लिए जवाब है, जो कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटेगा तो जम्मू-कश्मीर में आग लग जाएगी, खून की नदियां बह जाएंगी. आज नवरात्रि का अंतिम दिन है, माता वैष्णो देवी जी के दर्शन करके खुशहाल कश्मीर का आशीर्वाद मांग कर यहां आया हूं.’

यह भी पढ़े: अभिमन्यु की तरह षडयंत्र के तहत घेरा जा रहा है पायलट को, इतना धैर्य लाते कहां से हैं सचिन- गुढ़ा

सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि, ‘70 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर पर तीन परिवारों ने राज किया, लोकतंत्र सिर्फ अपने परिवारों में बना दिया था. आप सभी को कभी भी ग्राम पंचायत, तहसील पंचायत, जिला पंचायत का अधिकार मिला था क्या? तीन परिवारों ने लोकतंत्र का, जम्हूरियत का मतलब सिर्फ पीढ़ियों तक शाासन करना निकाल दिया था. देश में सरकार बदली, 2014 से नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनें, तब मोदी जी ने सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव कराए. पहले जो सिर्फ तीन परिवार के पास था, आज 30 हजार के पास जम्मू-कश्मीर का शासन आया है. नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2019 को एक महत्वपूर्ण फैसला दिया, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को उखाड़ कर फेक दिया. अगर अनुच्छेद 370 और 35A नहीं हटता तो जम्मू-कश्मीर में ट्राइबल रिजर्वेशन नहीं मिलता.’

इस दौरान अमित शाह ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘अनुच्छेद 370 और 35A हटने से यहां पिछड़ों को, दलितों को, आदिवासियों को और पहाड़ियों को अपना अधिकार मिलने वाला है. गुर्जर, बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के आरक्षण में कोई कमी नहीं आएगी और सभी को उनका हिस्सा मिलेगा. जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों ने भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. आज मोदी जी पूरे जम्मू-कश्मीर के 27 लाख परिवारों को पांच लाख तक का स्वास्थ्य का पूरा खर्च उठा रहे हैं, 70 वर्ष में इन तीन परिवारों ने दिया क्या? पहले आए दिन जम्मू-कश्मीर से पथराव के समाचार आते थे. आज पथराव के समाचार नहीं आते हैं. मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को सशक्त करने का काम किया है.’ जहाँ एक तरफ अमित शाह राजोरी की सभा में दवा करते थक नहीं रहे थे कि अब घाटी में पथराव नहीं होता तो वहीं पुलिस महानिदेशक हेमंत कुमार लोहिया की गला रेतकर हुई हत्या ने सबको झकझोर कर रख दिया.

यह भी पढ़े: महागठबंधन सरकार के लिए पहली अग्निपरीक्षा बना उपचुनाव, एक पर BJP तो दूसरी सीट पर RJD भारी

सोमवार देर शाम जम्मू-कश्मीर के डीजी हेमंत लोहिया की गला रेतकर हत्या कर दी गई है. वे सोमवार देर शाम अपने घर में लहूलुहान हालत में मृत पाए गए. गृह मंत्री के दौरे में प्रदेश के इतने बड़े पुलिस अधिकारी की हत्या से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया. हालांकि पुलिस की मुस्तैदी के कारण इस घटना के बाद से फरार नौकर को गिरफ्तार कर लिया गया है. मिली जानकारी से पता चला है कि हेमंत लोहिया की हत्या उसके नौकर यासिर अहमद ने ही की है. यासिर की एक डायरी से इस बात का खुलासा हुआ है. यासिर अहमद की इस डायरी से यह भी पता चला है कि वह काफी दिनों से डिप्रेशन में था. उसने इस डायरी के एक पन्ने में लिखा था कि वह जिस तरह की जिंदगी जी रहा है उससे इससे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन आगे क्या होगा इससे उससे परेशानी है. उसने यह भी जिक्र किया है कि वह अपनी जिंदगी से नफरत करता है. वह अपनी जिंदगी फिर से शुरू करना चाहता है.

Google search engine