Politalks.News/Maharashtra/PoliticalCrisis. महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिन्दे सहित लगभग 40 विधायकों की बगावत के बाद खड़ा हुआ सियासी संकट हर बीतते दिन के साथ उलझता जा रहा है. वर्तमान हालात की बात करें तो अभी भी महा विकास अघाडी के लिए खासा मुश्किल वक़्त है और बहुमत बनाए रखना ठाकरे सरकार के लिए चुनौती साबित हो रहा है. इस बीच आज महाराष्ट्र में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं के साथ एक अहम बैठक की है. उस बैठक में एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार की तरफ से कई बिंदुओं पर चर्चा की गई. महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार पर संकट के बीच शरद पवार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुंबई के वाई बी चव्हाण सेंटर में की गई इस बैठक में शरद पवार (Sharad Pawar) ने नेताओं से कहा कि एनसीपी महाविकास अघाड़ी (MVA) के साथ है. आखिरी तक लड़ाई लड़ेंगे.
वरिष्ठ दिग्गज नेता शरद पवार की बैठक में सभी MLA, MP और नेता मौजूद रहे. इस दौरान महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार में मंत्री और एनसीपी में नम्बर दो नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि हमारी भूमिका अघाड़ी सरकार चलाने की है. सरकार टिकने कि जिम्मेदारी हम तीनों की है. संजय राउत के अघाड़ी से गठबंधन तोड़ने वाले बयान पर अजित पवार ने कहा कि वो उनका अधिकार है. उन्होंने क्यों ऐसा बोला, मुझे नहीं पता. मैं जरूर उद्धव ठाकरे से पूछूंगा कि ऐसा क्यों संजय राउत ने कहा है? हम आखिर तक उद्धव के साथ खड़े रहेंगे. एनसीपी के सभी विधायक MVA को सपोर्ट कर रहे हैं, हम इससे पीछे नहीं हटने वाले हैं.
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वहीं बैठक के दौरान शरद पवार ने पार्टी नेताओं से कहा है कि अभी वे वर्तमान स्थिति पर पैनी नजर बनाए रहें. सब कुछ समझने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा. उनके बयान से साफ है कि एनसीपी अभी कोई जल्दबाजी नहीं करने वाली है. किसी भी तरह का फैसला इस समय नहीं लिया जाएगा. बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि बहुमत का फैसला विधानसभा में होगा. उद्धव ठाकरे के पास बहुमत है. हम सरकार बचाने की हर कोशिश करेंगे. पवार ने संजय राउत के बयान पर कहा कि राउत ने यही कहा है कि जो कहना है (बागी विधायकों को) मुंबई में आकर बात रखनी चाहिए, यही बात उद्धव ठाकरे ने भी बताई है.
इसके अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस बात पर भी जोर दिया कि अभी पार्टी को शिवसेना का साथ नहीं छोड़ना है. वहीं जो विधायक बागी हो चुके हैं, उन्हें वापस लाने में शिवसेना की मदद करनी होगी. इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि वे शिवसेना के आंतरिक मामले में दखल नहीं देने वाले हैं. लेकिन अब जब संकट सरकार पर गहराता जा रहा है, वे भी सक्रिय भूमिका निभाते दिख सकते हैं. इस दौरान शरद पवार ने यहां तक कह दिया कि सरकार बचाने के लिए कुछ भी किया जाएगा और जो भी बागी हुए हैं, उन्हें भी कीमत चुकानी पड़ेगी.
दरअसल, शरद पवार के बयान से ठीक पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि शिवसेना एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी विधायकों की एमवीए से अलग होने की मांग पर ‘विचार करने के लिए तैयार’ है. आपको बता दें कि संजय राउत ने यह बयान उद्धव ठाकरे के साथ बैठक के बाद दिया है.
वहीं एनसीपी की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजित पवार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि पार्टी अंत तक उद्धव ठाकरे के साथ खड़ी रहने वाली है. पूरी कोशिश की जाएगी कि इस सरकार को बचा लिया जाए. वहीं क्योंकि कुछ शिवसैनिक विधायकों ने आरोप लगाया कि एनसीपी के गार्जियन मंत्रियों द्वारा उन्हें जरूरी फंड नहीं दिए जाते थे, इस पर अजित पवार ने सिर्फ इतना कहा है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं और उनकी पार्टी ने कभी भी विकास में अड़ंगा नहीं डाला.
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आपको बता दें, एनसीपी के अलावा कांग्रेस की तरफ से भी बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. मीटिंग में कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि सरकार को बचा लिया जाएगा और एकनाथ शिंदे 37 विधायकों का समर्थन हासिल नहीं कर पाएंगे. मीटिंग में ये स्पष्ट कर दिया गया है कि जब तक शिवसेना खुलकर ना कहे कि वो बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है, महा विकास अघाडी एकजुट रहने वाली है, सरकार भी चलती रहेगी.
गौरतलब है कि शिवसेना के बागी नेता और उद्धव सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे की मांग है कि शिवसेना महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन तोड़ ले और बीजेपी के साथ सरकार बनाए. एकनाथ शिंदे करीब 45 विधायकों के साथ गुवाहाटी के होटल में डेरा डाले हुए हैं.