Politalks.News/Rajasthan. पंजाब और उत्तराखंड में ‘सीजफायर’ करवाने के बाद कांग्रेस आलाकमान का फोकस अब राजस्थान पर है. राजस्थान के दोनों खेमों ने दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा दी है. इस बार बड़ी बात यह है कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आलाकमान के पाले में गेंद डाल दी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सीएम गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘राजस्थान के विषय पर सारी स्थिति सोनिया गांधी और कल हुई बैठक में रख दी है. अब आगे का निर्णय आलाकमान पर छोड़ा है, जो आलाकमान करेगा वह हम सब को मंजूर है’. इधर कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 15 नवंबर या उसके बाद कभी भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीति नियुक्तियों की सौगात कांग्रेस नेताओं को मिल सकती है. कल राहुल गांधी के आवास पर सीएम गहलोत, प्रियंका गांधी, वेणुगोपाल और अजय माकन की मीटिंग के बाद आज सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी के साथ चर्चा कर प्रदेश कांग्रेस का भविष्य की राजनीति का फॉर्मूला भी सौंप दिया है. अब सभी की नजरें दिल्ली आलाकमान पर टिकी हुई हैं.
राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दिल्ली में दो दिन से गहमागहमी जोरदार है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दिल्ली दरबार में हाजिरी लगा दी है. दोनों ही दिग्गजों ने आलाकमान के सामने अपना पक्ष रख दिया है और साथ ही ये भी कहा है कि जो आलाकमान फैसला करेगा हमें मंजूर होगा. पूरे घटनाक्रम पर नजर डाले तो सबसे पहले सचिन पायलट ने बुधवार सुबह संगठन महासचिव से मुलाकात की और अपनी बात रखी. इसके बाद शाम को राहुल गांधी के आवास पर मुख्यंमत्री अशोक गहलोत, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी और प्रभारी अजय माकन मौजूद रहे. करीब 3 घंटे इन दिग्गजों ने मंत्रिमंडल पुनर्गठन, राजनीतिक नियुक्तियों और 2023 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया.
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इसके बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 10, जनपथ जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. करीब एक घंटे चली इस मुलाकात के बाद सीएम गहलोत मुस्कुराते हुए बाहर निकले और मीडिया से खुलकर बात की. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर आलाकमान तय करेगा कब होगा, हमने हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया है. जो फैसला हाईकमान करेगा हमें मंजूर होगा’. सीएम गहलोत ने कहा कि, कल की मीटिंग और आज आलाकमान के सामने फीडबैक दे दिया है. मैं अपना पक्ष आलाकमान के सामने रख चुका हूं. अब सोनिया गांधी, वेणुगोपाल, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी मिलकर जो तय करेंगे वो मंजूर होगा, आलाकमान का संदेश है की सभी एकजुट रहो‘.
मीडिया से बात करते हुए एक बार फिर सीएम गहलोत ने मीडिया को ही आड़े हाथ लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘सब्र रखें, आप लोग हर बार डेट बता देते हैं, ये सपना कैसे आता है आप लोगों को‘. एक बार फिर एक अखबार का जिक्र करते हुए सीएम ने बताया कि ऐसी खबर लिखते हैं कि लगता है कि मीटिंग के दौरान कोई कैमरा लगा रखा था. सीएम गहलोत ने कहा कि, ऐसी खबरों से आपकी क्रैडिबिलिटी गिरती है’ .
साथ ही देश के वर्तमान हालातों पर चिंता जताते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘देश के हालात गंभीर हैं. लोकतंत्र और संविधान आज खतरे में हैं. सेंट्रल एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है. विपक्ष की सुनी नहीं जा रही है. आलोचना करने वालों को ये देशद्रोही करार देकर जेल में डाल देते हैं’. पेट्रोल-डीजल और महंगाई के मुद्दे पर सीएम गहलोत ने मोदी सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘ केन्द्र सरकार को चाहिए राज्य सरकारों की मदद करें, लेकिन उलटा हो रहा है. केन्द्र सरकार ने देश में लूट मचा रखी है एक्साइज ड्यूटी कम कर राज्यों का हिस्सा मारा जा रहा है. फिर ऊपर से अमित शाह फोन करके कहते हैं की वैट कम करो, इन सभी मुद्दों की जानकारी कांग्रेस अध्यक्ष को दी गई है’. सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘सोनिया गांधी ऐसी नेता हैं जो देश की समस्याओं की नब्ज पर हाथ रखती हैं, कोरोना में नरेगा ने सभी को बचा लिया’.
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इधर, दिल्ली में मुलाकातों के दौर और सीएम गहलोत और पायलट के बयानों के बाद माना जा रहा है कि राजस्थान में जल्द ही बहुप्रतीष्ठित बदलाव देखने को मिल सकता है. कुछ लोगों का अंदाजा था कि पंजाब की तरह राजस्थान में भी आलाकमान चौंका सकता है. लेकिन सीएम गहलोत की गुड गवर्नेंस और उपचुनाव में मिली बंपर जीत के बात ऐसा होता दिख नहीं रहा है. वहीं दिल्ली कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि, ‘अब तक की बैठकों में मंत्रिमंडल पुनर्गठन, राजनीतिक नियुक्तियों समेत पायलट की भूमिका को लेकर सभी फैसले लिए जा चुके हैं. अब समय है उन्हें लागू करने का है. माना जा रहा है कि 15 नवंबर के बाद से कांग्रेस के नेताओं के अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं.