शुरू हुई मंत्रिमंडल और नियुक्तियों की धुकधुकी, सीएम ने भी दिए संकेत, लेकिन करना पड़ सकता है इंतजार

गोविंद सिंह डोटासरा को साथ लेकर दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों पर प्रियंका, माकन और वेणुगोपाल से सलाह के बाद सोनिया और राहुल से करेंगे मुलाकात, लेकिन राज्यपाल की अनुपस्थिति और जन जागरण अभियान बन सकता है रोड़ा, पेट्रोल-डीजल पर कितना वैट करें कम इसका भी होगा निर्णय

शुरू हुई मंत्रिमंडल और नियुक्तियों की धुकधुकी
शुरू हुई मंत्रिमंडल और नियुक्तियों की धुकधुकी

Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देर रात दिल्ली पहुंच गए हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी सीएम गहलोत के साथ ही दिल्ली पहुंचे हैं. प्रदेश में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगाए बैठे विधायकों और नेताओं में धुकधुकी शुरू हो गई है. हालांकि मंत्रिमंडल पुनर्गठन और नियुक्तियों के साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत का यह दौरा प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर लग रहे वैट में कितनी कटौती हो इसे लेकर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मंगलवार शाम जोधपुर में सीएम गहलोत ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि राजस्थान में वह भी वैट में कटौती करने जा रहे हैं, लेकिन ये कटौती कितनी होगी यह निर्णय सीएम गहलोत आलकमान से बात करके ही करेंगे. वहीं राज्यपाल की अनुपस्थिति और कांग्रेस का जन जागरण अभियान के चलते अभी मंत्रिमंडल पुनर्गठन और नियुक्तियों पर नेताओं को करना पड़ सकता है इंतजार.

इस तरह प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट में कितनी कटौती हो, मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों जैसे अहम मुद्दों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डोटासरा की आज प्रियंका गांधी, प्रभारी अजय माकन और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ मुलाकात होनी है. इसके साथ सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मुलाकात का समय मांगा है. आलाकमान की मुहर के बाद किसी भी वक़्त प्रदेश के इन सियासी मुद्दों को लेकर बड़ी घोषणा हो जाएगी. वहीं दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मंगलवार को जोधपुर दौरे पर रहे. दिनभर के व्यस्त कार्यक्रमों के बाद रात 8.30 बजे जोधपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और साथ ही प्रदेश में वैट कम करने और मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों के जल्द पूरा होने के संकेत भी दिए.

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पत्रकारों से बातचीत में पेट्रोल व डीजल पर वैट संबंधी सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने स्पष्ट कहा कि केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर 5-10 रुपए कम कर दिए और अब हम पर दबाव बना रहे हैं. यह वित्तीय मामला है, सोच-समझ कर फैसला लेंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति और नीयत दोनों ही खराब है और केंद्र चाहता है कि राज्य कमजोर रहें. इसके चलते केंद्र ने पेट्रोल डीजल पर जो एक्साइज ड्यूटी कम की है उसका सीधा नुकसान राज्यों को हुआ है, क्योंकि एक्साइज ड्यूटी में राज्य का भी हिस्सा होता है. केन्द्र ने उसी से को कम किया है जिससे राज्यों को नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का फोन आया था उनके पास, वे वेट कम करने की बात कर रहे हैं. मैंने अमित शाह को पत्र लिखा है, वे दबाव बना रहे हैं. इससे राज्य को घाटा होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि हम भी जनता को राहत देने के लिए विचार कर रहे हैं हर राज्य का अपना वित्तीय प्रबंधन होता है और जल्दी ही हम इस पर भी फैसला लेंगे.

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जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान प्रदेश में होने मंत्रिमंडल पुनर्गठन और नियुक्तियों के सवाल पर बड़ा संकेत देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पिछली बार जब मैं जोधपुर आया था तो वापस जाकर मैंने कुछ घोषणा की थी लेकिन आज मैं जयपुर नहीं दिल्ली जा रहा हूं. यानी कि सीएम गहलोत ने यह संकेत दिए कि वे दिल्ली जा रहे हैं जिससे राज्य में आगामी दिनों में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल और संगठन की नियुक्तियों को लेकर निर्णय होंगे. जिसका इंतजार लंबे समय से विधायक, नेता और जनता सब कर रहे हैं.

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मंत्रिमंडल पुनर्गठन के लिए करना पड़ सकता है इंतजार
वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व गोविंद सिंह डोटासरा की दिल्ली की यात्रा को लेकर विधायकों और कांग्रेस नेताओं में धुकधुकी भले ही शुरू हो गई हो,, लेकिन अभी प्रदेश में मंत्रिमंडल पुनर्गठन और राजनीतिक नियुक्तियों के लिए विधायकों और नेताओं को और इंतजार करना पड़ सकता है. वो ऐसे कि, राज्यपाल कलराज मिश्र 13 नवंबर तक दिल्ली दौरे पर रहेंगे. राज्यपाल आज सुबह दिल्ली पहुंच जाएंगे. 11 नवंबर को उनका राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उप राज्यपालों के सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है. उसके बाद 13 नवंबर तक राज्यपाल को वापस जयपुर लौटना है. तो वहीं 14 नवंबर से 29 नवम्बर तक राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का जन जागरण अभियान शुरू होने जा रहा है. जिसमें कांग्रेस पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और महंगाई के लिए केंद्र सरकार की गलत नीतियों को आम जनता तक पहुंचाएगी. ऐसे में इस अभियान के बीच में मंत्रिमंडल विस्तार या राजनीतिक नियुक्तियां करना मुश्किल दिखाई लग रहा है.

आपको बता दें, प्रदेश का मंत्रिमंडल और राजनीतिक नियुक्तियों का प्रमुख मुद्दा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर बना हुआ है. इस पर अंतिम निर्णय के लिए ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने साथ पीसीसी चीफ डोटासरा को लेकर आलाकमान से मुहर लगवाने दिल्ली गए हैं, हालांकि पेट्रोल डीजल पर वैट के मुद्दे पर भी आलाकमान से रेट तय करवानी है. इससे पहले मंगलवार को सीएम गहलोत जोधपुर दौरे पर लगातार व्यस्त रहे. शाम को प्रेसवार्ता के बाद अपने भाई के पारिवारिक आयोजन में भी भाग लिया और उसके बाद रात को दिल्ली के लिए विशेष विमान से रवाना हो गए.

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