Rajasthan Politics: केंद्र सरकार महिलाओं को समानता व बढ़ावा देने के लिए महिला आरक्षण बिल लेकर आई है. इस बिल को लेकर सदन में आज बहस भी हुई. इसे लेकर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इस बिल को लेकर आरएलपी महिला आरक्षण की पक्षधर है.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में चर्चा में लाए गए संविधान महिला आरक्षण विधेयक को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की विधेयक में जो प्रावधान किए गए उसे पढ़ने के बाद यह पता चला की संविधान के प्रारंभ के पश्चात पहली जनगणना के सुसंगत आंकड़ों को प्रकाशित किए जाने के पश्चात इस प्रयोजन के लिए परिसीमन कार्य के पश्चात प्रभावी होंगे. जिससे यह जाहिर हो रहा है की सरकार 2024 के आम चुनाव में इस विधेयक को प्रभावी नहीं कर पाएगी. ऐसे में यह स्पष्ट है की सरकार केवल चुनाव में दिखावे के लिए और सेना में अग्निपथ, किसान, आंदोलन, महंगाई और बेरोजगारी जैसे देश के मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए महिला आरक्षण से जुड़ा यह बिल लेकर आ रही है.
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विधानसभा और लोक सभा चुनाव से पूर्व लागू हो महिला आरक्षण
सांसद बेनीवाल ने कहा की आगामी महीनों में राजस्थान सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों तथा 2024 के आम चुनाव में महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक लागू होना चाहिए और हम इसके पक्षधर है.
9 वर्षो में क्यों नही लाए
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2014 में एनडीए की सरकार बनी और 2023 समाप्ति की और जा रहा है. ऐसे में 9 वर्षो से अधिक समय के कार्यकाल में मोदी सरकार को महिला आरक्षण से जुड़े बिल की याद क्यों नही आई, बेनीवाल ने कहा की इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद भी यह देश के आम चुनाव में लागू नहीं हो पाएगा. जो सरकार की मंशा और नीति पर बड़ा सवालिया निशान है, जबकि प्रधानमंत्री और एनडीए के नेता अभी से श्रेय लेने की होड़ में लग गए, जबकि इस बिल को लाने के लिए पूर्व में कई सरकारों द्वारा प्रयास भी किए गए.